शीर्षक पंक्ति: आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आइए पढ़ते हैं आज की चंद चुनिंदा रचनाएँ-
"हम बसे हैं पहाड़ों के परिवार में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
अपना व्यक्तित्व मुझे प्रिय है
स्वतंत्र हैं विचार मेरे किसी से प्रभावित नहीं
जब अन्य कोई ध्यान देता मेरे विचारों पर
खुश होता मेरे सोच के दायरों पर |
रात को मेरी नींद उचटती थी,
तो एक सिसकी सुनाई पड़ती थी,
दबी-कुचली, ज़िद्दी-सी सिसकी,
पिता थोड़े चिड़चिड़े हो गए थे,
बूढ़े होने की जल्दी में लगते थे.
*****
इतनी रफ़्तार से
तुम आशियाने मत बदलो
दरवाज़े पे
बस इतना लिख देना
की तुमने अपने आप को
तब्दील कर लिया है
*****
नीड़ से ज्ञान लिया होगा रिश्तों के धागों ने उलझ जाना!
अक्षय वट के क्षरण के उत्तरदायित्व का
स्पष्ट कारण का नहीं हो पाना।
मुक्तिप्रद तीर्थ गया में अंतिम पिंड का
प्रत्यक्षदर्शी गयावट ही है...!
*****
मदिरा सवैया : शिल्प विधान : संजय कौशिक 'विज्ञात'रूप शशांक कलंक दिखा, पर शीतल तो वह नित्य दिखा। और प्रभा बिखरी जग में, इस कारण ही यह पक्ष लिखा॥ खूब कला बढ़ती रहती, तब जीत गई फिर चंद्र शिखा। आँचल में सिमटी उसके, तब विस्मित देख रही परिखा॥*****एक ज़मीं पे ग़ज़ल: तीन मक़बूल शाइरआलेख: महावीर उत्तरांचली
उन नन्हीं/बूढ़ी आँखों में झांको
इश्क़ की
राहों
में
कांटे
हैं
चलना थोड़ा
संभल
संभल
के।
*****
बेकार हो गये अब भैया जब रिटायर भये दोबारा,
अब न कोई सुनता न किसी पर चलता वश हमारा।
कह डॉक्टर कविराय अब किस पर हुक्म चलावैं,
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआज के अंक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी |
असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंकुछ रचनाओं को पढ़ ली... सामयिक सार्थक लेखन
श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंसभी को हार्दिक बधाई।
सादर
पठनीय रचनाओं के सूत्र, सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसभी को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और श्रमसाध्य चर्चा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन, मेरी रचना को चर्चा अंक में स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में मेरी कविता को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार रवीन्द्र सिंह यादव जी 🙏
जवाब देंहटाएंविलम्ब से उपस्थित होने के लिए क्षमाप्रार्थिनी हूं 🙏 किन्तु
जवाब देंहटाएंदेर से ही सही सभी लिंक्स की उम्दा सामग्री पढ़ डाली है। सभी एक से बढ़कर एक हैं...
Awesome post !
जवाब देंहटाएंYour posts always become useful and informative.
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