मित्रों रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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वर्ष-2020 बस जाने ही वाला है।
कमाना करता हूँ कि नववर्ष-2021
2020 जैसा न हो।
नये साल में सब स्वस्थ रहें।
इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ
आज की चर्चा का प्रारम्भ करता हूँ।
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पड़ने वाले नये साल के हैं कदम!
स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
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कोई खुशहाल है. कोई बेहाल है,
अब तो मेहमान कुछ दिन का ये साल है,
ले के आयेगा नव-वर्ष चैनो-अमन!
स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
उच्चारण स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
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कोई खुशहाल है. कोई बेहाल है,
अब तो मेहमान कुछ दिन का ये साल है,
ले के आयेगा नव-वर्ष चैनो-अमन!
स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
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- बूढ़े के भाग से छींका टूटा
- कल की कहानी
आज चौबीस घंटे
पुरानी हो गयी
पडौ़सन जो कल
सिर्फ मम्मी थी
आज नानी हो गयी - उलूक टाइम्स- सुशील जोशी
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Jigyasa Singh, जिज्ञासा की जिज्ञासा
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नव जीवन की आस ले , आया है नव वर्ष
माहौल बने शान्ति का , फैले हर-सू हर्ष ।
फैले हर - सू हर्ष , यही कोशिश हो सबकी
सुधरें कुछ हालात, मिले न किसी को धमकी ।
संभव है बदलाव , अगर ठानें सबका मन
नए वर्ष के साथ , करें शुरू हम नव जीवन ।
दिलबागसिंह विर्क, Sahitya Surbhi
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समय समय की बात
गूँगी गुड़िया-अनीता सैनी दीप्ति
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पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा,
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- "ज़िंदगी का सबक सिखाता "
- दिसम्बर और जनवरी का महीना
- दिसम्बर जाता है जनवरी से ये वादा करते हुए फिर मिलेंगे ग्यारह महीने बाद नए साल में नये तजुर्बो के साथ और जनवरी कहती है-- मैं एक नई आस ,नई उमींद और और नये विश्वास के साथ तुम्हारे ढेरों अधूरे ख्वाबों को पूरा करने का यकीन दिलाती हूँ। वो एक रात जिसमे दिसम्बर और जनवरी का पल भर के लिए मिलन होता है और फिर वो बिछड़ जाते है। उनके मिलन और बिछुड़न के इस दिन को हम दुनियां वाले जश्न के रूप में मानते है।
- मेरी नजर से कामिनी सिन्हा
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जीवन पथ
घनघोर अँधेरा
चलता चल
ऊँचे पर्वत
निर्जन उपवन
चलता चल
Meena Bhardwaj, मंथन
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मत भूलना शहीद हुए जो साथी संघर्षों की राहों में
वो सुबह भी आएगी जब ख़ुशियाँ झूलेंगीं अपनी बाहों में
आंदोलन की राहें भले अब और कठिन हो जाएँगीं
सत्ता के आगे ख़ुद्दार आँखें दया की भीख नहीं माँगेंगीं।
वो सुबह भी आएगी जब ख़ुशियाँ झूलेंगीं अपनी बाहों में
आंदोलन की राहें भले अब और कठिन हो जाएँगीं
Ravindra Singh Yadav, हिन्दी-आभा*भारत
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सधु चन्द्र, नया सवेरा
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Amit Mishra 'मौन', अनकहे किस्से
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मूक सी इस व्यवस्था ने
Abhilasha, मन के मोती
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Dr.Manoj Rastogi, साहित्यिक मुरादाबाद
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विकास नैनवाल 'अंजान', एक बुक जर्नल
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गगन शर्मा, कुछ अलग सा
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आज के लिए बस इतना ही...!
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सुप्रभात सर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया।सभी रचना कारो को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर प्रणाम
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पुष्पगुच्छ सी श्रमसाध्य चर्चा प्रस्तुति । सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । चर्चा में मेरे सृजन को मान देने के लिए सादर आभार सर !
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंनमन 🙏
नववर्ष की नई उम्मीदों से हुए चर्चा के इस आगाज़ ने मन को वाकई चैनो- सुकून दिया है। उम्मीद है वर्ष 2021 चैनो- अमन से परिपूर्ण होगा।
आपका चयन -संयोजन सदैव उत्कृष्ट रहता है।
मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी, नमस्कार ! उत्कृष्ट रचनाओं के चयन तथा उम्दा प्रस्तुतीकरण के लिए आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ , मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका तहेदिल से धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा अंक आदरणीय सर, मेरी इस पुरानी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाएं । सुन्दर प्रस्तुति । सभी को बधाई ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय भाई साहब, सादर नमस्ते
जवाब देंहटाएंमेरे संस्मरण को स्थान देने के लिए हृदय से बहुत बहुत आभार ।
नव वर्ष के लिए सभी रचनाकारों व पाठकों को अग्रिम शुभकामनाएं ! सुंदर चर्चा, आभार !
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