शीर्षक पंक्ति: आदरणीय रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
मंगलवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
लीजिए प्रस्तुत हैं चंद ताज़ा रचनाएँ-
दोहे "अब इस ओमीक्रोन से, कैसे पायें पार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आया ओमीक्रोन का, चर्चा में अब नाम।
होकर बहुत सतर्क ही, करना अपने काम।।
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पूरी दुनिया के लिए, चिन्ता की है बात।
इसका अभी इलाज भी, नहीं किसी को ज्ञात।।
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सशस्त्र सेना झंडा दिवस (7दिसम्बर)
दोहा: दल सशस्त्र झंडा दिवस, खुलकर दीजै दान।
शहीद अपंग परिवार, होय महा कल्यान ।।
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कहना क्या है
मन में बस गया
तेरा चेहरा
सभी स्थानों पर है
सोचा न था
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जब छलका आँखों से आँसू
एक मीठी लोरी सुना दिया
जब भी थका सामर्थ्य मेरा
उम्मीद किरण दिखला दिया
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आम्रबौर की मादक सुरभि ,
मदिर मदिर चलती पुरवैया ।
रुनझुन बजे गले की घंटी ,
बछड़े संग खेलती गैया ।।
वसुधा के असीम सुख को ,
कौन छन्द उपमा में बांधूं ।
झील सतह पर हंस का जोड़ा ,
सैकत तीर शिकारा बांधूं ।।
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मीलों का पथ तय हो जाता
यदि संकल्प जगा ले राही,
हाथ पकड़ लेता वह आकर
जिसने उसकी सोहबत चाही !
तकलीफों कि सुबह हुई ही थी
कि बदलियां फिर घिरने लगी,
कोई वुत जो छिपा था कब से अंधेंरे में
आज सरेआम आ गया।
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पुष्प वर्षा कर सुंदरियां,स्वागत- गीत गाने लगी।
हंसी-ठिठोली कर बारातियों को, उपालम्भ सुनाने लगी।
नाचते बन नार, किन्नर,ठुमक-ठुमक मन मोहते।
मन का पिंजर
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे आगामी सोमवार।
रवीन्द्र सिंह यादव
क्षमा कीजिए सर। तकनीकी गड़बड़ी के चलते आपकी रचना प्रदर्शित न हो सकी, अब ग़लती ठीक कर ली गई है। सादर आभार सूचना देने के लिए।
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जवाब देंहटाएंक्षमा कीजिए सर। तकनीकी गड़बड़ी के चलते आपकी रचना प्रदर्शित न हो सकी, अब ग़लती ठीक कर ली गई है। सादर आभार सूचना देने के लिए।
हटाएंधन्यवाद।
हटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए |
विविधतापूर्ण रचनाओं से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और अभिनंदन । सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई । शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह
जवाब देंहटाएंमान्यवर नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक रचना विशेष कर ' मन का पिंजरा '
मेरी रचना को अपने मंच पर जगह देने के लिए दिल से आभार । धन्यवाद !
बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद, आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।
सुप्रभात, प्रतिदिन की तरह साहित्य की रसधार बहाता चर्चा मंच का सुंदर अंक, आभार!
जवाब देंहटाएंविविधतापूर्ण रचनाओं से परिपूर्ण बहुत सुन्दर अंक ।
जवाब देंहटाएंमंच की चर्चा में रचना को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आ़ रवीन्द्र सिंह जी ।
धन्यवाद रवींद्र जी, सभी लिंक बहुत अच्छे हैं। चर्चामंच पर आना सदैव सार्थक हो जाता है इतनी अच्छी रचनायें पढ़कर
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी एक से बढ़कर एक हैं मेरी पोस्ट को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏
मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद सर, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसभी रचनायें उत्साहवर्धक ।धन्यवाद सहित।
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