फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, सितंबर 16, 2014

संघियों तुम्हारा मुंह काला-देखो ; चर्चा मंच 1738


shashi purwar 


 
श्यामल सुमन
डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar 

chandan bhati 


सरिता भाटिया 

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 


जन-जन की अपनी ही भाषा,
हिन्दी हुई परायी क्यों?
दूर देश से चलकर, 
 भारत में अंग्रेजी आयी क्यों?

10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर मंगलवारीय चर्चा सुंदर सूत्रों के साथ रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार रविकर जी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को हिन्दी पखवाड़े की
    हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय श्री रविकर सर चर्चामंच के इस शानदार अंक में मेरा गीत सम्मिलित करने हेतु अनेक अनेक आभार आपका.

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन प्रस्तुति व लिंक्स , आ. रविकर सर , शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छे संयोजनों सहित आज का चर्चामंच है ! मेरी रचना को इस में सम्मिलित करने हेतु आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।