सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
( शीर्षक और भुमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
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दोहे "रहे साथ में शारदे, गौरी और गणेश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।घर में अपने ला रहे, लोग नये उपहार।। -- झालर-दीपों से सजें, आज सभी के नीड़। धरती पर पसरी हुई, तारों की है भीड़।********************
हृदय मरुस्थल मृगतृष्णा सी
भटके मन की हिरणी
सूखी नदिया तीर पड़ी ज्यों
ठूँठ काठ की तरणी।।
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मैं छत्तीसगढ हूंआज एक नवम्बर है । 21 साल के एक ऐसे सक्षम, कर्मठ, स्वाबलंबी, युवा की जन्मतिथि ! जो सदा कुछ कर गुजरने, सपनों को हकीकत में बदलने तथा देश के प्रति समर्पित रहने को प्रतिबद्ध है ! आज सुबह से ही आपकी शुभकामनाएं, प्रेम भरे संदेश और भावनाओं से पगी बधाईयां पा कर अभिभूत हूं। ******परीक्षा मानव शक्ति की -सतीश सक्सेना*****आईने के रंग
रिवाजों से परे इश्क लगा जब से l
गली के मोड़ वाली उस लड़की से ll
फितूर बदल आईने ने अजनबी बना दिया l
हमें अपने ही शहर के गली चौराहों में ll
एक पल उसे निहारने के अंदाज़ से l
तकाजा बदल गया उसके पहनाव में ll
******संतोष सबसे बड़ा धन (लघुकथा )सभी घरों के काम निपटा कर कजरी करुआ के साथ बाजार पहुंची। लोगों के हाथों में सोने-चांदी के जेवरों वाले डब्बे देख मन मारती हुई बुदबुदाती है-सुना है धनतेरस में पीतल के बर्तन खरीदना ज्यादा शुभ होता है। लेकिन पीतल के बर्तनों के दाम सुन सोची यह लेना उसके वस में नहीं। स्टील का बर्तन ही देखती हूं। लेकिन स्टील के छोटे-से-छोटे बर्तन के दाम दोगुने हैं।यह बर्तन खरीद लेगी तो करुआ के बापू की*****"मर कर जो जी उठाजीवन का मर्म खुला
दूजा जब जन्म हुआ,
मर कर जो जी उठा
उसको ही भान हुआ !
मृत्यु का खटका सदा
कदमों को रोकता,
‘मैं हूँ’ कुछ बना रहूँ
भाव यही टोकता !
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आज का सफर यही तक, अब आज्ञा दे
आप का दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को साझा करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंधनतेरस की शुभकामनाएँ, पठनीय रचनाओं से सजी सुंदर प्रस्तुति, आभार!
जवाब देंहटाएंउपयोगी लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
सुंदर, सराहनीय अंक ।बहुत बहुत शुभकामनाएं कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंधन तेरस एंव पंच पर्व पर सभी मित्रों को अनंत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक चर्चा ।
सुंदर लिंको का चयन, सभी रचनाएं सार्थक पठनीय।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद, ये त्यौहार हम सभी के जीवन में खुशियां लेकर आए यही कामना करती हूं।
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए क्षमा करियेगा , आपका आभार हूँ कि यह लेख पसंद आया ! दीवाली मंगलमय हो ..
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