फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, मार्च 20, 2013

ठिठक गयी कोयल की कूक (बुधवार की चर्चा-1189)

आप सबको प्रदीप का नमस्कार |
बिना देर किये चलते हैं आज की चर्चा की ओर:
बरसों का साथ
@ परवाज़...शब्दों के पंख

dharmnirpekshtaa
@ samandar
(१)
ढाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय....
धरा स्वर्ग हो जायेगी, जब बरसेगा प्यार।
ढाई आखर प्रेम का, बहुत बड़ा उपहार।।
(२)
उन यादों को मैं क्यूं भूलूं मैं........प्रीति सुराना
भरी हुई हैं ग़ज़ल में, जीवन की कुछ याद।
आता है इनमें मुझे, खट्टा-मीठा स्वाद।।
(३)
प्यार कैसे करें
धीरे-धीरे बस गई, वो धड़कन के संग।
जीवन में उसने भरे, कई अनोखे रंग।।
(४)
कविता और प्यार
बना रहीं हैं मक़बरा, देखो नूतन आज।
काग़ज़ में छाया हुआ, प्यार-प्रीत का राज।।
आज के लिए बस इतना ही | मुझे अब आज्ञा दीजिये | मिलते हैं अगले बुधवार को कुछ अन्य लिंक्स के साथ |
तब तक के लिए अनंत शुभकामनायें |
आभार |

23 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर समसामयिक चर्चा!
    आभार इंजीनियर प्रदीप कुमार साहनी जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. पठनीय लिंकों से सजी सुन्दर चर्चा !!
    आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा है... .. आज की ताज़ी पोस्ट हैं ... मुझे भी शामिल किया गया है.... सादर धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. Drought in Maharashtra - Government and Beer Companies
    @ महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar)





    बीयर पी पी कोस ले, चल ले ढाई कोस |
    इक मटकी पानी मिला, छिडको आये होश |


    छिडको आये होश, जान जनता की अटकी |
    दे बयान सरकार, फिरे फिर मटकी मटकी |


    है सूखा विकराल, राल घोटो मत डीयर |
    बीयर अति-उत्पाद, बैठकी होवे बीयर ||

    जवाब देंहटाएं
  5. उधर डीएमके समर्थन वापस ले रहा है और इधर मनमोहन अपनी शाएरी कर रहे है…वाह!इरशाद!!
    IRFAN
    ITNI SI BAAT

    किडनी डी एम के गई, वेंटीलेटर पार ।

    इन्ज्वायिंग मेजोरिटी, बोल गई सरकार ।

    बोल गई सरकार, बहुत आनंद मनाया ।

    त्राहि त्राहि इंसान, देखना भैया भाया ।

    सत्ता का आनंद, हाथ की खुजली मिटनी ।

    हाथी सैकिल बैठ, लूट लाएगा किडनी ।

    जवाब देंहटाएं
  6. अच्छी पठनीय सामग्री मिली.....शुक्रिया आपका !!!

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। सभी लिंक्स बहुत ही सुंदर हैं.....

    जवाब देंहटाएं
  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही पठनीय लिंकों से सजी बेहतरीन प्रस्तुतीकरण,धन्यबाद.

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रदीप जी, विविधताओं से भरी सुंदर चर्चा ! मंच पर मुझे भी सम्मिलित करने के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर लिंक्स..रोचक चर्चा...

    जवाब देंहटाएं


  12. हार्दिक आभार प्रदीप जी इतने सारे अच्छे लिंक्स से रु- ब-रु करवाने के लिए |
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए शुक्रिया ........

    जवाब देंहटाएं
  13. मेरी पसंदीदा रचना
    और वो भी चर्चा मंच पर
    आल्हादित हूँ मैं
    आभार....

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  14. सुन्दर सुव्यवस्थित लिंक ..सुन्दर चर्चा ..आभार.

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सार्थक मनभावन चर्चा शानदार विविध रूपा सेतु चयन आभार हमारी प्रस्तुति के लिए .

    जवाब देंहटाएं
  16. अति सुंदर सराहनीय चर्चा प्रदीप कुमार जी हार्दिक बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  17. प्रदीप जी इतने सुन्दर लिंक्स के बीच अपनी रचना देखकर ख़ुशी हुई ...मेरी रचना को इस योग्य समझने के लिए बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।