स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है (शीर्षक आ. शांतनु सन्याल जी की रचना से)
मानों तो बहुत कुछ है, तुम्हारे
आंचल में, और न मानों
अगर, तो पानी का
बुलबुला है, ये
संसार।
आंचल में, और न मानों
अगर, तो पानी का
बुलबुला है, ये
संसार।
शांतनु जी. आपने बहुत ही गहरी बात कही है
इस जीवन और संसार को देखने का सबका अपना अपना नज़रिया होता है
जैसे कि आधे ग्लास पानी को देखकर कोई उसे आधा भरा कहता है
तो कोई आधा खाली
2020 के ग्यारह महीने बीत गए,आज से आखरी महीना भी शुरू हो गया है
इस साल ने तो दुख-दर्द से भरे साल का ख़िताब पा लिया
सामूहिक इतना दर्द इतनी परेशानी शायद ही पहले कभी देखने या सुनने को मिला हो
मगर,इस साल को भी देखने का सबका अपना-अपना दृष्टिकोण है
कोई दर्द से टूट चूका है,तो कोई अब भी अच्छे दिनों के उम्मीद के साथ
नई उत्साह,नई ऊर्जा के साथ फिर से उठने की तैयारी कर रहा है
जैसा कि- धर्य धारण करने को प्रेरित करती हुई
"पुरुषोत्तम जी की लिखी ये लाजबाब पंक्तियाँ"
"वैसे तो, निराशाओं में ही पलती है आशा,
बेचैनी ही, ले आती चैन जरा सा,
रख ले तू भी, प्रत्याशा!"
परमात्मा करें आने वाले दिनों में हमारे घरों में ही नहीं बल्कि
सम्पूर्ण विश्व में सुख,शांति और समृद्धि व्याप्त हो
इसी कामना के साथ चलते हैं आज की रचनाओं की ओर......
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सभ्यता, शालीनता के गाँव में,
खो गया जाने कहाँ है आचरण?
कर्णधारों की कुटिलता देखकर,
देश का दूषित हुआ वातावरण।
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वो बीत चुका, अच्छा है, जो वो रीत चुका,
अब तक, लील चुका है, सब वो,
जीत चुका है, सब वो,
लाशों के ढ़ेरों में, अब चुनता है क्या रह-रह!
अबकी, बारह में, हार चले हम ग्यारह!
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तमन्ना थी कि हमारा भी
प्यार परवान चढ़ेगा
एक छोटा सा घर होगा
नन्हे नन्हे प्यारे से फूलों
से मन आंगन मेहकेगा
पर तुम तो चल दिए
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युगों-युगों से बह रही है
मानवता की अनवरत धारा
उत्थान -पतन, युध्द और शांति के तटों पर
रुकती, बढ़ती
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तुम्हारे सत्रहवें जन्मदिन पर
ख़्वाबों का कोई सैलाब घेर ले तुम्हें
और पंछियों का कोलाहल निबद्ध हो उठे
राग भैरवी में
फूलों पर मंडराते भंवरे, तितलियाँ
तुमसे सुनना चाहें सितारों की कहानियां
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प्रिय ब्लॉग पाठकों,
आज 29 नवम्बर को मेरी अनुजा डॉ. (सुश्री) शरद सिंह का जन्मदिन है। उन्हें मेरी अनंत हार्दिक शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद 🎂💐
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डॉ. शरद सिंह जी को
और प्रतिभा जी की सुपुत्री को
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
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आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
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श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स संचयन
बहुत सुन्दर और श्रम से सजी-सँवरी चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी जी,
जवाब देंहटाएंबहुत श्रमसाध्य कार्य कर खोज की है आपने बेहतरीन लिंक्स की।
साधुवाद
एवं
हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
सभी रचनाएं अपने आप में अद्वितीय हैं, सुन्दर संकलन व प्रस्तुतियों से सजा चर्चा मंच, सामयिक प्रसंगों व साहित्य को समृद्ध करता है, मुझे स्थान देने हेतु दिल की गहराइयों से आभार - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंशानदार रचना संकलन,सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं,मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी 🌹🙏
जवाब देंहटाएंआप सभी स्नेहीजनों का तहेदिल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंविविधतापूर्ण लिंकों से सजी बहुत सुन्दर प्रस्तुति कामिनी जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन आज का |जन्म दिन की शुभ कामनाएं |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बधाई
जवाब देंहटाएं