फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, सितंबर 30, 2019

" गुजरता वक्त " (चर्चा अंक- 3474)

सादर अभिवादन। 

 चर्चा मंच पर आदरणीय शास्त्री जी के सानिध्य में अतिथि चर्चाकार के रूप में मेरी पहली प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है। 
ब्लॉग जगत् में सामूहिक ब्लॉग का अब बड़ा महत्त्व स्थापित हो गया है। रचनाकार को जहाँ एक ओर प्रबुद्ध पाठक वर्ग मिलता है वहीं सुधि पाठकों को एक ही पटल पर विभिन्न प्रकार की स्तरीय रचनाओं का आस्वादन प्राप्त होता है। आजकल ऐसा देखा जा रहा है कि सामूहिक ब्लॉग एक प्रकार की प्रतियोगिता का हिस्सा बन गये हैं। स्वस्थ प्रतियोगिता हमेशा सकारात्मक एवं रचनात्मक परिणाम देती है अतः इसी उम्मीद के साथ मैं आदरणीय शास्त्री का आभार व्यक्त करता हूँ मुझे चर्चा मंच में अतिथि चर्चाकार के तौर पर आमंत्रित करने और एक बड़ी जवाबदेही सौंपने के लिये। 
आइये पढ़ते हैं हाल ही में प्रकाशित हुईं कुछ ताज़ातरीन रचनाएँ- 
--
आज आदरणीय शास्त्री जी की जीवनसंगिनी श्रीमती अमर भारती जी का जन्मदिवस है। हमारी ओर से उन्हें जन्मदिवस की अशेष मंगलकामनाएँ।
पेश है आदरणीय शास्त्री जी की एक विशिष्ट ग़ज़ल -
--

ग़ज़ल 

"30 सितम्बर जन्म दिन मेरी श्रीमती" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

--------
प्रस्तुत हैं नवरात्रि के पावन उत्सव पर शास्त्री जी द्वारा रचित दोहे -
---------
पढ़िए आशालता सक्सेना जी द्वारा रचित एक प्रभावशाली रचना- 
--------
पेश-ए-नज़र है मन स्निग्ध करती एक मनोरम एहसास से गुज़रती रचना डॉ. अपर्णा त्रिपाठी जी की-   

-------

आदरणीय पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी अपनी रचनाओं में शाब्दिक ताज़गी और नये प्रयोगों को शामिल करते रहते हैं। पढ़िए उनकी एक नवीनतम रचना -

-----

कविता के नवीनतम सन्दर्भ तलाशती एक बेहतरीन रचना आदरणीया रेवा टिबड़ेवाल जी की आपकी नज़र -

--------

नवरात्रि के पावन पर्व पर आदरणीया कुसुम कोठारी जी की एक भाव-भक्ति से परिपूर्ण प्रस्तुति -

--------


ग़ज़ल के अशआर हमारे एहसासात से गुज़रते हुए ज़िन्दगी में नये रंग भरते हैं। पेश-ए-नज़र है डॉ. शरद सिंह जी की एक उम्दा ग़ज़ल -
   

वरना वो भी सुधर गया होता ( ग़ज़ल )... 

 ---------

जीवन में सुरों की तलाश उसे रसमय और सार्थक बनाती है। पेश है एक रचना आदरणीया अनुराधा चौहान जी की जो आपसे सीधा संवाद करती है -

--------


हिंदी भाषा में एक विशिष्ट विधा का स्थान लेती हैं 'कह मुकरियाँ' जिसमें कहकर मुकर जाने का भाव निहित है और एक प्रकार का विशिष्ट शिल्प होता है।  आइए समझते हैं इस विधा को आदरणीया रेखा जोशी जी की एक रचना के माध्यम से -
  

कह मुकरियाँ 

मत लो और मेरी परीक्षा 

कर  रही  हूँ तेरी प्रतीक्षा 

रहता सदा तेरा ही ध्यान 

का सखि साजन, न सखि भगवान 

Ocean of Bliss 

-------

आइये वैदिक साहित्य में पृथ्वी के महत्त्व और साहित्यिक सन्दर्भों का बयाँ करती संस्कृत भाषा की स्निग्धता से ओतप्रोत करती आदरणीय गिरिजेश राव जी की इस विशिष्ट रचना का अवलोकन करते हुए भावविभोर होते हैं -

माँ - १ : द्यौ: माता पृथिवी 

-------

आदरणीया अनीता जी के सृजन की अपनी एक विशेष शैली है। आइये पढ़ते हैं उनकी एक ताज़ा रचना जो दार्शनिक अंदाज़ से भरी हुई है -

