स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आ. शास्त्री सर जी की रचना से)
सर्दी का मौसम अपने पूरे शबाब पर आने लगा है.......
अब देखते हैं ये अपने क्या-क्या रंग दिखाता है.......
ख़ैर,चलते हैं आज की रचनाओं की ओर.......
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पाला पड़ता, शीत बरसता,
सर्दी में है बदन ठिठुरता,
तन ढकने को वस्त्र न पूरे,
निर्धनता में जीवन मरता,
पर्वत पर हिमपात हो रहा,
पौधे मुरझाये कानन में।
कुहरा पसरा आज चमन में।।
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तुम्हारे आने की सुगबुगाहट से
खड़कियों में
टांग दिए हैं
गुलाबी रंग के नये पर्दे
क्योंकि
तुम्हें धूप का छन कर
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देखकर मुस्कुराते गये।
मुझको दिल में बसाते गये।
तिरछी नजरों से देखकर,
मुझको थोड़ा लुभाते गये।
मुझको पाने की ले आरजू ,
दिल अपना लुटाते गये।
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अभी तो सूरज उगा है,
सवेरा यह कुछ नया है।
प्रखरतर यह भानु होता ,
गगन में बढ़ अब चला है।
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जमीन के नीचे
उबलते लावा का रंग
अब पढ़ते हैं
तस्वीर में
मेरा चेहरा
बढ़ी हुई दाढ़ी
और ....
कुछ नहीं
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व्यग्र,व्याकुल इस जिंदगी को,
मिल जाएगा निसाब जिस दिन,
ऐ मेरी अतृप्त ख्वाहिशों,
कर दूंगा तुम्हारा भी हिसाब उस दिन।
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मैंने भी तेरी गुलामी का तुझे अहसास ना हो
बेहोश करने वाला एक जरिया निकाला है
"तुम सोलह श्रृंगार में कितनी खूबसूरत लगती हो"
और तेरा कद तेरे मन में मेरे बराबर हो जाता है।
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लिखे को पढ़िये पन्ने दर पन्ने
किसलिये ढूंढनी है
कलम किस की है
और कहाँ रखी है
किसलिये ढूंढनी है
कलम किस की है
और कहाँ रखी है
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गमों की फिर से एक,
कहानी लेकर आई हूँ ।
गुजरे वक्त की अपनी,
निशानी लेकर आई हूँ।1।
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आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
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एक से बढ़कर एक उम्दा लिंक्स चयन
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
साधुवाद
वाह! बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया कामिनी जी
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स चयन,बेहतरीन प्रस्तुतीकरण
बहुत शानदार लिंक्स।
जवाब देंहटाएंआभार
आभार कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबहुत उता्तम चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
एक से बढ़कर एक सुंदर रचनाओं का संकलन ।
जवाब देंहटाएंसादर।
आभार कामिनी जी.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित पुष्प गुच्छ सी प्रस्तुति । सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ अपने आप में अद्वितीय हैं, सुन्दर संकलन व आकर्षक प्रस्तुति, मुझे जगह देने हेतु हार्दिक आभार, आदरणीया कामिनी जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंआप सभी का हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
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