मित्रों।
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक।
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क़ायम दुआ-सलाम रहे...!
गुनाहगारे-मुहब्बत को क्या सज़ा दीजे
गुनाह ख़ास नहीं, ज़ेह्न से मिटा दीजे
तमाम लोग बैठते हैं आपके घर में
हमीं क़ुबूल नहीं, ठीक है, उठा दीजे....
गुनाह ख़ास नहीं, ज़ेह्न से मिटा दीजे
तमाम लोग बैठते हैं आपके घर में
हमीं क़ुबूल नहीं, ठीक है, उठा दीजे....
साझा आसमान पर Suresh Swapnil
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वे तो बस चादर पर पड़ी सलवटें थी
आँगन में तुलसी मुरझाई हुई थी
पदचिन्हों के पीछे कही कोई
आवाज शेष नही थी
और दहलीज से पार
कही कोई महफूज शाखें नही बची थी ...
पदचिन्हों के पीछे कही कोई
आवाज शेष नही थी
और दहलीज से पार
कही कोई महफूज शाखें नही बची थी ...
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बरसात की रजत बूँदें
बारिश तो तन भिगो देती है पर जो सूखा रह जाता है एक मन, कुछ एहसास, कुछ आधे अधूरे से अपुष्ट सपनें और गुनगुनी होती इच्छाएं उनका क्या ?...
ज़िन्दगीनामा पर Sandip Naik
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वो एक कप कॉफ़ी का साथ.....!!!

वो एक कप कॉफ़ी का साथ...
बस कुछ लम्हे होते थे हमारे पास....
'आहुति' पर sushma 'आहुति'
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बस एक बार

निश्छलता, उल्लास, उमंग,
बेफिक्री, बेपरवाह, हुड़दंग …
यही तो है 'हम'
और हमारे अल्हड़ रंग ढंग।
परिंदे, तितली, हवा,
बादल, बिजली, घटा …
यही तो है 'हम'
और हमारे पलते ख्वाब संग...
Nivedita Dinkar
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भूगोल से सम्बन्धित कुछ रोचक तथ्य :-
*. अन्टार्टिका में पानी इतना ठंडा है
कि उसके अन्दर की कोई भी वस्तु
कभी भी सड़ती-गलती नहीं है।
*. यदि अन्टार्टिका में जमी बर्फ
की सारी पत्तरें गल जाएँ तो संसार के
सभी सागर 60 से 65 मीटर अर्थात 200
से 210 फुट तक और भर जाएँगे...
कि उसके अन्दर की कोई भी वस्तु
कभी भी सड़ती-गलती नहीं है।
*. यदि अन्टार्टिका में जमी बर्फ
की सारी पत्तरें गल जाएँ तो संसार के
सभी सागर 60 से 65 मीटर अर्थात 200
से 210 फुट तक और भर जाएँगे...
hindi gk पर Moti Suthar
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जब मैं प्रेम लिखूंगी अपने हाथों से,
सुई में धागा पिरो
कपड़े का एक एक रेशा सिऊँगी
तुम्हारे लिये...
स्पर्श पर Deepti Sharma
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हम हक़ीक़त के हाथों यूँ मरते रहे,
बढ़ के पेड़ों से बेलें हटाते रहे.....

ज़िन्दगी के लिए कुछ नए रास्ते हम बनाते रहे फिर मिटाते रहे
थी वहीँ वो खड़ी इक हंसीं ज़िन्दगी हम उससे मगर दूर जाते रहे...
थी वहीँ वो खड़ी इक हंसीं ज़िन्दगी हम उससे मगर दूर जाते रहे...
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा
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इश्क है, एक बार होता है,
दोबारा तो नही,,,,

इश्क में दूरियाँ एक पल को गवाँरा तो नही
इश्क है, एक बार होता है, दोबारा तो नही...
ehsas पर Amit Chandra
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वर्कशॉप
स्वर्ग का अमरावती, कर्नाटक का हम्प्पी, और और ज्ञान का केंद्र ब एच यू को मिला के जो स्पेसिमेन कोपी बनेगा वो है गंगा के किनारे स्थित स्थित सामने घाट पर “ज्ञान प्रवाह”.
भारत के इतिहास, कला का का औटोनमस् रिसर्च सेंटर. बेहद खूबसूरत. ओह्ह्ह, इतना खूबसूरत मुझे बी एच यु भी कभी नहीं लगा....
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नौजवानों का चिंतात्मक शौक
नौजवानों ने अपने दिल को लुभाने के लिए नया नया शौक अपनाया, कभी सर के बाल खड़े कर झाड़ना मानो चिड़िया चुग गयी खेत, कभी सर पर भारत का नक्शा, कभी अपनी नयी मोर्डन लंगोट का ब्रांड स्ट्रिप पेंट से ऊपर दिखाना, कभी कण छिदाना मानो “नारी पुरुष सामान है” के आन्दोलन कारी, कभी कोलेज की लड़की पटाना तो कभी कोलेज की टीचर (विपरीत लिंगी अपने हिसाब से सब कुछ विपरीत कर लें), कभी सर तोडना, और मौका मिल जाय छिनैती करना...
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...वह कोई और नहीं
एक कार थी सजी
सुन्दर वर को लेकर
मेरी तरफ चली आ रही
कैसी सजी आ रही
बालीबुड से चली आ रही...
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“हिन्दी व्यञ्जनावली-अन्तस्थ”
अभी कल ऊष्म पर
मुक्तक और लगाने है!
उसके बाद फिर से
अपने रंग में आ जाऊँगा!
धन्यवाद शास्त्री जी !
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत लिनक्स दिए है आपने....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
ReplyDeleteसुंदर चर्चा । 'उलूक' के सूत्र 'ध्वनि तरंगें अब रिश्ते जोड़ती और घटाती हैं' को स्थान देने के लिये आभार ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार !
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
इंटरनेट कनेक्शन इन दिनों बहुत परेशान कर रहा है ! कोई भी साईट बड़ी मुश्किल से खुल रही है ! आज की चर्चा में आपने बहुत बढ़िया लिंक्स दिये हैं ! मेरी रचना को भी इसमें सम्मिलित करने के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
ReplyDeletesundar links........mujhe shamil karne kay lie dhanyavad
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteखूबसूरत रचनाओं का संग्रह...
ReplyDeleteमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार...
बहुत सुन्दर सूत्र
ReplyDeleteBahut sundar charcha....
ReplyDeleteBahut sundar aur saarthak prastutikaran .
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