कैसे-कैसे डर बसते हैं 



---------
साहित्य-सृजन के बदलते सन्दर्भों में नयी पीढ़ी ने एक ताज़गीभरी ख़ुशबू बिखेर दी है। आइये महसूस करते हैं कविता का ताज़ा मर्म आदरणीय नीतिश तिवारी जी की इस रचना में -

--------
और अंत में प्रस्तुत है अनीता सैनी जी की एक रचना जो प्रकाश डालती हुई सन्देश देती है जीवन में सुर-सरगम-संगीत किस प्रकार रचे-बसे हुए हैं और सृष्टि में संगीत की व्यापकता हमारी धड़कनों को किस प्रकार आत्मविभोर करती है -
     
--------
आज बस यहीं तक। 
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में। 
सादर। 
रवीन्द्र सिंह यादव 
--

14 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय रवींद्र जी
    बधाई और शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. ब्लॉग तकनीकी के पुरोधा आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव का
    चर्चा मंच पर स्वागत करता हूँ।
    --
    चर्चा मंच पर आपके सधे हुए कर कमलों से निकली शानदार चर्चा।
    --
    मेरी पत्नी के जन्मदिन पर शुभेच्छा के मंजुल भाव प्रकट करने के लिए
    आपका आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    उम्दा सजा चर्चा मंच |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
    अमरजीत जी को हार्दिक बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  4. रवींद्र जी का स्वागत है। चर्चा मंच को ब्लॉग सेतु पर दूसरे पायदान पर देख कर हर्ष हुआ। चर्चाकारों की मेहनत दिखाई देती है। शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. साथ में आदरणीय शास्त्री जी की पत्नी जी के जन्मदिन पर मंगलकामनाएं भी।

      हटाएं
  5. सुप्रभात आदरणीय 🙏)
    चर्चामंच पर आप का हार्दिक स्वागत है,बहुत अच्छा लगा आपका चर्चामंच के साथ जुड़ना, आदरणीय शास्त्री जी सर का भी आभार उन्होंने बतौर सहयोगी के तौर पर आप के सानिध्य ने नवाज़ा और आप के अनुभव से चर्चामंच लाभान्वित होगा |
    व्याख्या के साथ बेहतरीन प्रस्तुति सराहना से परे |प्रथम प्रस्तुति में मुझे स्थान देने के लिये आप का बहुत-बहुत आभार |
    आदरणीया माँ अमर भारती जी को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ |
    सादर |

    जवाब देंहटाएं
  6. आज की इस विशेष प्रस्तुति में रचना और रचनाकारों पर की गई टिप्पणी मंच की शोभा बढ़ा गई । साथ ही एक उत्सुकता भी । आवश्यक तत्वों के समायोजन से सजी आज की इस विशेष प्रस्तुति हेतु प्रस्तुतकर्ता तथा हमारे अभिन्न मित्र आदरणीय रवीन्द्र जी को कोटि-कोटि शुभकामनाएं । समस्त रचनाकारों को भी हार्दिक बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर संकलन 👌 मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय 🙏

    जवाब देंहटाएं
  8. नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
    आदरणीय शास्त्री जी की वामांगिनी जी को जन्मदिन पर बहुत बहुत शुभकामनाएं।

    चर्चा मंच पर रविन्द्र जी का एक चर्चाकार के रूप में आना बहुत सुखद है उन्हें अनंत शुभकामनाएं कि वे अपने अरिमित ज्ञान से चर्चा मंच को और ऊंचाइयों पर लेकर जाएं।

    आज का संकलन बहुत शानदार है ,रचना पर प्रबुद्ध टीका आते ही रचना का स्वरूप स्पष्ट तो होता ही है, साथ ही रचनाकार को एक आत्मिक उत्साह मिलता है कि उसकी रचना का सचमुच पठन करके समझ कर टिप्पणी हुई हैं ।
    रविन्द्र जी और चर्चा मंच दोनों को बहुत बहुत बधाई,साथ ही सदस्यों को भी तहेदिल से शुभकामनाएं।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने का हृदय तल से आभार।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  9. सुप्रभात, नवरात्रि की शुभकामनायें ! सुन्दर चर्चा, आभार !

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम आपको बधाई एवं शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  11. रवीन्द्र सिंह यादव जी जहाँ होंगे, वहां स्तरीय साहित्य-सृजन का आनंद तो सब उठाएँगे ही.

    जवाब देंहटाएं
  12. अरे वाह!
    आदरणीय रवीन्द्र सर को हार्दिक शुभकामनाएँ
    बहुत सुंदर संकलन
    सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक
    रचनाकारों को खूब बधाई
    बहुर सुंदर प्रस्तुति आदरणीय सर
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  13. आप सभी का तह-ए-दिल से शुक्रिया ऊर्जा से भरतीं शुभकामनाओं एवं समर्थन व सहयोग के लिये।
    देरी के लिये क्षमा।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।