मित्रों!
सोमवार के चर्चाकार आदरणीय “ग़ाफ़िल” जी शिव की आराधना में व्यस्त हैं। इसलिए आज “मयंक” की पसन्द के कुछ लिंक देखिए!
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दूसरी सूचना यह है कि मंगलवार की चर्चाकार आदरणीया राजेश कुमारी जी 21 मार्च तक बाहर गयी हुईं हैं। अतः आगामी 2 मंगलवार के लिए भाई “रविकर जी चर्चा करेंगे।
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हे शिव ! जागो !! |
"हृदय के उदगार” की समीक्षाराजेश कुमारी का रचना संसार!"हृदय के उद्गार" |
हैरत होती है हमें, करते कड़वी बात-"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर |
तेरा अहसास....मेरा मन पंछी सा पर Reena Maurya |
बुरा न मानो होली है ...:):)काव्य मंजूषा | भाविनी त्रिपाठीपहली बार परpahli bar |
सपनों का संसारOcean of Bliss परRekha Joshi - | अतिआवश्यक अनुरोधZindagi semuthbhed परAziz Jaunpuri |
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।कुमाउँनी चेली परशेफाली पाण्डे | नयन-सुख की लाचारी को उसका धैर्य समझने का भ्रम !अंधड़ !पी.सी.गोदियाल "परचेत" |
महाशिवरात्रि...मधुर गुंजन परऋता शेखर मधु | फेसबुकिया ब्लॉगिंग और ब्लॉग पर फेसबुकिंग -- यही है ज़माने की चाल !अंतर्मंथन |
कुछ मेरी कलम से और रंजू......अपनी बात... पर वन्दना अवस्थी दुबे |
पुरूष दिवस की हार्दिक बधाई ताऊ...ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया |
शिवरात्रि के अवसर परमीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प |
हाजियों की एक बड़ी जमात दीन की समझ से दूर हैBlog News पर DR. ANWER JAMAL |
कर भरोसा अपने परAkanksha पर Asha Saxena |
'ये कैदे बामशक्कत जो तूने की अता है 'दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की) |
लड़कियों की जिन्दगीसहज साहित्य | ॐ नमः शिवाय चजो मेरा मन कहेपर Yashwant Mathur |
आला आशिक आस्तिक, आत्मिक आद्योपांतबेसुरम् | अर्ज सुनियेमेरा मन परदिनेश पारीक |
तो प्रश्न उठता है फिर पैदा ही क्यों किया वो बीज ????????एक प्रयासजग नियंता नियंत्रित किये है सारी सृष्टि मगर "मैं" अनियंत्रित है अस्फुट है बेचैन है खानाबदोश ज़िन्दगी आखिर कब तक जी सकता है हाँ | बस 1 तोप की सलामीKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून |
इस्लाम हमें अपने निर्माता और मालक से मिलाता हैप्रेमवाणी |
दरगाह दीवान भी भारत सरकार से तो अच्छे हैं !!शंखनाद पर पूरण खण्डेलवाल |
मैं शिव ...nayee udaan पर उपासना सियाग |
“रविकर का कोना” |
(1)"दुनिया में आने दो!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) उच्चारण - |
(2)Kedarnath (12 Jyotirlinga) Temple केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में सर्वाधिक ऊँचाई वाला ज्योतिर्लिंग
Jatdevta Sandeep
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बढ़िया लिंक्स | मज़ा आया पढ़कर |
जवाब देंहटाएंकार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा लिंक !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
बढ़िया लिंक्स, आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंये हैं शहादत के सौदागर, मीडिया भी मौन !
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र श्रीवास्तव at TV स्टेशन ...
शोकाकुल परिवार से गहरी सहानुभूति-
किन्तु क्या-
हो सकता है क्या नहीं, रिश्ते अब असहाय |
खर्चा पूरा नहिं पड़े, नाम लिस्ट में आय |
नाम लिस्ट में आय, सभी का हक़ पर हक़ है -
जीजा देवर बहन, खफा इन से नाहक है |
शायद पहली मौत, देश में इतनी चर्चा |
उठा रही सरकार, सभी नातों का खर्चा ||
उम्दा ब्लॉग शेयर करने के लिए बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिनक्स मिले..... आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा गुरु जी बधाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय गुरुजनों, मित्रों एवं पाठकों सादर प्रणाम स्वीकारें. वाह आदरणीय गुरुदेव श्री बेहद सुन्दरता से सजा चर्चा मंच पठनीय सूत्रों से सुसज्जित है. हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंसबको पर्व की शुभकामनाएं.
अच्छे लिंक्स, बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान के लिए आभार
बहुत बढिया लिंक्स संजोये हैं ………बहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शिव भक्ति से ओत-प्रोत लिंकों की चर्चा.कुछ मार्मिक भावपूर्ण लिंकों की भी चर्चा,सादर नमन.
जवाब देंहटाएंहमारी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर!
जवाब देंहटाएंसादर
चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका शुक्रिया.///
जवाब देंहटाएं:-)
बढ़िया सजा चर्चा मंच |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
सुसज्जित मंच,उत्कृष्ट लिंक्स...आभार !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र सजाये हैं।
जवाब देंहटाएंमेरे लेख को 'चर्चा' लायक मानने और स्थान देने हेतु आदरणीय शास्त्री जी का बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंमेरा विचार है... चर्चा मंच पर किसी एक दिन किसी ख़ास विषय पर आधरित लिंक दिए जाए... ताकि एक ही विषय पर अनेक लेखकों के विचारों से अवगत हुआ जा सके
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन /सभी रचनाकारों को बधाई
संयोजन का आभार
दुःख-सुख दोनों में रहे,अविचल,अडिग, सामान |
जवाब देंहटाएंसच्चा शिव का भक्त वस,उस को कहें सुजान ||
शिव जागरण की रचनाएँ सचमुच सराहनीय हैं !