Followers



Search This Blog

Friday, December 17, 2021

'शब्द सारे मौन होते'(चर्चा अंक-4281)

सादर अभिवादन। 

शुक्रवारीय  प्रस्तुति में आपका स्वागत है


शीर्षक व काव्यांश आ. अनुराधा चौहान जी की रचना 'सुख मिलन कासे-


शब्द सारे मौन होते,

देख यह सुंदर घड़ी।

मात के नयना छलकते,

लिए ममता की झड़ी।

प्रीत का यह रंग पक्का,

देख सब फिर रीझते। सीने लगा प्रभु...


आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-


कविता का आधार"


होते गीत-अगीत हैं, कविता का आधार।

असली लेखन है वही, जिसमें हों उदगार।।

--

चन्दा से है चाँदनी, सूरज से हैं धूप।

सबका अपना ढंग है, सबका अपना रूप।।

--

हँस कर तो कटती नहीं, ये पथरीली राह।

पूरी हों इस जनम में, कैसे मन की चाह।

--

सुख मिलन का


प्रेम की बारिश बरसती,

देख धरती झूमती।

महकती पुरवा चली फिर,

चरण प्रभु के चूमती।

स्वप्न तो यह मेरा नहीं,

नयन फिर सब मींजते।सीने लगा प्रभु…

--

साक्षात्कार - जॉन बी टैब का अनुवाद



ठिठुरती दिसंबर के साथ 

सर्द शाम को मैं बैठा उसके पास, 

और संकोच करते हुये  पूछा 

"और किसकी याद में खोये हुये हो तुम;

कितने ही मौसम बीत गए देखो ?" 

--

जीवन मिलता है पग-पग पर 


एक शृंखला चलती आती 

अंतहीन युग बीत गए हैं, 

इच्छाओं को पूरा करते 

हम खुद से ही रीत गये हैं !


प्रतिबिंबों से आख़िर कब तक 

खुद को कोई बहला सकता, 

सूरज के सम्मुख ना आए 

मन पाखी मरने से डरता !

--

खुले पट मनमंदिर के


कौन झाँक रहा उनमें से

कभी ख्याल आता कहीं  

 उसका  मनमीत तो नहीं |

बड़ी राह देखी उसकी

 रहा इन्तजार उसी का अब तक

 राह देखना समाप्त हुआ अब

--

विवाह में प्रकृति का निमंत्रण (अवधी बियाहू गीत)



मेड़े मेड़े घुमि घूमि पौध लगाँवव, पौध जे जाय हरियाय ।

उपरा से झाँकय सुरज की जोतिया, नीचे धराति गरमाय ।।


आओ न सुरजा चौक चढ़ि बैठौ, देहूँ मैं बेनिया डोलाय ।

तपन धुजा की मिटाओ मोरे सुरजा, मेह का दीजो बोलाय ।।

--

ऐ जिंदगी !



कभी शिकायत थी तुमसे

ऐ जिंदगी !

अब नही है...


जीने का जुनून था 

कुछ कर गुजरना खून में था

तकलीफ भी कम तकलीफ देती थी

--

हवाओं के संग उड़ती थी तितली बन

उड़ती रहती थी 

हवाओं के संग 

वो तितली बन, 

पेड़ पौधों से 

दोस्ती थी उसकी, 

मस्ती करती थी 

वो पशु-पक्षियों के संग|

--

हिंदी साहित्य के रिवाजों को तोड़ती है 'the नियोजित शिक्षक'


‘द नियोजित शिक्षक' लेखक तत्सम्यक् मनु का दूसरा उपन्यास है। यह उपन्यास नायक के माध्यम से शिक्षकों विशेषकर नियोजित शिक्षकों के जीवन से जुड़े कई पहलुओं से पाठक को वाकिफ करवाता है। इस उपन्यास के ऊपर रत्नाकर सिंह ने टिप्पणी लिखी है। रत्नाकर सिंह मुंबई के रहने वाले हैं और कवि हैं ।

--

सरदार वल्लभ भाई पटेल का पुराना नाता था बुंदेलखंड से - डॉ .शरद सिंह


सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कठोर निर्णयों पर अमल करते हुए देश का राजनीतिक नक्शा ही बदल दिया। रियासतों में बंटा देश एक झंडे अर्थात् तिरंगे के तले आ गया। बारडोली कस्बे में सत्याग्रह करने के लिए ही उन्हें पहले ‘बारडोली का सरदार’ और बाद में केवल ‘सरदार’ कहा जाने लगा। इसके बाद वे समूचे जनमानस के ‘सरदार’ बन कर देश की सेवा करते रहे।

--

आज का सफ़र यहीं तक .. 

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

11 comments:

  1. सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवादअनीता जी मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए |

    ReplyDelete
  2. सुप्रभात !
    विविधता से परिपूर्ण सुंदर अंक ।
    सराहनीय और पठनीय रचनाएँ ।
    मेरी रचना को अंक में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन । शुभकामनाएं और बधाई ।

    ReplyDelete
  3. हर रचना पढ़ी बहुत सुंदर संकलन । आभार अनीता जी ।

    ReplyDelete
  4. श्रम के साथ की गयी सार्थक चर्चा।
    आपका आभार अनीता सैनी दीप्ति जी।

    ReplyDelete
  5. बहुत ही शानदार प्रस्तुति!
    मेरी रचना को चर्चामंच में शामिल करने के लिए आपका तहेदिल से बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕

    ReplyDelete
  6. सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति प्रिय अनीता, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं नमन

    ReplyDelete
  7. एक से बढ़कर एक रचनाओं के सूत्र देता है आज का चर्चा मंच, आभार!

    ReplyDelete
  8. बहुत अच्‍छी चर्चा प्रस्‍तुति

    ReplyDelete
  9. रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। मेरी पोस्ट को चर्चा में स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।

    ReplyDelete
  10. बेहतरीन अंक
    मुझे यहाँ स्थान देने के लिये आभार दी 🙏 सादर

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता जी।

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।