सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
( शीर्षक और भुमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
भोग लगा कर ईश को, तब खोलो उपवास।।
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आप सभी को देवोत्थान एकादशी व्रत और बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
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दोहे "होते देवउठान से, शुरू सभी शुभ काम" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)
होते देवउठान से, शुरू सभी शुभ काम।
दुनिया में सबसे बड़ा, नारायण का नाम।।
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मंजिल की हो चाह तो, मिल जाती है राह।
आज रचाओ हर्ष से, तुलसी जी का ब्याह।।
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रमा... क्या जमाना आ गया है ,आजकल के बच्चे जब देखो तब मोबाइल में डूबे रहते हैं ,पता नहीं कैसे पेरेंट्स हैं जो बच्चों का ध्यान नहीं रखते ,और इतने कम उम्र में ही मोबाइल थमा देते हैं ।
अब देखो पार्क में आयें है तो कुछ खेलने के बजाय
मोबाइल लिए बैठे हैं ।
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जवाब में उसने कहा, ‘क्या नहीं है प्रेम.’ तबसे प्रेम को लेकर मेरा जो तंग नज़रिया था वो बदलने लगा. नफरत और हिंसा से इतर हर वक्त हमें जो घेरे हुए है वो प्रेम ही तो है. सुबहों से प्रेम, शामों से प्रेम. फूलों से, पत्तियों से, जड़ों से प्रेम. राह चलते अजनबी को मुस्कुराकर हेलो कहने में जो ख़ुशी महसूस होती है, बच्चों के सर पर हाथ फेरने की इच्छा, *****
*****शहर मेरा धुआं-धुआं सा है..
सहरा मे पसरा हुआ कुहासा है,
और शहर मेरा धुआं-धुआं सा है।
कोई कहे ये 'दिवाली' का रोष है,
कोई दे रहा 'पराली' को दोष है,
मुफ्त़जीवी, मुरीद हैं गिरगिटों के,
विज्ञापनों से खाली हुआ कोष है।
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पिता की मृत्यु के बाद
कोई कौआ कभी
हमारी मुंडेर पर नहीं आया,
पितृपक्ष में भी नहीं.
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है गर्ब मुझे यह कहते हुए
मैंने जन्म दिया था उसे
दोनो कुल का नाम बढाया उसने
कभी नाम न डुबोया मेरा
मेरी सारी अपेक्षा पूरी की उसने |
कौन कहता है कि बेटी पराई होती है
कन्यादान के बाद उस पर आपका
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आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देआप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा
उत्तम लिंको के साथ बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपका आभार कामिनी सिन्हा जी|
बेहतरीन प्रस्तुति। आभार, कामनी जी🙏
ReplyDeleteउत्कृष्ट संकलन
ReplyDeleteआभार आपका कामिनी जी। मेरी रचना को स्थान देने के लिए साधुवाद।
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति.मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार.
ReplyDeleteआभार आपका मेरी रचना को शामिल करने के लिए
ReplyDeleteसुंदर सराहनीय अंक
ReplyDeleteBahot Acha Jankari Mila Post Se . Ncert Solutions Hindi or
ReplyDeleteAaroh Book Summary ki Subh Kamnaye
सुंदर पठनीय लिंक्स।हार्दिक शुभकामनाएं
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