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रविवार, फ़रवरी 07, 2021

"विश्व प्रणय सप्ताह" (चर्चा अंक- 3970)

 रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।

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मित्रों! आज से पश्चिम का 

प्रणय सप्ताह शुरू हो रहा है।

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"पश्चिम की है सभ्यता, थोड़े दिन का प्यार" 

शुरू हो रहा आज से, विश्व प्रणय सप्ताह।
लेकिन मौसम कर रहा, सब अरमान तबाह।।
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बारिश-कुहरे से घिरा, पूरा उत्तर देश।
नहीं बना मधुमास में, बासन्ती परिवेश।।
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ग़ज़लों के भीतर | ग़ज़ल | डॉ. वर्षा सिंह | संग्रह - सच तो ये है 

मेरा दिल उसके दिल के दरवाज़े पर 

जैसे धरती के आगे फैला सागर


तितली, फूल, हवा, पानी के रिश्ते में 

साझा ख़ुशबू, साझा हैं ढाई आखर 

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मोहब्बत 

कुछ पल की मुहब्बत मिली 
कुछ पल  का  सुरूर 
जीवन तपती रेत बना 
धुआँ-सा उड़ता गुरुर | 
अनीता सैनी, गूँगी गुड़िया 
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Image result for फूल के चित्र
जब हम  तुमसे  ना मिले थे ,
 कब  मन के बसंत खिले थे  ?
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चाँद ना था  चमकीला   इतना ?
 कब महके मन के   वीराने थे ?
 पल प्रतीक्षा के भी   साथी --
 कहाँ  इतने   सुहाने  थे ?
 रुके थे निर्झर पलकों   में     -
 ना मधुर  अश्कों में ढले थे -
  जब हम तुमसे न मिले थे !! 
रेणु, क्षितिज 
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एक आंतरिक द्वन्द...  और मैं कवि बन जाता हूँ 
 मस्तिष्क और हृदय के बीच निरंतर
 एक बढ़ता निरंतर शांति पथ पर 
किन्तु एक पुनः किसी 
सधु चन्द्र, नया सवेरा 
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  • कहानी संग्रह पंखुड़ियाँ  
  • (24 लेखक एवं 24 कहानियाँ ) 
  • की सूचना साझा करते हुए बहुत ख़ुशी का अनुभव हो रहा है कि इस संकलन में मेरी कहानी "अभावों के स्वभाव" सम्मिलित है। 
    देशभर के अलग-अलग राज्यों से प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की  इस पहल ने लेखकों को एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान किया कहानी संग्रह का आयोजन करते हुए। 
    पंखुड़ियाँ कहानी संग्रह अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ई-स्टोर्स पर 24 जनवरी 2018 से उपलब्ध है।   
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हसरत 

इन आँखों के समन्दर में उतर जाने की हसरत है

नहीं कहता तू मुझको अपनी हसरत बना के जी

मुझे तो तेरी दीवानगी में मर जाने की हसरत है। 

Satish Rohatgi, स्वरांजलि  
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टीवी चैनल आज तक के बुक कैफे में मेरे उपन्यास शिखण्डी पर चर्चा - डॉ शरद सिंह
देश के चर्चित टीवी चैनल 'आजतक' के साहित्यिक कार्यक्रम BookCafe 'साहित्य तक' में 'आजतक' के साहित्यमर्मज्ञ, समीक्षक जयप्रकाश पाण्डेय जी ने बहुचर्चित पांच क़िताबों में मेरे उपन्यास 'शिखण्डी' पर भी विस्तृत चर्चा की है... 
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मेष लग्‍न की कुंडली मानव जाति की जीवनशैली का प्रतिनिधित्‍व करती है मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार शनि दशम और एकादश भाव का स्‍वामी होता है यानि यह जातक के पिता पक्ष , प्रतिष्‍ठा पक्ष और हर प्रकार के लाभ का प्रतिनिधित्‍व करता है। मनुष्‍य के जीवन में भी पिता पक्ष और लाभ का आपस में संबंध होता है। हम सभी जानते हैं कि एक बच्‍चे को समाज में पहचान पिता के नाम से ही मिलती है , पिता के स्‍तर के अनुरूप ही उसे पद और प्रतिष्‍टा प्राप्‍त होती है या लाभ का वातावरण बनता है। इसके अलावे किसी प्रकार के लाभ के वातावरण के मजबूत होने पर ही किसी व्‍यक्ति को प्रतिष्‍ठा मिलती है और प्रतिष्‍ठा मिल जाने पर लाभ प्राप्ति का वातावरण मजबूत बनता है। 
संगीता पुरी, Gatyatmak Jyotish  
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बासंती हलचल में ... 

पर .. कहीं 
कर ना देना
मौसम के 
बीतते ही ,
बीतते ही 
किसी चुनाव के
लावारिस-से 
पोस्टरों के 
पीले पड़े
क्षत-विक्षत 
हो जाने जैसा ...

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आज का उद्धरण 
विकास नैनवाल 'अंजान', एक बुक जर्नल  
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आज़ादशुदा रूह 
वो ख़ानाबदोश
है कई जन्मों से,
उसे क़ैद
करना
नहीं
आसां, पिंजरे में बंद करते ही
उसका, 
निःशब्द मर
जाना है लाज़िम। 
शांतनु सान्याल, अग्निशिखा : 
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परिणति 
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा, कविता "जीवन कलश"  
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किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे नए कानून! 
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ग्रामीण विकास मंत्री पंचायती राज मंत्री; और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर का राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर पढ़े  पूरा भाषण। 
शिवम् कुमार पाण्डेय, राष्ट्रचिंतक  
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"हरसिंगार के फूल" 
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करने में उपकार को, नहीं मानता हार।
बाँट रहा है गन्ध को, सबको हर सिंगार।।
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केसरिया टीका लगा, हँसता हरसिंगार।
अमल-धवल ये सुमन है, कुदरत का उपहार।।
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नतमस्तक होकर सदा, करता है मनुहार।
धरती पर बिखरा हुआ, लुटा रहा है प्यार।।

उच्चारण 
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आज के लिए बस इतना ही।
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11 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी,
    आभारी हूं कि आपने मेरी पोस्ट को चर्चा मंच में शामिल किया है।
    आपको हार्दिक धन्यवाद 🌹🙏🌹
    - डॉ शरद सिंह

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत महत्वपूर्ण एवं सार्थक सामग्रियों से परिपूर्ण लिंक्स के लिए आपको साधुवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय शास्त्री जी,
    बहुत श्रमपूर्वक संजोए हैं आपने बेहतरीन लिंक्स... साधुवाद 🙏
    मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
    सादर,
    डॉ. वर्षा सिंह

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया👌
    मेरे ब्लॉग को चर्चामंच पर स्थान देने लिए आपका हृदय तल से धन्यवाद एवं आभार आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचनाओं का संकलन,श्रमसाध्य प्रस्तुति,सादर नमन सर
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्मदा संकलन ,मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने कलिये बहुत बहुत धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  7. एक से बढ़कर एक रचनाएँ।
    मुझे इन विद्वजनों के बीच स्थान देने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर प्रस्तावना व संकलन के साथ चर्चा मंच हमेशा की भाँति मुग्ध करता हुआ, मेरी रचना को शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीय शास्त्री जी - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं
  9. अत्यंत मनमोहक रचनाओं के साथ सजी चर्चा। प्रणय की गाथाओं में मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार आपका। । आज के सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं। सादर 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  10. लेकिन ज्योतिष लेख को इस मंच पर पाकर आश्चर्य हुआ 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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