बहुत सुंदर चर्चा अंक आज का।
हमारी कविता "दो जून की रोटी" को 'चर्चा मंच' में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया...
नमन संग आभार आपका मेरी रचना/सोच को अपने मंच पर जगह देने के लिए ...
अलग से साधुवाद .. "भुलाने के लिए लिखना- सुभाष गाताडे" से रूबरू कराने के लिए ...
रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा...
बेहतरीन चर्चा अंक, मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार सर,सादर नमन
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रोचक तथा पठनीय सूत्रों से सजे अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दिलबाग सिंह जी।
बेहतरीन चर्चा संकलन
सुप्रभात उम्दा अंक आज का |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
बेहतरीन अंकमेरी ग़ज़ल को स्थान देने के लिए आभार
मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदय से धन्यवाद दिलबाग जी।
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बहुत सुंदर चर्चा अंक आज का।
जवाब देंहटाएंहमारी कविता "दो जून की रोटी" को 'चर्चा मंच' में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंनमन संग आभार आपका मेरी रचना/सोच को अपने मंच पर जगह देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंअलग से साधुवाद .. "भुलाने के लिए लिखना- सुभाष गाताडे" से रूबरू कराने के लिए ...
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा अंक, मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार सर,सादर नमन
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जवाब देंहटाएंरोचक तथा पठनीय सूत्रों से सजे अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दिलबाग सिंह जी।
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जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा अंक आज का |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंमेरी ग़ज़ल को स्थान देने के लिए आभार
मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदय से धन्यवाद दिलबाग जी।
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