शुभम दोस्तो
सितम्बर महीने की
आखिरी गुज़ारिश
आज के चर्चामंच 1384 पर
'' गुज़ारिश खाटू श्याम से ''
लेकर आई हूँ
मैं
सरिता भाटिया
आइये बढिए चर्चा की तरफ
पार्टी की थूक
टीस
बिना किरण
दर्पण काला काला क्यों?
दिल के जज्बात
काठमांडू की ओर
धूम्रपान की लत
मर्ज जो अच्छा नहीं होता
छोटी सी जिंदगी
झरने लगे हैं पुष्प हर श्रृंगार के
महीने के दिन
नरेंद्र मोदी का भाषण
भविष्य का बचपन
खंडित साँसें
सुबह के लोग
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
शुभविदा
--
"मयंक का कोना"
--
मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक
बुरा नहीं समझा जाता है
समय के साथ बहुत सी आदतें
आदमी की बदलती चली जाती हैं
सड़क पर चलते चलते
किसी जमाने में गर्दन
पीछे को बहुत बार अपने आप मुड़ जाती है ...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
मेरे सीने पे अलाव ही लगाकर देखो...अहमद नदीम क़ासमी
किस क़दर सर्द है यह रात-अंधेरे ने कहा मेरे दुशमन तो हज़ारों हैं...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
--
नैनोनाइफ़ जिसमें न कोई चीरा है न चाक़ू,
सिर्फ बिजली की ताकत (विद्युत ऊर्जा ,
विद्युत धारा ),Electric current का इस्तेमाल किया जाता है।आपका ब्लॉगपरVirendra Kumar Sharma
--
खो गए सभी
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
--
बचपन की यादें
हायकु गुलशन..*HAIKU GULSHAN
--
सीमा रेखा
मर्यादा की सीमा रेखा जिसने किया अनदेखा निकल गया वह सुरक्षा के दायरे से इतिहास गवाह है अमर्यादित हँसी ने महाभारत का लेख रचा लक्षमण रेखा लाँघते ही सिया हर ली गईं महाविद्वान रावण स्वर्ण खान का नृप अमर्यादित सोच ने ही उसे विनाश के कगार पर पहुँचाया भाई की रक्षिता शूर्पनखा मर्यादा उसने न गँवाई होती जग में उसकी न हँसाई होती प्रकृति नियम पर चलती तभी दिन के बाद रात ढलती पौ फटते ही खगों की चहचह...
मधुर गुंजन
--
भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
नवाज शरीफ ने वैसे ''देहाती औरत ''शब्द नहीं कहा किन्तु यदि उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री जी को देहाती औरत कहा है तो उन्होंने उनकी सही पहचान की है देहात में औरत जितनी ईमानदारी और मेहनत से काम कर अपने घर व् खेत के लिए काम करती है वैसे शहरी औरत कर ही नहीं सकती क्योंकि यहाँ वह दूसरों के लिए काम करती है और देहाती औरत अपने घर व् खेत के लिए काम करती है . साथ ही औरत शब्द का उच्चारण उनके लिए करना उनके सम्मान को बढ़ाना ही है क्योंकि ये कहा भी गया है की अगर औरत में आदमी के गुण आ जाएँ तो वह कुलटा हो जाती है और अगर आदमी में औरत के गुण आ जाएँ तो वह देवत्व पा जाता है...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
--
"30 सितम्बर दादी जी का जन्मदिवस"
काग़ज़ की नाव
--
मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर....
डगर डगर तम नगर नगर घर घर,
दर दर आडम्बर कर कृपाण अब धारण कर
युग रचो नया, नव संवत्सर
मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर.......
मीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित
--
"अमर भारती जिन्दाबाद"
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"मयंक का कोना"
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मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक
बुरा नहीं समझा जाता है
समय के साथ बहुत सी आदतें
आदमी की बदलती चली जाती हैं
सड़क पर चलते चलते
किसी जमाने में गर्दन
पीछे को बहुत बार अपने आप मुड़ जाती है ...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
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मेरे सीने पे अलाव ही लगाकर देखो...अहमद नदीम क़ासमी
किस क़दर सर्द है यह रात-अंधेरे ने कहा मेरे दुशमन तो हज़ारों हैं...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
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नैनोनाइफ़ जिसमें न कोई चीरा है न चाक़ू,
सिर्फ बिजली की ताकत (विद्युत ऊर्जा ,
विद्युत धारा ),Electric current का इस्तेमाल किया जाता है।आपका ब्लॉगपरVirendra Kumar Sharma
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खो गए सभी
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
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बचपन की यादें
हायकु गुलशन..*HAIKU GULSHAN
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सीमा रेखा
मर्यादा की सीमा रेखा जिसने किया अनदेखा निकल गया वह सुरक्षा के दायरे से इतिहास गवाह है अमर्यादित हँसी ने महाभारत का लेख रचा लक्षमण रेखा लाँघते ही सिया हर ली गईं महाविद्वान रावण स्वर्ण खान का नृप अमर्यादित सोच ने ही उसे विनाश के कगार पर पहुँचाया भाई की रक्षिता शूर्पनखा मर्यादा उसने न गँवाई होती जग में उसकी न हँसाई होती प्रकृति नियम पर चलती तभी दिन के बाद रात ढलती पौ फटते ही खगों की चहचह...
मधुर गुंजन
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भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
नवाज शरीफ ने वैसे ''देहाती औरत ''शब्द नहीं कहा किन्तु यदि उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री जी को देहाती औरत कहा है तो उन्होंने उनकी सही पहचान की है देहात में औरत जितनी ईमानदारी और मेहनत से काम कर अपने घर व् खेत के लिए काम करती है वैसे शहरी औरत कर ही नहीं सकती क्योंकि यहाँ वह दूसरों के लिए काम करती है और देहाती औरत अपने घर व् खेत के लिए काम करती है . साथ ही औरत शब्द का उच्चारण उनके लिए करना उनके सम्मान को बढ़ाना ही है क्योंकि ये कहा भी गया है की अगर औरत में आदमी के गुण आ जाएँ तो वह कुलटा हो जाती है और अगर आदमी में औरत के गुण आ जाएँ तो वह देवत्व पा जाता है...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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"30 सितम्बर दादी जी का जन्मदिवस"
काग़ज़ की नाव
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मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर....
डगर डगर तम नगर नगर घर घर,
दर दर आडम्बर कर कृपाण अब धारण कर
युग रचो नया, नव संवत्सर
मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर.......
मीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित
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"अमर भारती जिन्दाबाद"
तुमसे है उपवन आबाद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
तुम हमको प्राणों से प्यारी,
गुलशन की तुम हो फुलवारी,
तुम हो जीवन का उन्माद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
उच्चारण
शुक्रिया सरिता जी ………
जवाब देंहटाएंसरिता भाटिया जी सेतु चयन और समायोजन समन्वयन दोनों श्रेष्ठ रहे हैं मंच ए चर्चाके। हमारे सेतु को खपाने के लिए आपका आभार।
जवाब देंहटाएंआज के राजनीतिक प्रबंध को आईना दिखाती व्यंग्य विडंबना को मुखरित करती बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंदर्पण काला काला क्यों?
डॉ रूप चन्द्र शास्त्री जी
सरिता भाटिया जी सेतु चयन और समायोजन समन्वयन दोनों श्रेष्ठ रहे हैं मंच ए चर्चाके। हमारे सेतु को खपाने के लिए आपका आभार।
जवाब देंहटाएं* मुझे एक बात से बड़ा दुख है। मेरे दिल पर यह चोट लगी है। कल नवाज शरीफ ने भारतीय पत्रकारों के सामने भारत पीएम को देहाती औरत कहा। हिंदुस्तान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता।
देहाती कर्मठ औरत का भी इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता एक रोबो से उसकी बराबरी की जाए।
* दरअसल नवाज शरीफ को यह हिम्मत इसलिए आई क्योंकि घर पर ही भारतीय पीएम के अध्यादेश को बकवास कह डाला गया। राहुल ने उनकी पगड़ी उछाली है। देश में पीएम का अपमान होगा तो बाहरवाले इज्जत क्यों करेंगे।
आज परिवारशाही और लोकशाही के बीच युद्ध छिड़ गया है। परिवारशाही लोकशाही का गला घोंटने पर उतारू है। लोकशाही को दबोचने के लिए उतारू है। आज देश इस मोड़ पर खड़ा है कि देश संविधान से चलेगा या फिर शहजादे की इच्छा से। शहजादा पीएम की पगड़ी उछाल रहा है।
* भारत के पीएम को अमेरिका में ताकत मिले, उन्हें हौसला मिले, ऐसी ताकत से बोलिए... वंदेमातरम। वंदेमारतम।
चर्चा मंच का शुक्रिया मोदी जी से रु -ब-रु करवाने के लिए।
Read more: AAWAZ: नरेंद्र मोदी का भाषण दिल्ली ( सम्पूर्ण वीडियो के साथ ) http://eksacchai.blogspot.com/2013/09/japaniparkdelhinarendramodi.html#ixzz2gL3Ur5C2
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आभार सरिता भाटिया जी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मंच-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
खुशियों का संसार सुहाना टूट गया,
जवाब देंहटाएंजनम-जनम का बंधन पल में छूट गया,
जिसके नयनों में मीठे सपने रोपे थे
पलक मूँद वह जीवन साथी रूठ गया !
