सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
कड़ाके की ठंड में
जवान तैनात हैं
देश की सरहदों पर
चीन-पाकिस्तान के धूर्त मंसूबे
पस्त-ध्वस्त करने,
किसान आ डटे हैं
सत्ता की राजधानी की सीमाओं पर
ख़ून-पसीने की कमाई पर
चतुर-चालाक वर्ग की
धूर्त चालों को परास्त करने।
#रवीन्द्र_सिंह-यादव
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित नवीनतम रचनाएँ-
कभी-कभी
बहुत दूर से आती
संगीत की धीमी सी आवाज़
जाने कैसे एक
स्पष्ट, सुरीली, सम्मोहित करती सी
बांसुरी की मनमोहक, मधुर, मदिर
धुन में बदल जाती है
उनके लिए हर रंग का गुलाब रखा था हमने,
रश्क इतना कि वो हमारे मैय्यत पर भी ना आए,
जनाज़े के बगल में ख़त का जवाब रखा था हमने।
तुम मेरे साथ चल के तो देखो
दायरे से निकलकर तो देखो
आंसुओं से भरी हुई आंखें
इनमें एक ख़्वाब मल के तो देखो
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परिषदीय परीक्षाएं ७ मार्च से प्रारम्भ होनी थी | पर २५ फरवरी को उसके कथित चाचा चाची उसे खोजते हुये बुलन्दशहर आ गये | शायद एटा स्कूल के किसी कर्मचारी ने उन्हें बुलंदशहर में उसके द्वारा स्थानान्तरण प्रमाण पत्र मगाये जाने की जानकारी दे दी होगी | अत: उन्होंने आते ही स्वयं को सपना का संरक्षक बताते हुये उसके गत कई माह से गुम होने की की प्राथमिक सूचना थाने में दर्ज करा दी | जिससे पुलिस ने आर्य समाज को उसे दो दिन बाद अदालत में प्रस्तुत करने के लिए समन भेज दिया | सपना समाज के लोगों के सामने बहुत गिड़गिड़ाई , बहुत रोई कि मुझे उनके साथ मत भेजिये , ये मुझे फिर किसी को बेच देंगे | पर किसी ने उसकी कोई बात नहीं सुनी
रवीन्द्र सिंह यादव जी,
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभारी हूं कि आपने मेरे नवगीत को चर्चा मंच में शामिल किया है। यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है। आपको हार्दिक धन्यवाद 🌷🙏🌷
- डॉ शरद सिंह
शानदार लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए साधुवाद 🌻🙏🌻
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात। बहुत ही उम्दा रचनाओं व लिंकोः से सजी प्रभावशाली प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक लिंंकों की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।
वाह! सभी लिंक्स शानदार। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी,
जवाब देंहटाएंजय जवान- जय किसान को प्रतिबिंबित करती भूमिका के साथ आज की चर्चा बहुत अच्छे लिंक्स संजोए हुए है। आपके श्रम को नमन.🙏
मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
सुंदर लाजबाव प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ पढी | सचमुच बहुत अच्छा संकलन है | सभी रचनाएँ अच्सछी व सराहनीय है |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर लाजवाब रचनाओं का संकलन।
जवाब देंहटाएंसादर।
वाह ! आज की चर्चा में बहुत ही सुन्दर सूत्रों का चयन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाओं का चयन, आभार !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय रवींद्र जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत आभार
जवाब देंहटाएंमुझे क्षमा करिएगा मैं समय से चर्चामंच पर उपस्थित नहीं हो पाई