मित्रों!
शनिवार की चर्चा में
आप सबका स्वागत है।
देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक।
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इश्क़ बताए, होती है बुत्तपरस्ती क्या
दीवानापन क्या, दीवानों की हस्ती क्या ।
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उस बस्ती को कहना आदम की बस्ती क्या...
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‘संघर्षों’ से हिलीं ‘डालियाँ’,
‘चन्दन-वन’ में ‘आग’ लगी !‘कलियाँ-सुमन-कोंपलें’ झुलसीं,
इस ‘मधुवन’ में ‘आग’ लगी !! ...
‘चन्दन-वन’ में ‘आग’ लगी !‘कलियाँ-सुमन-कोंपलें’ झुलसीं,
इस ‘मधुवन’ में ‘आग’ लगी !! ...
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गुरू बनेगा विश्व का, अपना भारत देश
गुरू बनेगा विश्व का, अपना भारत देश ।
धीरे - धीरे दे रहे, मोदी यह सन्देश...
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ग़ज़ल :
मौत के सँग ब्याह करके
देह का घर दाह करके, पूर्ण अंतिम चाह करके,
जिंदगी ठुकरा चला हूँ, मौत के सँग ब्याह करके...
प्रणय - प्रेम - पथ पर अरुन शर्मा
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दर्शन-प्राशन
लम्ब उदर के हो जाने से कर ना पाता हूँ जो आसन
उसे तुरत करती है बेटी
सुन्दरतम ये 'दर्शन प्रासन'...
प्रतुल वशिष्ठ
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किसने यहां क्या है पाया...
सांझ हुई तो घर आये पंछी,
नीड़ अपना, टूटा पाया।
रैन बिताई, पेड़ो पर
भोर हुई तो नव नीड़ बनाया...
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रहने दो बेजुबान मेरे शब्दों को....
शब्द बिखरे पड़े हैं इर्द -गिर्द
मेरे और तुम्हारे।
चुप तुम हो, चुप मैं भी तो हूँ..
कुछ शब्द चुन लिए हैं मैंने
तुम्हारे लिए
लेकिन बंद है मुट्ठी मेरी...
नयी उड़ान + पर Upasna Siag
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प्रेम कविता ....
Mukesh Kumar Sinha
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"ग़ज़ल-यहाँ अरमां निकलते हैं"
वही साक़ी वही मय है,
नई बोतल बदलते हैं
सुराखानों में दारू के,
नशीले जाम ढलते हैं
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न अपनी कार भाती है,
न बीबी याद आती है
किराये की सवारी में,
मज़े करने को चलते हैं
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हिन्दी भाषा का दिवस, बना दिखावा आज।
अंग्रेजी रँग में रँगा, पूरा देश-समाज।१।
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हिन्दी-डे कहने लगे, अंग्रेजी के भक्त।
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हिन्दी-डे कहने लगे, अंग्रेजी के भक्त।
निज भाषा से हो रहे, अपने लोग विरक्त।२।
बेहतरीन...
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात भाई मयंक जी
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल मचा दी आज आपने
आभारी हूँ
सादर
बहुत खूबसूरती से पेश की है आज की शनिवारीय चर्चा । 'उलूक' के सूत्र 'सात सौ सतहत्तरवीं
जवाब देंहटाएंबकवास नहीं कही जा सकती है बिना कुछ भी देखे सुने अपने आसपास' को जगह देने के लिये आभार ।
बहुत-बहुत आभार आपका शास्त्री जी। वक्ताभाव चल रहा है इसलिए ब्लॉग को ख़ास समय नहीं दे पाता।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स...चैतन्य को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय शानदार चर्चा मेरी ग़ज़ल को स्थान देने हेतु हृदयतल से हार्दिक आभार इस शानदार चर्चा हेतु हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रविवारीय चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
शानदार संयोजन !
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार शास्त्री जी मेरी क्षणिकाओं को चर्चा मंच पर स्थान मिला !!अन्य लिंक्स भी उम्दा !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत लिनक्स . देर से आने के लिए माफी..मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
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