रविकर
बिला वजह लेता बुला, बला बिलावल पूत ।
दुस्साहस देगी सुला, यह भारत मजबूत ।
यह भारत मजबूत, दूध की खातिर रोना । भिजवा देंगे खीर, चार छ: लाख भगोना । चाहोगे कश्मीर, लुटेगा तिरा काफिला । देंगे तुझको चीर, नानियां मरें बिलबिला ॥ |
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
जब से छोटा हो गया, रुपये का आकार।
तब से बौना हो गया, रिश्तों का संसार।।
--
बिगड़ रही है व्यवस्था, बेबस है सरकार।
कीमत रुपये की घटी, मँहगाई की मार।।
|
गौतम राजरिशी
|
Anusha Mishra
|
HARSHVARDHAN TRIPATHI
|
Virendra Kumar Sharma
|
प्रमोद ताम्बट
|
मनोज कुमार
|
सुशील कुमार जोशी
|
Prabodh Kumar Govil
|
सुन्दर है दोस्त .बिला वजह लेता बुला, बला बिलावल पूत -
जवाब देंहटाएंरविकर
"कुछ कहना है"
बिला वजह लेता बुला, बला बिलावल पूत ।
दुस्साहस देगी सुला, यह भारत मजबूत ।
यह भारत मजबूत, दूध की खातिर रोना । भिजवा देंगे खीर, चार छ: लाख भगोना ।
चाहोगे कश्मीर, लुटेगा तिरा काफिला । देंगे तुझको चीर, नानियां मरें बिलबिला ॥
मेहनत दिख रही है आज की सुंदर प्रस्तुति में । आभार है 'उलूक' का रविकर जी सूत्र 'बीमार सोच हो जाये तो एक मजबूत शब्द भी बीमार हो जाता है' को स्थान दिया ।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार और व्यवस्थित चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार!
adarniy ravi ji sundar charcha , abhaar hamaen bhi shamil kar aapne krutardh kiya
जवाब देंहटाएंकाफी मेहनत लगी होगी ऐसे लिंक्स एकत्रित करने में .....निहायती उम्दा लिंक्स से सजी चर्चा रही.
जवाब देंहटाएंकाश कि आज की चर्चा बिलावल पढ़ लेता बेचारा शर्म से मर जाता. :D
: पासबां-ए-जिन्दगी: हिन्दी