आप सबको प्रदीप का नमस्कार | शुरू करते हैं आज की चर्चा:- |
टाल मटोल @ JHAROKHA ![]() |
उत्तर दोगे ? @ शिप्रा की लहरें |
तुम आज भी जीवित हो वैसी ही ....हृदय में मेरे ....!! @ anupama's sukrity ![]() |
....बोझ @ मेरे हिस्से की धूप ![]() |
कार्टून :- धंधा ये भी ठीक है![]() |
शायद रविकर जी बिजी है! (१) " प्राञ्जल की 14वीं वर्षगाँठ"
जब हम आते हैं दुनिया में, सभी बधायी देते हैं,
अनजानी सी मूरत में, हम बचपन को पा लेते हैं,
खुशियों का परिवेश, जगत में सबको बहुत सुहाता है।
मन-उपवन का हर कोना, तब खिलकर मुस्काता है।।
(२)महिला दिवस या मज़ाक ? दिवस दिखावा हो गये, होने लगी मज़ाक। जीवनदाता वृक्षा की, काट रहे हम शाख।। |
(३) चचा का यूँ गुजर जाना....हाय!! उड़नतश्तरी लिख रहे, कितने दस्तावेज। हमने मपने हृदय में, उनको लिया सहेज।। |
आज के लिए बस इतना ही | मुझे अब आज्ञा दीजिये | मिलते हैं अगले बुधवार को कुछ अन्य लिंक्स के साथ | तब तक के लिए अनंत शुभकामनायें | आभार | |
प्रदीप भाई,
ReplyDeleteबड़े श्रम से सजाई है यह चर्चा की महफिल।
कुबूल करें बधाई।
............
धुम्रपान और शराब से बचाता है...
सुन्दर और पठनीय लिंकों से सजी सुन्दर चर्चा !!
ReplyDeleteआभार !!
उत्कृष्ट लिंक चयन है प्रदीप जी ...!!
ReplyDeleteहृदय से आभार मेरी भावनाओं को स्थान दिया ,मान दिया ....!!
बढ़िया लिंक सजाने और मेरी रचना सम्मिलित करने हेतु आपका आभार प्रदीप जी !
ReplyDeleteअच्छे लिंकों के साथ मोहक और सुन्दर चर्चा!
ReplyDeleteमयंक का कोना में आज रविकर ही कुछ लगायेंगे।
मैं आज बहुत ज्यादा व्यस्त हूँ।
सादर...रविकर जी से निवेदन...!
बेहतरीन ख्याल एक साथ जमा है यहाँ .
ReplyDeleteआभार !
बहुत ही उत्कृष्ट लिंकों से सजी है आज की चर्चा,सादर आभार.
ReplyDeleteरविकर जी शायद आप भी व्यस्त होंगे...
ReplyDeleteमैंने ही "मयंक का कोना" भर दिया है अब तो...!
सुन्दर चर्चा ………बढिया लिंक्स
ReplyDeleteखूब अच्छा पढ़ने को मिल,शिप्रा की लहरें चुनने का आभार .
ReplyDeleteबहुत सुंदर पठनीय लिंक्स के साथ सजी चर्चा हेतु बधाई प्रदीप जी
ReplyDeleteman-kalam se likhi rachnaon mein meri panktiyon ko sthan dene ke liye abhhar sweekar karien va sunder rachnaon ki sunder prastuti ke liye badhai.
ReplyDeleteshubhkamnayen
सुन्दर लिंक्स बढ़िया चर्चा प्रदीप जी
ReplyDeleteअति सुन्दर चर्चा..बधाई.
ReplyDeleteबड़े ही अच्छे सूत्र सजाये हैं।
ReplyDeleteबहुत उम्दा रोचक सूत्र,,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग,
हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद!
ReplyDeleteसादर
अति सुंदर चर्चा आदरणीय प्रदीप जी ,पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद,
ReplyDeleteप्रदीप जी, सर्वप्रथम आज की इस रंगबिरंगी चर्चा के लिए बधाई, आभार मुझे भी इसका हिस्सा बनाने के लिए...
ReplyDeleteरोचक और सुन्दर लिंक्स. धन्यवाद.
ReplyDeleteKAVYA SUDHA (काव्य सुधा): आसमां रंग बदलता है
Bahut umda aur behatareen charcha ....mujhe isme shamil karne ke liye abhar...
ReplyDeletePoonam
Bahut umda aur behatareen charcha ....mujhe isme shamil karne ke liye abhar...
ReplyDeletePoonam
Bahut umda aur behatareen charcha ....mujhe isme shamil karne ke liye abhar...
ReplyDeletePoonam
सुन्दर संकलन । लेकिन कई ब्लाग खुले ही नही जाने क्यों । फिर कोशिश करनी होगी । मेरी रचना को शामिल करने के लिये धन्यवाद प्रदीप जी ।
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा -
ReplyDeleteआज देख पाया -
कल मोबाइल पर ही देख सका था-
कल राजरप्पा माँ छिन्नमस्तिके के दर्शन हेतु गया था-