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मंगलवार, दिसंबर 29, 2020

"नया साल मंगलमय होवे" (चर्चा अंक 3930)

स्नेहिल  अभिवादन 

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

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(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से )

"नया साल मंगल मय होवे,
महके-चहके घर-परिवार।।"

--
"बहुत ही सुंदर प्रार्थना"
नया साल मंगलमय होगा,हर घर-आंगन जरूर महकेगा... 
यदि हम गुजरे दिनों से सबक लेकर,अपनी गलतियों को सुधारेंगे....
अपनी सोच अपने कर्म और व्यवहार में परिवर्तन लायेगें..... 
परमात्मा हमें सद्बुद्धि दे,इसी कामना के साथ.... 
चलते हैं,आज की रचनाओं की ओर.... 
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गीत "महके-चहके घर परिवार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

कोकिल गायें मधुर तराने,
प्रेम-प्रीत का हो संसार।
नया साल मंगलमय होवे,
महके-चहके घर परिवार।।

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 सेतु

चारों तरफ मैरी किसमस सैंटा सांता क्लॉज का शोर मचा हुआ था..। इस अवसर पर मिलने वाले उपहारों का  शैली को भी बेसब्री से प्रतीक्षा थी। कॉल बेल बजा और एक उपहार उसे घर के दरवाजे पर मिल गया। चार-पाँच साल की नन्हीं शैली खुशियों से उछलने लगी,-"मम्मा! मम्मा मैं अभी इसे खोल कर देखूँगी। सैंटा ने मेरे लिए क्या उपहार भेजा है?"

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  • "गिफ्ट"
  •  बहुत देखभाल के बाद पूर्वी के लिए सुहानी ने एक तोता पसन्द किया और जन्म दिन पर 

     उसका गिफ्ट उसके सामने रख दिया । साथ ही सुमित को सख़्त हिदायत दी कि वह अपनी शरारतों से बाज आए और बहन और उसके तोते से छेड.-छाड़ न करे ।

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एक विधवा वन से लकड़ियां काटकर उन्हें घर -घर बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करती थी अचानक वन विभाग से लकड़ी काटने पर सख्त मनाही होने से वह जंगल से लकड़ियां नहीं ला पायी तो घर में भुखमरी की नौबत आ गयी उससे ये सब सहा न गया तो वह रात के अंधेरे में जंगल से लकड़ियां चुराने निकल पड़ी, 
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धूपवाली सुबह की उम्मींद | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | लघुकहानी | ऑनलाइन कथापाठ
जाड़े की रात अपना कहर बरपा रही थी। ठंड मानो आसमान से बरस रही थी और किसी बाढ़ आई नदी की तरह उस फ्लाई ओव्हर के नीचे से गुज़र रही थी जहां दर्जन भर से ज़्यादा परिवार सिकुड़े पड़े थे। उनके फटे कंबल और चीकट हो चली कथरियां उस ठिठुराते जाड़े से मुक़ाबला करने में असमर्थ थीं।
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एक पत्र , मानव के नाम ......
    
         आज मैं बहुत खुश हूँ ,बताऊँ क्यों ? 
   बस चार दिन शेष हैं मेरी जिंदगी के .....😊
   आप कहेगें ,अरे भाई .... जीवन समाप्त होने को है और तुम खुश हो !  हाँ ...बहुत खुश ....।

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शून्य का चक्र

शून्य हूँ ! कल शून्य में मिलना मुझे है 
पर सफर ये शून्य का कैसे करूँ मैं ।
शून्य के अंजान पथ पर अग्रणी हो 
चल रे मनवा हाथ तेरा पकड़ लूँ मैं ।।

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साल मुबारक! / अमृता प्रीतम
जैसे समय के होंटो से
एक गहरी साँस निकल गयी
और आदमज़ात की आँखों में
जैसे एक आँसू भर आया
नया साल कुछ ऐसे आया...

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डिजिटल मीडिया और पॉडकास्टिंग
डिजिटल मीडिया (अंकीय माध्यम) का नाम आजकल हम ख़ूब सुन रहे हैं। डिजिटल को हम इस तरह समझ सकते हैं कि कोई भी डेटा जिसे डिजिट्स यानी अंकों की सीरीज़ द्वारा दर्शाया जा सकता है और मीडिया का मतलब किसी भी डेटा  को प्रसारित करने या दूसरों तक पहुंचाने के माध्यम।
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आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं 
आप सभी स्वस्थ रहें,प्रसन्न रहें 
इसी  कामना के साथ,इस साल में आप सभी से विदा लेती हूँ 
मिलती हूँ फिर नये साल में,नई उम्मीद और नये उत्साह के साथ 
अब आज्ञा दे 
कामिनी सिन्हा
-- 

16 टिप्‍पणियां:

  1. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन व लाजवाब चर्चा प्रस्तुति कामिनी जी! सभी लिंक्स एक से बढ़ कर एक ...श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दीदी।समय मिलते ही सभी रचनाएँ पढूंगी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. एक से बढ़कर एक सुंदर रचनाओं का संकलन।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर व सार्थक प्रस्तुति। सभी ब्लॉग लेखकों को नववर्ष 2021 की शुभकामनाएं और बधाई। आदरणीय कामिनी जी का आभार। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रिय कामिनी सिन्हा जी,
    आपका हार्दिक आभार कि आपने मेरी लघुकहानी को चर्चा मंच में शामिल किया है। यह मेरा सौभाग्य है।
    आपको बहुत धन्यवाद 🙏
    - डॉ शरद सिंह

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन रचनाओं की उम्दा प्रस्तुति के लिए आपको साधुवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!प्रिय सखी कामिनी जी ,बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति । मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।सभी मित्रों को नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  9. सारगर्भित एवं रोचक रचनाओं से सजा हुआ सुंदर संकलन संयोजन तथा उम्दा प्रस्तुतीकरण के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएँ,प्रिय कामिनी जी ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ..सादर नमन..जिज्ञासा सिंह..।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही सुन्दर श्रमसाध्य चर्चा प्रस्तुति.... सभी लिंक्स बेहद उम्दा एवं पठनीय... मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु तहेदिल से धन्यवाद आपका।
    सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत अच्छी चर्चा ....नववर्ष की दस्तक सुनाई देने लगी है। सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻💐🙏🏻

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  12. आप सभी स्नेहीजनों का तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर अभिवादन

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
    आपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं

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