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प्रिय ब्लॉगर मित्रों , चर्चामंच के इस अंक में मैं आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ व आदरणीय श्री शास्त्री जी को उनकी मेहनत के लिए नमन करता हूँ , क्योंकि उनके सिर्फ होने से ही मंच में जान आ जाती है.... ,
जैसे की सचिन के होने से हमारी 'इंडियन क्रिकेट टीम' में ! , तो चलिए अब चलते हैं चर्चा की ओर और देखतें हैं कि हमारे प्रिय ब्लॉगर मित्रों ने आज क्या क्या नया किया है अपनी हिंदी ब्लोगिंग टीम व पाठकों के लिए -
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प्रिय ब्लॉगर मित्रों , चर्चामंच के इस अंक में मैं आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ व आदरणीय श्री शास्त्री जी को उनकी मेहनत के लिए नमन करता हूँ , क्योंकि उनके सिर्फ होने से ही मंच में जान आ जाती है.... ,
जैसे की सचिन के होने से हमारी 'इंडियन क्रिकेट टीम' में ! , तो चलिए अब चलते हैं चर्चा की ओर और देखतें हैं कि हमारे प्रिय ब्लॉगर मित्रों ने आज क्या क्या नया किया है अपनी हिंदी ब्लोगिंग टीम व पाठकों के लिए -
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फ़ास्ट फॉरवर्ड पीढ़ी - श्री शिखा जी की प्रस्तुति
व्हाट द फ … ये इंटरनेट है या ब्लडी बैलगाड़ी। 5 मिनट में एक पेज अपलोड होता है. मॉम मैंने आपको कल नया हेयर कलर मगाने को बोला था अभी तक नहीं आया. ओह शिट। इस डॉक्टर के यहाँ इतनी वेटिंग में कौन बैठेगा। यह बहुत बड़ा है
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राजनीति विज्ञान क्विज़ - श्री मोती जी की प्रस्तुति
नियमों का पालन कराना किसका कार्य है? >कार्यपालिका का * राज्य की लोक सेवाओं में कार्यपालिका से न्यायपालिका का प्रथक्कन किसके द्वारा निर्देशित किया गया है? >राज्य की नीति निर्देशक तन्त्र द्वारा
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ऋग्वेद के पथ - 1 - श्री गिरिजेश राव जी की प्रस्तुति
[ आज से लगभग ८५०० वर्ष पहले जब सूर्य अश्विनी नक्षत्र में उत्तरायण होते थे, तब का बहुत ही अलंकारिक वर्णन ऋग्वेद में मिलता है। अश्विनी नक्षत्र को अथर्ववेद अश्वयुज अर्थात अश्वों की जोड़ी कहता है। इसका कारण नक्षत्र के दो तारे हैं। अश्विनकुमार यही दो तारे हैं।
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एक कुमारी कन्या जैसे - श्री अनीता जी की प्रस्तुति
एक कुमारी कन्या जैसे कौन कहे जाता है भीतर चुकती नहीं ऊर्जा जिसकी, कौन गढ़े जाता है नूतन प्यास नहीं बुझती उसकी ! एक कुमारी कन्या जैसे है अभीप्सा शिव वरने की, तृप्त नहीं होता है
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कैसे सुखाएं पानी से भीगने पर मोबाइल को - श्री कुनाल कुमार जी की प्रस्तुति
कैसे बचाये पानी से भींगने पर मोबाइल को /आज का यह पोस्ट आपको पानी से भींगे हुए मोबाइल के िलए है अक्सर हमलोग का मोबाइल पानी मे भींग जाता है या मोबाइल मे पानी चला जाता है तब मोबाइल खराब होने की संभावना होती है तो आप कुछ असान सा उपाय कर सकते है सबसे पहले मोबाइल को switch off कर ले
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बात है - आ. श्री विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति
मिट्टी की काया
ढूँढें संघर्ष-वर्षा
ओक में ओज।
मिट्टी का दीया
जग को ओज दिया
ओक आग से।
सोच का सृजन
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फिल्म एक नजर में : किक ( फिल्म समीक्षा ) - देवेन पाण्डेय जी की प्रस्तुति
निर्माता: साजिद नाडियाडवाला निर्देशक: साजिद नाडियाडवाला कलाकार: सलमान, जैकलीन, मिथुन, रणदीप हुड्डा, नवाजुद्दीन, आखिरकार बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘किक ‘ प्रदर्षित हो ही गई ! और प्रदर्शन के साथ ही इसने कमाई के रिकोर्ड्स भी बना लिये !
छद्मलेखक !
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फिल्म एक नजर में : किक ( फिल्म समीक्षा ) - देवेन पाण्डेय जी की प्रस्तुति
निर्माता: साजिद नाडियाडवाला निर्देशक: साजिद नाडियाडवाला कलाकार: सलमान, जैकलीन, मिथुन, रणदीप हुड्डा, नवाजुद्दीन, आखिरकार बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘किक ‘ प्रदर्षित हो ही गई ! और प्रदर्शन के साथ ही इसने कमाई के रिकोर्ड्स भी बना लिये !
छद्मलेखक !
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एहसास - श्री अभिषेक कुमार अभी जी की प्रस्तुति
तुम्हारे होने के एहसास ने
वर्षों ज़िंदा मुझे रख्खा है
तुम्हारे खोने के एहसास ने
जिस्म से जाँ जुदा रख्खा है
दूर जो एक पल को भी
तुम कभी न रह पाते थे
बिन हमारे साथ कहीं
तुम कभी न जा पाते थे
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अज़ीज़ जौनपुरी : संसद की दीवारों में - अज़ीज़ जौनपुरी जी की प्रस्तुति
हर मज़हब के फूल खिलेंगें संसद की दीवारों में
नहीं चलेगी कानाफूंसी सत्ता के गलियारों में
नहीं मचेंगें वाद झगड़े नहीं रहेंगी झंझट भाषा की
मानवता की भाषा गढ़ हम लिख देंगें अख़बारों में
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दो ऑडियो को आपस में जोड़े या रिंगटोन बनाएं - श्री बसंत खिलेरी जी की प्रस्तुति
नमस्कार दोस्तो! आज मैँ आपके लिए एक छोटा लेकिन बेहतरीन टूल लेकर आया हु जो कम्प्युटर मे चलने वाला टूल है। यह टूल मात्र 288 KB का है। जिसको डाउनलोड करने के लिए
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ख़राबात है, मियां...! - श्री सुरेश स्वप्निल जी की प्रस्तुति
तोड़ कर दिल मियां चले आए
छोड़ कर दास्तां चले आए
क़ीमतें यूं बढ़ीं ज़मीनों की
हम दरे-आसमां चले आए
था कहीं एक घर हमारा भी
क्या बताएं, कहां चले आए
साझा आसमान
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किसके हस्ताक्षर हैं ये - श्री अलकनंदा जी की प्रस्तुति
वो आवाजें जो गूंजती हैं रातों को बिछा देती हैं कुछ करवटें अपने अहं की वो आंखें जो देती हैं सूरतों पर निशान वो प्रेम के ही अस्तित्व की चिता बुनती हैं हिम्मतें भी जोर से उछलती हैं अंतर्मन में ढूढ़ती अपने ही अस्तित्व को देखती रहती हैं राह बुढ़ापे की कि शायद तब तक तो ठंडा हो जायेगा
ख़ुदा के वास्ते !
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सावन में उमंग्यों मेरो मनवा...... - श्री नवीन मणि त्रिपाठी जी की प्रस्तुति
मेरा यह लेख हिंदुस्तान समाचार पत्र में 21.7.14 को प्रकाशित हुआ । - नवीन मणि त्रिपाठी सावन की हरियाली , मद मस्त हवाएँ ,रिमझिम फुहार , काले काले बादल , दादुर के मीठे गीत, नाचते हुए मोर ,फलों से लदे पेड़ ,झूलों से कजरी और सावन के गीतों की मिठास , भला कौन होगा जो भाव विभोर होने से अपने आप को रोक सके ?
तीखी कलम से
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दोहे - आ. श्री आशा सक्सेना जी की प्रस्तुति
माँ की ममता पुत्र पर ,बेटी देख रिसाय |
तेरा कैसा न्याय प्रभू,कुछ भी समझ न आय ||
यहाँ वहाँ क्या देखते ,जीवन छूटा जाय |
प्रभु सुमिरन करते रहो ,अंत भला हो जाय ||
Akanksha
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बरसो ना मेघा.... - श्री प्रवीन मलिक जी की प्रस्तुति
तन खड़े हैं
गुमसुम बादल
क्यूँ न बरसें
गर्मी से तप्त
भू पर जीव-जंतु
आस लगाये
दिल की आवाज़
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तेरी रज़ा - श्री सुमन कपूर जी की प्रस्तुति
ये जिंदगी मैंने लिख दी नाम तेरे
तू रहबर बने या रकीब ये तेरी रज़ा !!
अर्पित 'सुमन'
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उम्र से ज्यादा जोड़ा है ... - श्री दिगंबर नसवा जी की प्रस्तुति
उम्र से ज़्यादा जोड़ा है
फिर भी कितना थोड़ा है
बाबस्ता यादें उस से
घर जो हमने छोड़ा है
परदेसी हो कर जाना
कौन सा नाता तोड़ा है
स्वप्न मेरे........
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"गीत-आज और कल का भेद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हमारे प्रिय प्रधानमंत्री जी!
हे भारत की जनता के नए सेवक भाई नरेंद्र मोदी ! लोगों में शिकायत है कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला कठपुतली मात्र बन कर रह जाता है। हमने इतिहास में तुर्कों मुगलों के बहादुर शाह जफ़र टाइप से लेकर अंग्रेजों के वायसराय होते हुए डॉ मनमोहन तक के शासक देखें जिनके मुंह में जबान नहीं हुआ करती थी। आपको चुना। दिल से चुना। माना कि प्रशासन आप प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करने में लगे हुए हैं और सोशल साइट्स के माध्यम से अपनी बात रख रहें हैं। नगरों की ३० प्रतिशत जनता उसे देख रही है किन्तु ७० प्रतिशत जनता गांवों में है जो आपके ट्विटर और फेसबुक को नहीं पढ़ सकती।...
सानिया विरोध :भाजपा की अंदरुनी शक्ल
! कौशल !परShalini Kaushik
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अब आप सबसे आज्ञा _/\_ चाहता हूँ , ईश्वर की कृपा से अगर सही सलामत रहा तो अगले सोमवार , एक बार फिर से --- समझ गए ना ! धन्यवाद !
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ख़राबात है, मियां...! - श्री सुरेश स्वप्निल जी की प्रस्तुति
तोड़ कर दिल मियां चले आए
छोड़ कर दास्तां चले आए
क़ीमतें यूं बढ़ीं ज़मीनों की
हम दरे-आसमां चले आए
था कहीं एक घर हमारा भी
क्या बताएं, कहां चले आए
साझा आसमान
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किसके हस्ताक्षर हैं ये - श्री अलकनंदा जी की प्रस्तुति
वो आवाजें जो गूंजती हैं रातों को बिछा देती हैं कुछ करवटें अपने अहं की वो आंखें जो देती हैं सूरतों पर निशान वो प्रेम के ही अस्तित्व की चिता बुनती हैं हिम्मतें भी जोर से उछलती हैं अंतर्मन में ढूढ़ती अपने ही अस्तित्व को देखती रहती हैं राह बुढ़ापे की कि शायद तब तक तो ठंडा हो जायेगा
ख़ुदा के वास्ते !
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सावन में उमंग्यों मेरो मनवा...... - श्री नवीन मणि त्रिपाठी जी की प्रस्तुति
मेरा यह लेख हिंदुस्तान समाचार पत्र में 21.7.14 को प्रकाशित हुआ । - नवीन मणि त्रिपाठी सावन की हरियाली , मद मस्त हवाएँ ,रिमझिम फुहार , काले काले बादल , दादुर के मीठे गीत, नाचते हुए मोर ,फलों से लदे पेड़ ,झूलों से कजरी और सावन के गीतों की मिठास , भला कौन होगा जो भाव विभोर होने से अपने आप को रोक सके ?
तीखी कलम से
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दोहे - आ. श्री आशा सक्सेना जी की प्रस्तुति
माँ की ममता पुत्र पर ,बेटी देख रिसाय |
तेरा कैसा न्याय प्रभू,कुछ भी समझ न आय ||
यहाँ वहाँ क्या देखते ,जीवन छूटा जाय |
प्रभु सुमिरन करते रहो ,अंत भला हो जाय ||
Akanksha
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बरसो ना मेघा.... - श्री प्रवीन मलिक जी की प्रस्तुति
तन खड़े हैं
गुमसुम बादल
क्यूँ न बरसें
गर्मी से तप्त
भू पर जीव-जंतु
आस लगाये
दिल की आवाज़
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तेरी रज़ा - श्री सुमन कपूर जी की प्रस्तुति
ये जिंदगी मैंने लिख दी नाम तेरे
तू रहबर बने या रकीब ये तेरी रज़ा !!
अर्पित 'सुमन'
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उम्र से ज्यादा जोड़ा है ... - श्री दिगंबर नसवा जी की प्रस्तुति
उम्र से ज़्यादा जोड़ा है
फिर भी कितना थोड़ा है
बाबस्ता यादें उस से
घर जो हमने छोड़ा है
परदेसी हो कर जाना
कौन सा नाता तोड़ा है
स्वप्न मेरे........
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"गीत-आज और कल का भेद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आज बहुत है नया-नवेला,
कल को होगा यही पुराना।
जीवन के इस कालचक्र में,
लगा रहेगा आना-जाना।।
गोल-गोल है दुनिया सारी,
चन्दा-सूरज गोल-गोल है।
गोल-गोल में घूम रहे सब,
गोल-गोल की यही पोल है।
घूम-घूमकर, सारे जग को,
बना रहा है काल निशाना।
जीवन के इस कालचक्र में,
लगा रहेगा आना-जाना।।
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- अन्य सूचित लिंक्स ---------------------------------------------------------------
हमारे प्रिय प्रधानमंत्री जी!
हम १० साला परम्परा के
वारिस बनने से इंकार करते हैं।
हे भारत की जनता के नए सेवक भाई नरेंद्र मोदी ! लोगों में शिकायत है कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला कठपुतली मात्र बन कर रह जाता है। हमने इतिहास में तुर्कों मुगलों के बहादुर शाह जफ़र टाइप से लेकर अंग्रेजों के वायसराय होते हुए डॉ मनमोहन तक के शासक देखें जिनके मुंह में जबान नहीं हुआ करती थी। आपको चुना। दिल से चुना। माना कि प्रशासन आप प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करने में लगे हुए हैं और सोशल साइट्स के माध्यम से अपनी बात रख रहें हैं। नगरों की ३० प्रतिशत जनता उसे देख रही है किन्तु ७० प्रतिशत जनता गांवों में है जो आपके ट्विटर और फेसबुक को नहीं पढ़ सकती।...
'दि वेस्टर्न विंड' पर PAWAN VIJAY
--------------------------------------------------------------तलाश एक घर की
Bhavana Lalwani
--------------------------------------------------------------सानिया विरोध :भाजपा की अंदरुनी शक्ल
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अब आप सबसे आज्ञा _/\_ चाहता हूँ , ईश्वर की कृपा से अगर सही सलामत रहा तो अगले सोमवार , एक बार फिर से --- समझ गए ना ! धन्यवाद !
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आशीष जी, सुंदर सूत्रों का संयोजन किया है आपने आज की चर्चा में, बधाई व आभार !
जवाब देंहटाएंआभार प्रियवर आशीष भाई।
जवाब देंहटाएं--
आप मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर देते हैं।
इसलिए उसके आगे धन्यवाद कम पड़ जाता है।
--
बहुत परिश्रम के साथ चर्चा लगाई है आपने।
आप पर मेरा विश्वास प्रबल होता जा रहा है।
अन्यथा कम ही लोग हैं जे साझा ब्लॉग को भी
अपनापन और प्यार देते हैं।
एक बार पुनः शुक्रिया।
शानदार प्रस्तुती चर्चा मंच की
जवाब देंहटाएंस्नेहाशीष ..... शुक्रिया ....
सुंदर चर्चा ! आशीष भाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार
सादर नमन
जवाब देंहटाएंसुंदर...बढ़िया लिंक्स...बधाई आशीष भाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय , शास्त्री जी , अनीता जी , विभा जी , राजीव भाई , विनय भाई , श्याम भाई जी को व मंच को बहुत-बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को स्थान देकर मुझे उत्साहित करने हेतु आपका धन्यवाद
जवाब देंहटाएंdhanywad meri kahani ko shamil karne k liye
जवाब देंहटाएंआप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद व मंच पे सदः ही स्वागत है !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )