कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा-
नारा की नाराजगी, जगी आज की भोर ।
यह नारा कमजोर था, नारा नारीखोर ।
नारा नारीखोर, लगा सड़कों पर नारा ।
नर नारी इक साथ, देश सारा हुंकारा।
कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा ।
नेता नारेबाज, पाप से करो किनारा ॥
1 समान अधिकार और सम्मान चाहिए, विशेषाधिकार नहीं
lokendra singh
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डॉ शिखा कौशिक ''नूतन ''
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4
हमने भी की गलतियाँ, मिले शर्तिया दंड |
शिकायतें भी हैं कई, किन्तु नहीं उद्दंड | किन्तु नहीं उद्दंड, सिपाही भारत माँ का | सेवा करूँ अखंड, करे ना कोई फांका | सभी हाथ को काम, ग्रोथ नहिं देंगे कमने | स्वास्थ्य सुरक्षा शान्ति, शपथ दुहराई हमने ||
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DR. ANWER JAMAL
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सदा
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क्षणिकाएं |
14लव थेरेपी बेस्ट थेरेपी
kanu.....
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17‘चिड़िया रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
18‘‘तितली रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
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22मौत सबकी समय के निशाने में है
अरुन शर्मा 'अनन्त'
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23
कार्टून कुछ बोलता है - एक उभरते उम्मीदवार का अंत !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
कई दरिन्दे शेष है, मरते हैं मर जाँय |
मारे मारे शर्म के, कुल मारे लटकाय ||
मारे मारे शर्म के, कुल मारे लटकाय ||
24Protect yourself from the flu virus this season
Virendra Kumar Sharma
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"मयंक क कोना"
(क)
रहस्य-रोमांच
(ग) विधि या पतन का दौर ?
एक नारा दिया गया है-
काश्मीर से कन्याकुमारी भारत एक है...
शायद तब से,
जब से यह नारा दिया गया है.
यदि पहले भी था, तो यह नारा क्यों?
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अच्छी चर्चा .
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान दिया,आभार .
बढ़िया और विविध विषयों के लिंक्स. मेरा पोस्ट शामिल करने के लिए बहुत-बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा .....
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक्स बेहतरीन चर्चा,अपनी रचना को यहाँ देखकर खुशी हुई.सादर आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति आभार
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
बहुत उम्दा चर्चा लिंक !!
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय !!
बहुत उम्दा चर्चा.
जवाब देंहटाएंआभार.
अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
उम्दा प्रस्तुति,आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रविकर ..परमार्थ ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिक्स के साथ सार्थक चर्चामंच ......
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल किया ,आभार.......धन्यवाद महोदय ...
रविकर11 मार्च, 2013 17:59
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।
लगता है न्योता देकर भूल गए, कविवर!!
जी आदरणीय भूल हो गई-
हटाएंकल की चर्चा में यह पोस्ट शामिल कर ली गई है-
सादर-
कोई विशेष बात नहीं थी,
हटाएंफिर भी आपने संज्ञान में लिया आभार!!
बहुत सुन्दर लिंक्स.
जवाब देंहटाएंआभार
मेरी नयी गज़ल
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): अषाढ़ का कर्ज
'चर्चा मंच' में सम्मिलित सभी रचनाएँ प्रभावशाली और यथार्थ से जुड़ी सुन्दर होती हैं !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में प्रकाशित सभी रचनाएँ सुंदर, आकर्षक और य्ठार्थ से जुड़ी होती हैं |सचमुच यह संकलन साहित्य की सेवा का अच्छा माध्यम है !
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा ,बधाई
जवाब देंहटाएंरविकर जी, सुंदर चर्चा, आभार मुझे भी शामिल करने के लिए..
जवाब देंहटाएंMEREE RACHNA KO CHARCHA ME STHAN DENE KE LIYE DHANYWAD, SATHI.
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