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बुधवार, सितंबर 03, 2014

प्यार, इंसान, कुत्ता और भगवान; चर्चा मंच 1719

सरिता भाटिया 
Asha Saxena
Upasna Siag 

डॉ. जेन्नी शबनम 
सुशील कुमार जोशी 



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भौंहें वक्र-कमान न कर
लक्ष्यहीन संधान न कर
--
ओछी हरक़त करके बन्दे
दुनिया को हैरान न कर..
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


savan kumar 


 
alok chantia 

Brijesh Neeraj 

Prabodh Kumar Govil 
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

प्यार, इंसान, कुत्ता और भगवान !!

Anurag Anant
Virendra Kumar Sharma




yashoda agrawal

मेरी धरोहर
--
वजूद 

काव्यान्जलि पर 

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया 
काजल कुमार Kajal Kumar

12 टिप्‍पणियां:

  1. बुधवारीय खूबसूरत रविकर चर्चा । 'उलूके' के सूत्र 'उनकी खुजली उनकी अपनी खुजली खुद ही खुजलाने की' को जगह दी आभारी हूँ ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर चर्चा ...
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ....!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर सूत्रों से सजी रोचक चर्चा...आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. रवि भाई , सुंदर चर्चा . अच्छा लगा .
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ....!
    आपका अपना
    विजय

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर, मोहक और सतरंगी चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार आ. रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरा blogpost यहाँ दिखाई नहीं दे रहा है. फिर भी आपने साझा करने का ज़िक्र किया यही बहुत सम्मान जनक है मेरे लिये.

    जवाब देंहटाएं
  9. sunder links ke sankalan mein meri kriti ko sthan dene ke liye abhaar.

    shubhkamnayen

    जवाब देंहटाएं

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