दोस्तों 'ग़ाफ़िल' का आदाब क़ुबूल फ़रमाएं!
पेश हैं आज की चर्चा के लिंक-
पेश हैं आज की चर्चा के लिंक-
- फागुन की फागुनिया लेकर, आया मधुमास! -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
- हकीकत : दिल्ली से भीख मांगते रहे नीतीश! -महेन्द्र श्रीवास्तव
- इस्लामिस्ट कभी खुश नहीं रह सकते - तसलीमा
- कह कुम्भ विशुद्ध जियारत हज्ज नहीं फतवावन से डरता -‘रविकर’
- रंगीलो राजस्थान : राठौर राजाओं का समाधि-स्थल जसवन्त थड़ा -मनीष कुमार
- इन्तजार -आशा सक्सेना
- अक्सर मैं -संजय भाष्कर
- उसका दरवाज़ा मेरी सूरत नहीं पहिचानता -नवीन
- मयनोशी -प्रो. ईश मिश्र
- आरोग्य प्रहरी -राम राम भाई!
- हाथों की लकीरों को देखता हूँ -‘निरन्त’
- यहाँ पत्थर बहुत रोया वहां आंसू नहीं आते -अरुन शर्मा ‘अनन्त’
- बलात्कारियों में वोट बैंक -डॉ. आशुतोष मिश्र ‘आशू’
- हिंद स्वराज्य-3 -मनोज कुमार
- कमीने कानून बनाने वाले -दिव्या श्रीवास्तव ZEAL
- राह कँटीली -डॉ. हरदीप सन्धु
- क्या आप अपनी औलाद से प्यार करतें हैं ? -अशोक सलूजा
- क्या यह आत्मघात नहीं है? -साधना वैद
- ऋण उतार! -कालीपद प्रसाद
- चाचा का कोट -अन्नपूर्णा वाजपेयी
- वादा - कविता
रखना बहुत सँभाल के, ये मोती अनमोल।
सारे जग के सामने, यही खोलता पोल।। - वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री दिगंबर नासवा
मौसम होलीमय हुआ, ताऊ जी के साथ।
अच्छे-अच्छों को यहाँ, ताऊ मारे लात।।
अच्छे-अच्छों को यहाँ, ताऊ मारे लात।।
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अब धरती के साथ में, अम्बर भी रंगीन।
होली के माहौल में, अज़ब़-ग़ज़ब हैं सीन।। -
हीरा हाथ न आय तो, करना नहीं मलाल।
कंकड़-पत्थर बीन के, मत पानी में डाल।। -
दुःख और अनुराग की, होती कथा विचित्र।
लेकिन हैं हर हाल में , ये दोनों ही मित्र।
- फ़ेसबुक के साइड इफ़ेक्ट -काज़ल कुमार
beautiful links
जवाब देंहटाएंग़ाफिल जी, बहुत ही प्यारे-प्यारे लिंक आप हमारे लिए खोज कर लाए हैं। आभार।
जवाब देंहटाएं.......
भारतीय वैज्ञानिक ने हासिल किया नया मुकाम...
कई सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंजैसे ही पढ़ने लगे मन हुआ प्रसन्न |
आशा
महत्वपूर्ण लिंकों को समेटे हुए सुन्दर और उपयोगी चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार ग़ाफ़िल जी आपका!
Achche Links..... Abhar
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन लिंकों को समेटे हुए सुन्दर और चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ग़ाफ़िल जी आपका.... चर्चा का हिस्सा बनाने के लिए ..!!!
सुन्दर चर्चा, बढ़िया लिंक्स... स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर मेरी रचना को आपने स्थान दिया आभारी हूँ गाफिल जी ! अन्य सभी लिंक्स भी आकर्षक हैं ! धन्यवाद आपका !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा और सार्थक लिंक्स संयोजन,धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा लिंक !
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा मंच-
जवाब देंहटाएंआभार भाई गाफिल जी-
साफ सुथरी शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और बेहतरीन लिंक्स, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत ही उम्दा सुंदर लिंक्स,,,
जवाब देंहटाएंRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
गाफिल जी की का आदाब और अदा दोनों पसंद आयी
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सेतु चयन किया गया है चर्चा मंच हेतु .शुक्रिया आरोग्य को शरीक करने के लिए .
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंस्वर और संगीत बंदिश का सभी उत्कृष्ट दर्जे का रहा .
फागुन की फागुनिया लेकर, आया मधुमास! -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबधाई