सन्देश: 31 मार्च तक ब्लॉग जगत से दूर हूँ-रविकर
शुभ-होली
आज विश्व कविता दिवस (वर्ड पोयट्री डे) : 21 मार्च पर
कविता
नहीं बनाई जा सके , कविता खुद बन जाय
कागज पर उतरे नहीं , मन से मन तक जाय
मन से मन तक जाय , वही कविता कहलाये
अनायास उत्पन्न , ह्र्दय का हाल
बताये
युग - परिवर्तन करे , सत्य शाश्वत सच्चाई
कविता खुद बन जाय , जा सके नहीं बनाई ||
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मुर्दा मुद्दा जिया, हिलाता देश तमिलियन
मिलियन घपले से डिगी, कहाँ कभी सरकार ।
दंगे दुर्घटना हुवे, अति-आतंकी मार ।
अति-आतंकी मार, ख़ुदकुशी कर्जा कारण ।
मँहगाई भुखमरी, आज तक नहीं निवारण ।
काला भ्रष्टाचार, जमा धन बाहर बिलियन ।
मुर्दा मुद्दा जिया, हिलाता देश तमिलियन ॥
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लड़के भूले नैनसुख, प्रेम-धर्म तकरार।
बोले जय सरकार, चले वो गली छोड़ के ।
अफ़साना नाकाम, मजे में मोड़ मोड़ के ।
जमानती नहिं जुल्म, व्यर्थ झंझट में पड़के ।
हवालात की बात, बड़ा घबराते लड़के ॥
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कौशिक सुनहुँ मंदु यहि बालक |
संकट-कारक करुण कुचालक |
यू पी घूमा बाँह चढ़ाए |
नहीं मुलायम धरती पाए |
माया महा ठगिन हम जानी |
चर्चित सत्ता रही कहानी |
यही बने अब जीवन-दाता |
पूजो बेटा पूजो माता ||
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कार्टून कुछ बोलता है- कैसे नहीं चलेगी सरकार ?
छापा करुना पर पड़ा, ममता थी निर्दोष ।
महाठगिन माया ठगी, हृदय मुलायम तोष ।
हृदय मुलायम तोष, बड़ा मोहन मन सच्चा ।
छोड़ हमें जो जाय, उड़ा देते परखच्चा ।
सी बी आय संकेत, खो रही सत्ता आपा ।
टला बहुत स्टालिन, आज पड़ जाता छापा ॥
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"मयंक का कोना"
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होली के लिए कुछ खास
महाराजा समोसे सामाग्री बेस के लिए :- एक किलो मैदा , 150 ग्राम घी , एक टी स्पून बेकिंग पावडर , गुनगुना पानी ।... |
ऐसी प्रताड़ना सबको मिले
नहीं। मुझे मिली इस अनूठी प्रताड़ना को आप तक पहुँचाने के लिए मैं शब्दों की कोई सजावट नहीं करूँगा। सब कुछ, वैसा का वैसा ही रख दूँगा जो मेरे साथ हुआ। सजावट, आकर्षक या नयनाभिराम भले ही लगे किन्तु वास्तविकता को ढँक सकती है। विरुदावलियों की सुन्दरता, तथ्यों को नेपथ्य में धकेल सकती हैं। ‘आपको यह सवाल पूछने की जरूरत क्यों पड़ी?...
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अब की सजन मैं ..होली.....
क्या ..काम बहुत है ...इस बार होली .. में नहीं आ पाओगे .......? मत आना परदेशी पिया मैं ...... कुछ नहीं बोलूँगी .... अब की सजन मैं ..हो..ली .... |
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंसभी लिंकों का चयन बहुत बढ़िया किया है आपने!
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भाई रविकर जी!
आप आराम से होली मनाने के लिए जाइए!
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मेरी ओर से आप सपरिवार होली की अग्रिम शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
आदरणीय रविकर जी, अप्रतिम लिंक संयोजन! होली के सभी रंगों का आनंद दे दिया! बधाई! होली की ढेरों शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंमेरे दो लिंक चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका सादर आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र सजाये हैं।
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर लिनक्स चयन | बधाई |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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बहुत सुन्दर चर्चा,रविकर जी !आभार !
जवाब देंहटाएंआदरणीय गुरुदेव श्री रविकर सर बहुत ही सुन्दर चर्चा अच्छे पठनीय सूत्र हार्दिक आभार.
जवाब देंहटाएंwaah bahut badhiya chacha ..thanks nd aabhar,,
जवाब देंहटाएंवक्त निकालकर मेरी ब्लाग पोस्ट वक्त कहाँ है को यहाँ तक लाने के लिये आपको धन्यवाद । आभार सहित...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ... अच्छे लिंक्स हैं सभी ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन सभी चयन पठनीय व बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार..
जवाब देंहटाएंरंग-बिरंगी प्रस्तुति और चुने हुए अंश बहुत रुचिकर रहे -आपका आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा और सुंदर लिंक्स, मेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार.
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