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सोमवार, दिसंबर 03, 2018

"द्वार पर किसानों की गुहार" (चर्चा अंक-3174)

सुधि पाठकों!
सोमवार की चर्चा में 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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पुर्नस्थापितं भव 

सुशील कुमार जोशी  
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पिता 

deepti sharma 
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क्षणिकाएं 

Kailash Sharma  
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हाईकू 

स्वर बेसुर  
कानों में खटके करें  
बेचैन व्यर्थ... 
Akanksha पर 
Asha Saxena  
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बडा आदमी 

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डॉ. अपर्णा त्रिपाठी  
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सूखती नदी 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
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शमा रातभर जलती रही 

शमा रातभर जलती रही,  
पिघलती रही।  
खोती रही अपना अस्तित्व,  
मिटाने को तमस।  
उसकी सदेच्छा,  
न भटके कोई अँधेरे में।  
न होये अधीर,  
घबड़ा कर निबिड़ अन्धकार से... 
Jayanti Prasad Sharma 
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बेबस दिखते राम अभी 

राजनीति के रखवालों ने किया है ऐसा काम अभी।  
निर्बल के बल राम सुना पर बेबस दिखते राम अभी... 
श्यामल सुमन  
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10 टिप्‍पणियां:

  1. उम्मीदों का श्रृंगार करती हुई कविता किरण जी की खूबसूरत ग़ज़ल तबले के बोल सी मुखर
    satshriakaljio.blogspot.com
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    जवाब देंहटाएं
  2. बेहद खूबसूरत भाव और अर्थ के शिखर को छूती हुई ग़ज़ल।

    दिल का दीया जलाके गया ये कौन मेरी तन्हाई में ,

    रोम रोम क्यों पुलक रहा रिश्तों की अंगड़ाई में ?

    zanaabveeruda.blogspot.com
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    veerujan.blogspot.com

    गीत-ग़ज़ल, दोहा-चौपाई, सिसक रहे अमराई में
    भाईचारा तोड़ रहा दम, रिश्तों की अँगनाई में

    फटा हुआ दामन दर्जी को, सिलना नहीं अभी आया
    सारा जीवन निकल गया है, कपड़ों की कतराई में

    रत्नाकर में जब भी होता, खारे पानी का मन्थन
    मच जाती है उथल-पुथल सी, सागर की गहराई में

    केशर की क्यारी को किसने, वीराना कर डाला है
    महाबली बलिदान हो गये, बारूदों की खाई में

    मन के दर्पण में लोगों ने, चित्र-चरित्र नहीं देखा
    'रूप' सलोना देख रहे सब, धुँधली सी परछाई में

    जवाब देंहटाएं
  3. उपयोगी लिंकों के साथ पठनीय चर्चा।
    आभार आपका राधा तिवारी जी!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर सोमवारीय चर्चा प्रस्तुति। आभार राधा जी 'उलूक' के स्थापना दिवस को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. शुभ प्रभात आदरणीया
    बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌
    गूंगी गुड़िया को स्थान देने के लिय सह्रदय आभार आदरणीया
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. ख़ूबसूरत सूत्रों से सजी रोचक चर्चा... मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार...

    जवाब देंहटाएं
  7. धन्‍यवाद राधाजी, मेरी ब्‍लॉगपोस्‍ट को इस संकलन में सम्‍मिलित करने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. बढिया चर्चा, शामिल किया आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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