सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
( शीर्षक और भुमिका आदरणीया जिज्ञासा जी की रचना से)
"बड़ी विपदा भी टल जाती, प्रकृति का नियम मानें गर,
मगर मानव कहां माने, वो लिप्सा का पुजारी है ।"
अब भी नहीं समझे तो विनाश निश्चित है
खैर, चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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दोहे "खुद को करो पवित्र" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कातिक की है पूर्णिमा, सजे हुए हैं घाट।
सरिताओं के रेत में, मेला लगा विराट।।
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एक साल में एक दिन, आता है त्यौहार।
बहते निर्मल-नीर में, डुबकी लेना मार।।
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गंगा तट पर आज तो, उमड़ी भारी भीड़।
लगे अनेकों हैं यहाँ, छोटे-छोटे नीड़।।
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मनुज सौ दिन प्रकृति को छल के, चढ़ता शीश पर उसके,
प्रकृति ने चाल उसकी, एक क्षण में यूँ उतारी है ।
कि पर्वत ऋणखलाएँ टूट कर, गिरती हैं तृण बनके
औ चट्टानों में दबकर सिसकतीं साँसें हमारी हैं ।।
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हर दिशा उमड़ा हुआ है
नीरधर श्यामल भयंकर
काल दर्शाता रहा है
पल अलभ से विस्मयंकर
ये हवाएं व्याधियाँ दे
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शिद्धत से तलाशता फिरा जिस सकून को l
मुद्दतों बाद थपकी दे सुला गया जो मुझको ll
सनक थी इसके दुलार के उस मीठी खनकार की l
नींदों के आगोश में लोरी सुना सुला गयी जो मुझको ll
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आज भी एक बेटी का व्यथित मन ढुंढ रहा है कुछ प्रश्नों के उत्तर
और ज़बाब आज भी किसी के पास नहीं...
क्यों नन्ही सी कली खिलने से पहले ही तोड़ दी जाती है?
क्यों हमारे सपने डायरी के पन्नों में
ही सिमट कर रह जाते हैं ?
क्यों बाहर निकलने से घबराते हैं ?
यदि डायरी से बाहर आ भी जाते हैं
तो एक ऊंची उड़ान भरने से पहले
क्यों उनके पंख तोड़ दिए जाते हैं ?
सपनों की दुनिया
क्यों एक डायरी में ही
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चलते-चलते जरुर सुनिए "नशा मुक्ति" विषय पर अनीता सुधीर जी की ये खास प्रस्तुति
आज का सफर यही तक, अब आज्ञा दे
आप का दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंनमस्कार कामिनी जी,
सराहनीय तथा सार्थक रचनाओं के इस सुंदर संकलन में मेरी रचना की पंक्तियों का शीर्षक तथा भूमिका सजाने के लिए आपका असंख्य आभार और अभिनंदन । ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है, आपको कोटि कोटि नमन। ।चर्चा मंच के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं । सभी रचनाकारों को बधाई ।
कामिनी जी, हर लिंक पर गई ।बहुत सारगर्भित और पठनीय रचनाएं ।
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जवाब देंहटाएंसुप्रभात 🙏🙏🌹
बहुत ही उम्दा प्रस्तुती
सभी अंक बहुत ही शानदार हैं और उस पर आपकी प्रतिक्रिया चार चांद लगा रही है चर्चा मन को और रचनाओं को भी!💐💫 💫
मेरी रचना को चर्चामंच में शामिल करके अपनी प्रतिक्रिया के साथ प्रस्तुत करने के लिए दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय मैम🙏🙏
बहुत सुन्दर और उपयोगी चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
बहुत शानदार लिंक्स और सुंदर सार्थक शीर्षक के साथ शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
आप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं नयन
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