शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अमृता तन्मय जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
शनिवासरीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
जीवन की अनूठी कहानी में कुछ रूठ जाने वाले पात्र होते हैं तो कुछ अनायास छूट जाने वाले स्मरणीय किरदार मिलते हैं। यादों की मनमोहक पूँजी ही जीवन की अनमोल धरोहर है जिसे सहेजते-सहेजते कब जीवन अपनी अंतिम परिणति तक पहुँच जाता है इसका भान कभी-कभी साहित्यिक महक लिए अमर हो जाता है।
आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
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हो जाता निष्प्राण कलेवर,
जब धड़कन थम जाती हैं।
सड़ जाता जलधाम सरोवर,
जब लहरें थक जाती हैं।
चरैवेति के बीज मन्त्र को,
पुस्तक-पोथी कहती है।
श्वाँसों की सरगम की धारा,
यही कहानी कहती है।।
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मानव के होश संभालने के साथ-साथ ही ईश्वर की कल्पना भी अस्तित्व में आ गई थी। हालांकि उसके निराकार होने की मान्यता भी है। फिर भी उसकी शक्ति का एहसास किया जाता रहा है ! ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जो उसके अस्तित्व को महसूस कराते रहते हैं। हमारा देश तो भरा पड़ा है ऐसे अलौकिक, आश्चर्यजनक, हैरतंगेज चमत्कारों से !
हर ह्रदय की विकलता को आपने असमर्थ शब्दों के सहारे प्रकट किया है । कल्पनाओं का भवसागर ना जाने कितने मोतियों को संजोए रखता है । कभी-कभी ना चाहते हुए भी वे मोती अपनी चमक बिखेरने लगते हैं । आभार एवं शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंप्रिय अनीता जी,
जवाब देंहटाएंसुंदर और पठनीय लिंक्स का बेहतरीन चयन-संयोजन किया है आपने ।
बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं 💐
सस्नेह,
डॉ. वर्षा सिंह
प्रिय अनीता सैनी जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना को भी चर्चा में सम्मिलित किया है, यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है।
बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार 🙏🌹🙏
- डॉ. शरद सिंह
बहुत सुंदर थीम है आज की चर्चा की 💐
जवाब देंहटाएंरोचक सार्थक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपठनीय रचनाओं के सूत्रों की खबर देता चर्चा मंच ! आभार !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संकलन, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्रिय अनीता जी, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर अभिवादन
रोचक सार्थक चर्चा प्रस्तुति...मेरी रचना को चर्चाअंक में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार....
जवाब देंहटाएंप्रिय अनीता जी, नमस्कार ! सुंदर और सार्थक रचनाओं को एक मंच पर पढ़ने का अवसर मिला..सुंदर संकलन तथा खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई..मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका आभार..।
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सेनी जी।
बहुत सुंदर भूमिका दर्शन चिंतन यथार्थ का।
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक,सभी रचनाएं बहुत सुंदर।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सादर।
अनीता जी चर्चा मंच पर मेरी कविता को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत सुन्दर मंच सजाया है आपने.
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