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रविवार, सितंबर 14, 2014

"मास सितम्बर-हिन्दी भाषा की याद" (चर्चा मंच 1736)

मित्रों।
सुप्रभात!
आदरणीय राजीव कुमार झा दो दिनों के लिए बाहर गये हैं।
अतः रविवार की चर्चा में मेरी पसंद के कुछ लिंक देखिए।

 (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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सभी मित्रजनों को 

हिन्दी दिवस की ढेर सारी बधाईयां 

Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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हिन्दी दिवस: दो पाटन के बीच में 

KAVITA RAWAT पर कविता रावत 
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विचार मन के हिन्दी दिवस पर 

Akanksha पर Asha Saxena
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"मास सितम्बर-हिन्दी भाषा की याद" 


एक साल में मास सितम्बर,
एक बार ही आता है।
अपनी हिन्दी भाषा की,
जो हमको याद दिलाता है।।
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हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ..... 

मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
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तब हिंदी ने ही जगाया हमे...

आप सब को 14 सितंबर 
यानि हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं... 
जब हम गुलाम थे, विश्व में गुम नाम थे, 
मिट गयी थी हमारी पहचान, 
तब हिंदी ने ही जगाया हमे...
मन का मंथन। पर kuldeep thakur
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हृदय को तुम भा रही हो 

प्रणय की और प्रेरणा की
मूर्ति बनती जा रही हो ।
पंथ की छाया बनी हो,
हृदय को तुम भा रही हो... 
न दैन्यं न पलायनम् पर प्रवीण पाण्डेय
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वैदिक शब्दावली (तीसरी किश्त ) 

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Virendra Kumar Sharma
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दुष्कर्म :नारी नहीं है बेचारी 

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कानूनी ज्ञान पर Shalini Kaushik
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शीर्षकहीन

उन्नयन  पर udaya veer singh
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*मुक्त-मुक्तक : 598  

कहा करते हैं लो... 

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मित्र “अविनाश विद्रोही” 

आपके आदेश पर इतना ही कुछ 

मुझ से आज कहा जायेगा 

उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी 
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परिवर्तन 

अब कोई बहस नहीं होगी, 
न कोई अनदेखी, न अपमान. 
बात-बात पर रूठ जाना, 
हर चीज़ में नुक्स निकालना, 
गुस्सा करना, चिड़चिड़ाना, 
किस्मत को कोसना, 
बेवज़ह की ज़िद करना -  
अब सब बदल गया है...
कविताएँ पर Onkar
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सिरहाना मिल जाये ..... 

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव 
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प्रकृति के खिलाफ़ नहीं 

प्रकृति के साथ चलना होगा 

झा जी कहिन पर अजय कुमार झा 
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बड़ी आला रईसी में गुज़रती जा रही अपनी 

फ़ुर्क़त-ओ-रंजोग़म की सल्तनत पर कब से क़ाबिज़ हूँ
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 
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ये कैसी परिणति 

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तुम्हें पाने और खोने के बीच 

एक प्रयास पर vandana gupta 
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चलो काट दो बेड़ियाँ 

चलो काट दो बेड़ियाँ ,जो पड़ी हैं जमाने की । 
करो बुलंद चाहत अपनी ,वक्त से आगे जाने की... 
--

कार्टून :- एक PA की आत्‍मकथा 

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"आज मेरे ज्येष्ठ पुत्र नितिन का जन्मदिन" 

(कार्टूनिस्ट अनिल भार्गव) 

13 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    हिन्दीमय सूत्रों से सजा आज का चर्चामंच |
    मेरी रचना शामिल करने के जिए आभार सहित धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात
    आज हिन्दी
    कल हिन्दी
    दिन हिन्दी
    रात हिन्दी
    तब हिन्दस्तान की
    भाषा बन पाएगी
    हिन्दी

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर चर्चा । हिंदी दिवस पर शुभकामनाऐं । 'उलूक' के सूत्र 'मित्र “अविनाश विद्रोही” आपके आदेश पर इतना ही कुछ मुझ से आज कहा जायेगा' को स्थान देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. हिंदी दिवस पर शुभकामनाएँ !
    सभी सूत्र, पठनीय और रोचक !

    जवाब देंहटाएं
  5. हिंदी दिवस के बहुत सुन्दर सार्थक लिंक्स-सह-प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर और सामयिक संयोजन ! हिन्दी-दिवस पर वधाई ! यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत की कोई भी राष्ट्र भाषा ही नहीं है | राज-भाषा से जी बहलाया गया है ! सभी मित्रों से आग्रह है कि इस विषय में क्या किया जा सकता है, सलाह दें !
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  8. आज की चर्चा सामयिक है. हिंदी दिवस पर राष्ट्रभाषा हिंदी के लिए समर्पित पोस्ट्स पढ़कर अच्छा लगा. एक खुशखबरी तो आज सभी के लिए है कि आने वाले दिनों में हिंदी (देवनागरी लिपि) में भी डोमेन मिलेगा. इससे हिंदी कि प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और हिंदी इन्टरनेट पर प्रतिष्ठित होगी.
    हिंदी दिवस की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं.

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  9. सुंदर सूत्र. मेरी कविता को स्थान देने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. धन्यवाद ! मयंक जी ! मेरे *मुक्त-मुक्तक : 598 कहा करते हैं लो... को शामिल करने का .......

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर लिंक्स मेरी कविता को स्थान देने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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