मन के देवालय की हर प्रतिमा खण्डित है ,
जीवन के उपवन की हर कलिका दण्डित है,
जिसकी हर मंजिल में जीवन की साँसें थीं
चूर-चूर हो शीशमहल वो टूट गया !
इस जीवन की रीत रही है ,
कभी न जग (जीव )की प्रीत रही है ,
आया है सो जाएगा भरम कभी का टूट गया
सुन्दरतम सपना टूट गया ,
मेरा साजन मुझसे रूठ गया
इसीलिए रब से प्रीत करो -
जीव जीव की प्रीत है झूठी
पारब्रह्म से प्रीत अनूठी।
बढ़िया रचना साधना जी वैद की आपको पढ़ना हमेशा आंदोलित करता है।
खंडित साँसें
साधना वैद
जन्म दिन का अप्रतिम उपहार ,
जवाब देंहटाएंबड़ा ही निर्मल इनका प्यार ,
शीतल इनका राजदुलार
बहुत सुन्दर बधाया गाया -
-आज तो बधाई रे बाज़ी रंग महल में ,
चौकान चौक सजाओ री माई रंग महल में।
बधाई जन्म दिन की ब्लॉग जगत की सांझा
"अमर भारती जिन्दाबाद"
तुमसे है उपवन आबाद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
तुम हमको प्राणों से प्यारी,
गुलशन की तुम हो फुलवारी,
तुम हो जीवन का उन्माद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
उच्चारण
रोचक व पठनीय सूत्रों की चर्चा
जवाब देंहटाएंरोचक व पठनीय सूत्रों की चर्चा,आभार आदरणीया.
जवाब देंहटाएंआदरणीय अमर भारती जी को जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाऐं !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ! संख्या 1384 होना चाहिये !
आभार उल्लूक की रचना "मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक बुरा नहीं समझा जाता है" को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये !
सुन्दर व्यवस्थित और पठनीय लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार सरिता भाटिया जी।
सुन्दर संकलन!
जवाब देंहटाएंआभार!
अमर भारती जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें .....बढ़िया चर्चा के बीच आपनी रचना देख अत्यंत हर्ष हुआ !बहुत आभार सरिता जी .....!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सरिता जी ...अपने मेरे ब्लॉग की लिंक को स्थान देकर मेरी कलाम को जो बहुमान दिया है उसके लिए फिर से एक बार शुक्रिया
जवाब देंहटाएंpyare links........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स,मेरी रचना को स्थान देने पर हार्दिक आभार सरिता जी ,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स“किन्तु पहुंचना उस सीमा में………..जिसके आगे राह नही!{for students}"
जवाब देंहटाएंउत्तम-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय-
आकर्षक लिंक्स से सुसज्जित सुंदर चर्चा................
जवाब देंहटाएंआदरणीया अमर भारती जी को निगम-परिवार की ओर से जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...............
बहुत बढ़िया,सुंदर लिंक्स ! मेरी रचना को मंच में स्थान देने पर हार्दिक आभार सरिता जी !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
adarniy mayank sir ji ... sarita ji meri rachna ko shamil karne ke liye haardik abhar ... sunder maniranjak or sarthak links sajaye hai aapne ..
जवाब देंहटाएंadarniy amar bharti ji ko janmdiwas ki haardik shubhkamnaye :)
बहुत बढ़िया,सुंदर लिंक्स
जवाब देंहटाएंमेरे चित्रों को चर्चामँच में स्थान देने के लिए, सरिता जी आप को बहुत धन्यवाद :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा सरिता जी .. बधाई !!
जवाब देंहटाएं