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गुरुवार, अक्तूबर 02, 2014

तुगलकी फरमान { चर्चा - 1754 }

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
आज गाँधी जयंती है, प्रधानमंत्री जी के आदेशों से आज सफाई अभियान का भी कार्यक्रम है यह कार्यक्रम एक नबम्वर तक चलना है, कल दशहरे के दिन भी स्कूल में उपस्थिति देनी है और गाँधी जयंती पर भी और आगे दीवाली पर भी । कर्मचारी तो पहुंचेंगे लेकिन बच्चे त्यौहार छोड़ देंगे विशेषकर दशहरे और दीवाली का, यह संभव नहीं लगता, परिणामत: एक और योजना कागजों तक सिमटकर रह जाएगी । वैसे दीवाली के दिनों में सामान्यत: सफाई अभियान हर घर में चलता ही है । ऐसे में अगर यह अभियान अक्तूबर की बजाए चार-छह महीने बाद चलाया जाता तो एक बार और सफाई हो पाती और स्कूलों बच्चों की भागेदारी भी रहती, लेकिन इस देश में तुगलकी फरमान पहली बार आए हों ऐसा तो नहीं है । 
चलते हैं चर्चा की ओर 
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Laghu-Katha - My Hindi Short Stories -Pavitra Agarwal
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आभार 
दिलबाग विर्क 
अन्त में एक सूचना -
दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तरराष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है। हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी को सौंपी गयी है।
कृपया उनके ई-मेल   roopchandrashastri@gmail.com
पर अपने आने की स्वीकृति से अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
सम्पर्क- 07417619828, 9997996437

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर चर्चा....
    हम हिंदूस्तानियों की ये आदत है कि हम कोई भी अच्छा कार्य होने से पहले ही विरोध करना प्रारंभ कर देते हैं। क्योंकि हम देश के हित से अधिक व्यक्तिगत हित को महत्व देते हैं। शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी आदेश का पालन पूरे देश में किया जा रहा हो। मैं हिमाचल के एक पहड़ी क्षेत्र में रहता हूं। 5 सितंबर को जब बच्चे मोदी जी का भाषण सुनकर आये तो उन्हे भी इस दिन का महत्व पता लग गया था। इस से पहले कर्मचारी इस का भी विरोध कर रहे थे।

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    उत्तर
    1. विरोध के लिए विरोध नहीं है कुलदीप ठाकुर जी ..........गाँधी जयंती को सफाई दिवस के रूप में मनाना बुरा नही लेकिन सभी प्रमुख त्योहारों को लपेट लेना बुरा है ........... क्या सभी कर्मचारी प्रधानमन्त्री जी तरह अविवाहित हैं, क्या कर्मचारियों को अपने बच्चों के साथ त्यौहार मनाने का अधिकार नहीं ...... इतना ही नहीं स्कूल में बच्चों की भागेदारी भी कहाँ हो पा रही है ..... ये सरकारें सफाई कर्मचारी तो नियुक्त कर नहीं पाती , .............यहाँ तक अध्यापक दिवस की बात थी तो वह दिन बाल दिवस अधिक था

      हटाएं
    2. मैं दिलबाग जी से पूरी तरह सहमत हूँ।

      हटाएं
  2. शुभ प्रभात ...... एक से बढ़ कर एक लिंक्स से सजा सुंदर चर्चा मंच
    आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका .....
    असीम शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  3. श्रेष्ठ चर्चा ,बहुत सुंदर सार्थक लिंक्स संयोजन !!बधाई आपको !और हार्दिक आभार भी मेरी पोस्ट को स्थान दिया !!

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी मित्रों को गांधी जयन्ती तथा दुर्गापूजा-पर्व की हार्दिक वधाई ! आज का चर्चा-मंच आधात्मिक सद्भावना से ओत-प्रोत है | मेरी रचना को इस में शामिल करने हेतु धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी मित्रों को गाँधी जयंती की शुभकामनाएं। चर्चा मंच में एक से एक लिंक हैं ऐसे में मुझ नवोदित को स्थान देंने के लिए आपका आभार। :)

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर चर्चा प्रस्तुतिकरन में मेरी ब्लॉग पोस्ट को "सफाई अभियान" के रूप में प्रस्तुत कर सर्व साधारण तक सुगम बनाने के लिए बहुत धन्यवाद ...आभार!
    सबको गांधी जयंती और शास्त्री जयंती की शुभ-कामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
    चर्चा मंच के सभी पाठकों कों
    अष्टमी-नवमी और गाऩ्धी-लालबहादुर जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    मान्यवर,
    दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
    जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।
    हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
    कृपया मेरे ई-मेल
    roopchandrashastri@gmail.com
    पर अपने आने की स्वीकृति से अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
    सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
    कृपया सहायता करें।
    बाल साहित्य के ब्लॉगरों के नाम-पते मुझे बताने में।

    जवाब देंहटाएं
  9. सुंदर चर्चा दिलबाग । आभार तोता पुराण दिखाने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  10. तानाशाही के इस दौर में तुगलकी फरमान अभी और आएंगे।
    बस देखते जाइए ।

    बहरहाल मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सर!

    सादर

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  11. सुन्दर संयोजन ...बहुत बहुत धन्यवाद एवं विजया दशमी पर्व की हार्दिक शुभ कामनाएँ !!
    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    जवाब देंहटाएं

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