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Wednesday, July 30, 2014

साया बापू का उठा, *रूप-चन्द ग़मगीन :चर्चा मंच 1690

" दुखद समाचार" 

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक के

 पिताश्री श्रद्धेय घासीराम आर्य जी का देहावसान

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 
रविकर 
 साया बापू का उठा, *रूप-चन्द ग़मगीन । 
हैं अर्पित श्रद्धा-सुमन, आत्मा स्वर्गासीन । 

आत्मा स्वर्गासीन, शान्ति से वहाँ विराजे । 
सहे दर्द परिवार, आज पाये जो ताजे । 

कह रविकर कविराय, पिता ने सब कुछ पाया । 
सदा रहें वे साथ, मात्र यह बदन नसाया ॥ 


Kunwar Kusumesh
Deepak Saini
HARSHVARDHAN

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Asha Saxena 

ऋता शेखर मधु


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ZEAL 
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Brijesh Neeraj 



रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 


चाँद दिखाई दिया दूज का,
फिर से रात हुई उजियाली।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।

भर सोलह सिंगार धरा ने,
फिर से अपना रूप निखारा।
सजनी ने साजन की खातिर,
सावन में तन-बदन सँवारा।
वन-कानन में आज मयूरी,
नाच रही होकर मतवाली।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।

आँगन के कट गये पेड़ सब,
पड़े हुए झूले घर-घर में।
झूल रहीं खुश हो बालाएँ,
गूँज रहे मल्हार नगर में।
मस्त फुहारें लेकर आयी,
नभ पर छाई बदरी काली।।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।

उपवन में कोमल कलियों की,
भीग रही है चूनर धानी।
खेतों में लहराते बिरुए,
आसमान का पीते पानी।
पुरवय्या के झोंखे आते,
बल खाती पेड़ों की डाली।।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।

घेवर-फेनी और जलेबी,
अच्छी लगती चौमासे में।
लेकिन अब त्यौहार हमारे,
हैं मँहगाई के फाँसे में।
खास आदमी मजे उड़ाते,
जेब आम की बिल्कुल खाली।।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।
 
शर्माया-सकुचाया सा,
उग आया चाँद गगन में।
आया है त्यौहार ईद का,
हर्ष समाया मन में।
इस्लामी लोगों के घर में
चल कर आयी दीवाली।
हरी घास का बिछा गलीचा,
तीज आ गई है हरियाली।।


16 comments:

  1. दुखद समाचार...शास्त्री सर के दिवंगत पिताश्री को विनम्र श्रद्धांजली.......
    व्यवस्थित चर्चा...ईद मुबारक.....आभार !!

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  2. विनम्र श्रद्धांजलि दिवंगत पिटा जी को |
    तीज और ईद पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    ReplyDelete
  3. शुभ प्रभात रविकर भाई
    अतिशय दुखी परिवार के दुख मे हम भी साथ-साथ हैं
    ईश्वर मृतात्मा को सद्गति प्रदान करे
    और परिवार को इस दारुण दुःख को सहने री क्षमता दे

    सादर

    ReplyDelete
  4. इस दुखद घड़ी में आपके सम्वेदना के दो-शब्द ही मेरे सम्बल हैं।

    ReplyDelete
  5. शास्त्री जी के पिताजी के निधन की खबर पढ़कर दुःख हुआ।
    भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे तथा उनके परिवार को इस दुःख के सहने की शक्ति दे।
    मेरी पोस्ट को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आभार,रविकर जी।

    ReplyDelete
  6. सुप्रभात!
    श्रद्धये शास्त्री जी के पिताजी के निधन का समाचार सुनकर दुःख हुआ।
    विनम्र श्रद्धांजलि दिवंगत पूज्य पिताजी को !
    बहुत बढ़िया लिंक्स-सह-सुन्दर प्रस्तुति! आभार!

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  7. श्रद्धेय पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि !

    ReplyDelete
  8. शास्त्री जी के पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और शास्त्री जी और उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे …………सुन्दर चर्चा मंच ………आभार

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  9. विनम्र श्रद्धांजलि दिवंगत पूज्य पिताजी को !

    ReplyDelete
  10. बहुत बढियाँ सूत्र ,ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपार शांति दें

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  11. शास्त्री जी के पिता जी को श्रद्धांजलि , आ. शास्त्री जी , रविकर सर व मंच को धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

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  12. विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित !ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और शास्त्री जी और उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे|

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  13. bhagwaan babujee ki aatma ko shanti de aur pariwar walon ko dukh sahne ki shakti de apurniy kshati hai ye .....taumra satati hai kami ....

    ReplyDelete
  14. लेकिन अब त्यौहार हमारे,
    हैं मँहगाई के फाँसे में।
    खास आदमी मजे उड़ाते,
    जेब आम की बिल्कुल खाली।।
    हरी घास का बिछा गलीचा,
    तीज आ गई है हरियाली।।


    क्या तीज क्या ईद असलियत तो यही है।


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  15. आप के दिवंगत पिताजी को मेरी भी श्रध्दांजली।

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  16. अच्छी चर्चा। ईश्वर बाबूजी की आत्मा को शांति दे।

    ReplyDelete

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