मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक!
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गीत "सर्द हवाओं ने तेवर सब ढीले कर डाले" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)
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पिरामिड: मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम
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हिन्दू धर्म की महानता के 16 कारण... (अंतिम किश्त )
प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में जनजाति के हितों का संरक्षण
स्वाधीनता के लिए जनजातीय संघर्ष के महानायक भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। भगवान बिरसा मुंडा गरीबों के सच्चे भगवान थे। उन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए प्रयास हम सभी को सदैव प्रेरित करते हैं।
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बरसों से मन मे दबी भावनाओं को बस एक बार वह उस पर जाहिर कर देना चाहता था, मगर क्या यह इतना आसान था एक पति, एक पिता और एक परम आज्ञाकारी पुत्र के लिये।
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न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी ! ऐसा क्यों ?
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रूप कुरूप नजर जो आये,
अयथार्थ दिशा मे दर्पण देखो,
तृप्ति हेतु करो जो अर्पण,
उस अर्पण का तर्पण देखो।
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अग्निशिखा :--
चाँद और मानव
आज भारत का सितारा
हुआ बुलंद
अन्तरिक्ष विज्ञान में
पीछे नहीं रहा |
नासा फिर से
अग्रणी हुआ विश्व में
वाह क्या करिश्मा हुआ
किया कमाल भारतीय वैज्ञानिकों ने |
Akanksha -asha.blog spot.com
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गन थामे देवराज चौहान दौड़ते-दौड़ते ठिठका। गैलरी सीधी जा रही थी जो कि टीवी रूम में जाकर समाप्त होती थी। और जहाँ इस समय देवराज चौहान खड़ा था, उसके ठीक बाईं तरफ जो गैलरी जा रही थी, आतंक के पहाड़ ने बताया था कि इस तरफ गनमैनों के छोटे-छोटे रेस्टरूम बने हुए हैं। और इस वक्त रात थी। स्पष्ट था कि पूरे नहीं तो आधे से ज्यादा गनमैन इस वक्त आराम कर रहे होंगे। दस-बारह के करीब ही पहाड़ी में कहीं अपनी ड्यूटी दे रहे होंगे। एक बुक जर्नल
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ऊंघ रही हैं बोझिल पलकें और उबासी सोफे पर
धूप छुपी मौसम बदला फिर लिफ्ट मिल गई मौके पर.कतरा-कतरा शाम पिघलती देखेंगे चल छज्जे पर. तेरे जाते ही पसरी है एक उदासी कमरे पर, सीलन-सीलन दीवारों पर सिसकी-सिसकी कोने पर.
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आज के लिए बस इतना ही...!
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सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी, प्रणाम !
सुंदर तथा सराहनीय अंक । चर्चा मंच पर मेरे पिरामिड सृजन को स्थान मिलना गर्व का विषय है,आपकी तहेदिल से आभारी हूं, आपको मेरा सादर नमन एवम वंदन । आपको और चर्चा मंच को हार्दिक शुभकामनाएं ।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद मेरी रचना को आज के अंक में शामिल करने के लिए |
हार्दिक आभार आपका आदरणीय।सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंरोचक लिंकों से सुसज्जित चर्चा। आभार शास्त्री जी🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक। मेरी रचना को आज के अंक में शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति। मेरे ब्लॉग चर्चामंच पर स्थान देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद और आभार।
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