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बुधवार, जुलाई 14, 2021

'फूल हो तो कोमल हूँ शूल हो तो प्रहार हूँ'(चर्चा अंक 4125)

शीर्षिक पंक्ति :आदरणीया अमृता तन्मय जी। 

सादर अभिवादन। 
बुधवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 

 काव्यांश आदरणीया अमृता तन्मय 
की रचना से -
चुप रहो तो मौन हूँ
बोलो तो विचार हूँ
फूल हो तो कोमल हूँ
शूल हो तो प्रहार हूँ
छाया हो तो व्यवधान हूँ
मौलिक हो तो आधार हूँ

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

 --

 "भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर" 

चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
उन्नति के शिखर पर हमेशा चढ़ो,
कष्ट और क्लेश से हो नही सामना।
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
--
प्रसन्न हूँ तो पानी हूँ
अप्रसन्न हूँ तो पहाड़ हूँ
पकड़ लो तो किनारा हूँ
छोड़ दो तो मँझधार हूँ
--
अधखाए बैल की सद्गति -
अफ़सर टोला के रस्ते में
बीच सड़क पर
अधखाया इक बैल पड़ा था
जनसमूह उसको घेरे था
हमने पूछा- क्या किस्सा है?’
--

जीवन के संगीत पर 


थिरकती रहतीं हैं  स्त्रियाँ 


नही होती ज़रूरत 


किसी साज़ की 


या कि किसी सुर ताल की ,

पंक में जन्मे
बन नहीं पाते हैं
पंकज सभी ।
2
न्याय की देवी
सबूतों , गवाहों के
वश में रही ।
--
व्यथित हृदय की वेदना का
कोई तो पारावार   हो
ला सके जो स्वप्न वापस
कोई तो आसार हो 
--
जाति,धर्म,प्रदेश,बंधन पर न गौरव कीजिये 
मानवी अभिमान लेकर, धीमे धीमे दौड़िये !

जोश आएगा दुबारा , बुझ गए से  हृदय में 
प्रज्वलित संकल्प लेकर धीमे धीमे दौड़िये !
ज़िंदगी 
बन जाए जब एक बोझ
सांसे हो जाती हैं और चौकन्नी
चिपट जाती हैं सीने से
नहीं चाहती थमना
नीर नयनों से छलकता
पूछती फिर प्रीत मन से।
क्यों मचलता आज ऐसे
कल फिरे अपने वचन से।
रोक लो आगे बढ़े पग
साँस महका आज चंदन।
टूटती जब आस..
जिसमें हर फूलों की महक है।
जिसमें चांद तारे-सी चमक है।
पायल की घुंघरू-सी छनक है।
हाथों की कंगने  की खनक है।
वह मेरी मां का आंचल है।
कहानियों से क्या होता है ?
हाँ , कुछ याद रह जाती हैं ।
दिल में जगह बना लेती हैं ।
नेक इरादे तराश देती हैं ।
पर सच कहाँ हो पाती हैं ?
कहानी कहानी होती है ।
--
--
आज का सफ़र यहीं तक 
फिर मिलेंगे 
आगामी अंक में 

13 टिप्‍पणियां:

  1. सभी पोस्ट बहुत ही अच्छे और खूबसूरत है
    सभी को बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  2. रचना को अपने संकलन में स्थान देने के लिए आभार अनीता जी !!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर सुसज्जित चर्चा!! मेरी रचना के चयन हेतु हार्दिक धन्यवाद अनीता जी 🙏🙏❤

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर सूत्रों से सजी लाजवाब और बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति अनीता जी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन चर्चा अंक प्रिय अनीता,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर,सरस और सुसज्जित संकलन संयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय अनिता जी सादर ..जिज्ञासा सिंह...

    जवाब देंहटाएं
  7. अनीता जी, खूबसूरत संकलन के लिए बधाई और धन्यवाद. आभारी हूँ, मेरी रचना को भी जगह दी आपने. इस कविता में ऑडियो लिंक भी डाला है. यह सोच कर कि कविता सुनने का अनुभव एक और आयाम जोड़ देता है. संभवतः अच्छा लगे. सुन कर बताइयेगा कृपया यह प्रयोग कैसा लगा.
    आज सारी सम्मिलित रचनाएं पढ़ीं. इतनी अच्छी रचनाएं ! एक के बाद एक पढ़ते ही चले गए !
    सभी का सादर अभिनन्दन. शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति, मेरी भी रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभार। सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. विविध रंगों से रंगी प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार एवं शुभकामनाएँ । आनंद आ गया यहां आकर ।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर चर्चा, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता जी ‌।

    जवाब देंहटाएं
  11. बेहतरीन संयोजन । कुछ लिंक्स अनपढ़े हैं । जाते हैं एक एक कर । आभार

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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