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मंगलवार, मार्च 12, 2013

यह नारा कमजोर था, नारा नारीखोर / चर्चा मंच 1181


कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा-

 नारा की नाराजगी, जगी आज की भोर । 
यह नारा कमजोर था, नारा नारीखोर । 
नारा नारीखोर, लगा सड़कों पर नारा । 
नर नारी इक साथ, देश सारा हुंकारा। 
कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा । 
  नेता नारेबाज, पाप से करो किनारा ॥

-----।। दांपत्य सम्बन्ध - एक दृष्टिकोण ।। -----

Neetu Singhal 
'एकल विवाह पद्धति' का अर्थ है अपने सम्पूर्ण  जीवन काल में एक स्त्री एक ही पुरुष से
एवं एक  पुरुष  एक  ही स्त्री  से विवाह पश्चात शारीरिक सम्बन्ध स्थापित कर सकता है
केवल मृत्यु की दशा में ही अथवा सम्बन्ध-विच्छेद हो जाने पर ही वह स्त्री अथवा पुरुष
अन्य पुरुष अथवा स्त्री से (एक से अधिक नहीं)सम्बन्ध स्थापित कर सकता है..,


 पुरवाई

स्त्री

करूणा और प्रेम के इन्द्रधनुषी रंगों को ,
जीवन के उतार-चढाव के ताने-बाने में ,
        चतुर बुनकर सी 
               धागा-दर-धागा 
                    रिश्तों को बुनती स्त्री**************
                             
                                          चुन-चुन कंटकों से ,
                                       नेह के बिखरे तिनके ,
                                       समेट  नीड  बनाती 
                                बिछोना वात्सल्य का बिछाती स्त्री************
जीवन सरिता में बहती 
नोका की ,पतवार सी ,
प्रवाह-पथ की लोह-चट्टानों को 
आत्मविश्वास और दृढ़ता  से  मोम  करती स्त्री************** .

 


 1
 समान अधिकार और सम्मान चाहिए, विशेषाधिकार नहीं

lokendra singh  





डॉ शिखा कौशिक ''नूतन ''  


4
हमने भी की गलतियाँ, मिले शर्तिया दंड |
शिकायतें भी हैं कई, किन्तु नहीं उद्दंड |
किन्तु नहीं उद्दंड, सिपाही भारत माँ का |
सेवा करूँ अखंड, करे ना कोई फांका |
सभी हाथ को काम, ग्रोथ नहिं देंगे कमने | 
स्वास्थ्य सुरक्षा शान्ति, शपथ दुहराई हमने ||
 ANANT KA DARD

रंग रँगीला दे जमा, रँगरसया रंगरूट |
रंग-महल रँगरेलियाँ, *फगुहारा ले लूट ||
*फगुआ गाने वाला पुरुष -

हुई लाल -पीली सखी, पी ली मीठी भांग |
  अँगिया रँगिया रँग गया, रंगत में अंगांग ||


DR. ANWER JAMAL 


सदा 
 SADA  


9

 भूली-बिसरी यादें
जाला काटे हौसला, अब हिम्मत मत हार |
कर के दृढ़ संकल्प तू, ले जिंदगी सुधार ||

10

नेता महान

Neeraj Tyagi 


12

मीठी गुड्डी ....


उपासना सियाग 
 nayee duniya  

13
satish sharma 'yashomad' 

क्षणिकाएं


14

लव थेरेपी बेस्ट थेरेपी


kanu..... 




17

‘चिड़िया रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) 

18

‘‘तितली रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) 




22

मौत सबकी समय के निशाने में है

अरुन शर्मा 'अनन्त' 

23

कार्टून कुछ बोलता है - एक उभरते उम्मीदवार का अंत !


पी.सी.गोदियाल "परचेत" 


कई दरिन्दे शेष है, मरते हैं मर जाँय |
मारे मारे शर्म के, कुल मारे लटकाय ||

24

Protect yourself from the flu virus this season

Virendra Kumar Sharma 

"मयंक क कोना"

(क)
मेरा फोटो
रहस्य-रोमांच
(ग)

विधि या पतन का दौर ?

एक नारा दिया गया है-
काश्मीर से कन्याकुमारी भारत एक है...
शायद तब से,
जब से यह नारा दिया गया है.
यदि पहले भी था, तो यह नारा क्यों?


21 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी चर्चा .
    मुझे स्थान दिया,आभार .

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया और विविध विषयों के लिंक्स. मेरा पोस्ट शामिल करने के लिए बहुत-बहुत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक लिंक्स बेहतरीन चर्चा,अपनी रचना को यहाँ देखकर खुशी हुई.सादर आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत उम्दा प्रस्तुति आभार

    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    अर्ज सुनिये

    आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत उम्दा चर्चा लिंक !!
    आभार आदरणीय !!

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लिक्स के साथ सार्थक चर्चामंच ......
    मुझे शामिल किया ,आभार.......धन्यवाद महोदय ...


    जवाब देंहटाएं
  7. रविकर11 मार्च, 2013 17:59

    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।

    लगता है न्योता देकर भूल गए, कविवर!!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी आदरणीय भूल हो गई-
      कल की चर्चा में यह पोस्ट शामिल कर ली गई है-
      सादर-

      हटाएं
    2. कोई विशेष बात नहीं थी,
      फिर भी आपने संज्ञान में लिया आभार!!

      हटाएं
  8. 'चर्चा मंच' में सम्मिलित सभी रचनाएँ प्रभावशाली और यथार्थ से जुड़ी सुन्दर होती हैं !

    जवाब देंहटाएं
  9. चर्चा मंच में प्रकाशित सभी रचनाएँ सुंदर, आकर्षक और य्ठार्थ से जुड़ी होती हैं |सचमुच यह संकलन साहित्य की सेवा का अच्छा माध्यम है !

    जवाब देंहटाएं
  10. रविकर जी, सुंदर चर्चा, आभार मुझे भी शामिल करने के लिए..

    जवाब देंहटाएं

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