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गुरुवार, जुलाई 08, 2021

अमीर अपनी चोंचलेबाज़ी कब बंद करेंगे? ( चर्चा - 4119 )

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
लोगों को जैसे ही लॉकडाउन से राहत दी जाती है, वे पूरी तरह से भूल जाते हैं कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ। इन दिनों हिल स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ सिर्फ चिंता का विषय ही नहीं, अपितु यह हमारी समझ पर भी प्रश्न चिह्न लगाती है। यहाँ गौर करने लायक बात यह है कि पहाड़ों पर भीड़ बढ़ा रहे लोग पढ़े-लिखे हैं लेकिन उनकी इस अज्ञानता या मूर्खता से अगर फिर लॉक डाउन लगा तो यह गरीब लोगों पर कहर बनकर टूटेगा।
अमीर अपनी चोंचलेबाज़ी कब बंद करेंगे?
चलते हैं चर्चा की ओर 
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क 

12 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! नमन संग आभार आपका .. आज अपने मंच पर अपनी प्रस्तुति में मेरी रचना/सोच को स्थान देने के लिए।
    आपने आज की अपनी भूमिका में आज की वर्तमान परिस्थिति पर सही चिन्ता व्यक्त की है। दरअसल वे पढ़े-लिखे केवल "साक्षर" लोग हैं, "ज्ञानी" तो कतई नहीं। दौलत वाले अमीर तो हैं, पर विवेक वाले गरीब भी हैं। काश !!! ...

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  2. बहुत सुंदर,शानदार सूत्रों से सजा आज का अंक,बहुत शुभकामनाएं दिलबाग जी।

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  3. बहुत सुंदर अंक, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।

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  4. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
    सभी को बधाई।
    सादर

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  5. बहुत सुंदर अंक…आपको और सभी को हार्दिक बधाई….मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार…कुछ रचना पढ़ ली हैं बाकी भी पढ़ती हूँ ।

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  6. बहुत खूब …सभी रचनाओं को पढ़ कर यथासंभव प्रतिक्रिया देने की कोशिश की है…पुन: सभी को हार्दिक बधाई !

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  7. बहुत बढ़ियां चर्चा प्रस्तुति

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  8. बुद्धदेव दासगुप्ता के इस रूप से और चन्द्र भूषण से रूबरू कराने के लिए विशेष आभार आपका .. बस यूँ ही ...

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  9. मेरी ब्‍लॉगपोस्‍ट को चर्चामंच पर स्‍थान देने के ल‍िए आपका आभार

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