सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
( आज का शीर्षक आदरणीय जयकृष्ण तुषार जी और आदरणीया अनीता सुधीर जी की रचना से)
13 दिसंबर का दिन हमारे देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा
ढाई सौ साल बाद आखिरकार हमारे बाबा काशी विश्वनाथ जी के मंदिर का जीर्णोद्धार हो ही गया...
"धीरे चलता यह शहर,अब विकास की राह।
मूल रूप इसका रहा,जन मानस की चाह।।"
"हर हर महादेव"
महादेव को नमन करते हुए चलते हैं
आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
********
गीत "कुण्ठाओं ने डाला डेरा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')हम चन्दा की क्या बात कहें, सूरज को भी तम ने घेरा। आशाओं के उपवन में अब, कुण्ठाओं ने डाला डेरा।। *****
हर हर महादेव ।
काशी के प्राचीन और वर्तमान वैभव अध्यात्म के नमन
काशी पर कुछ लिखना
मुझ जैसे अदना कवि के लिए संभव नहीं
फिर भी एक कोशिश
--
काशी अनादि,सत्य,सनातन महान हौ
काशी सजल हौ आज अनोखा विहान हौ
वरुणा असि के नाम पर,पड़ा बनारस नाम।
घाटों की नगरी रही,कहें मुक्ति का धाम।।
घाटों के सौंदर्य में,है काशी की साख।
गंग धार की आरती,कहीं चिता की राख।।
महत्त्वाकांक्षाओं का ज्वार है।”
धैर्य ने समय की नब्ज़ टटोलते हुए कहा।
”नहीं! नहीं!! ज्वार नहीं कोरोना का क़हर है।"
नादानी तुतलाते हुए कहती है।
”अक्ल के अंधो देखो!
शब्दों को त्याग दिया है
बेचैनियों की गिरफ़्त में है
******
#विस्तारजिसमें जितनी अधिक क्षमता होगी उससे उस क्षमता को पूरा करने में उतनी ही गलतियाँ होंगी ।
यूँ तो पहले आज से,
ऐसा किसी का इंतजार न था,
आज हुआ है मुझको जो,
ऐसा पहले प्यार न था।
बेहतरीन प्रस्तुति ।हार्दिक आभार आपका कामिनी जी मेरी रचना को सम्मान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के सभी सहृदय ,पाठकों,लेखकों, सहृदय चिठ्ठाकारों और संपादकों को हार्दिक शुभकामनाएं और नमस्कार
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज के चर्चा मंच की |मेरी रचना को स्थान इस अंक में देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
कामिनी जी, नमस्कार !
जवाब देंहटाएंविविधतापूर्ण रचनाओं का सुंदर अंक ।
सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
आपको नमन और वंदन ।
बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
बहुत ही सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंमेरे सृजन को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कामिनी दी।
सभी को बधाई।
सादर
सार्थक लिंक्स से सुसज्जित सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को इस शानदार गुलदस्ते में सजाने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
आप सभी को तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंआदरणीय मयंक सर ,
जवाब देंहटाएंमेरी इस प्रविष्टि की चर्चा इस अंक में शामिल करने के लिये बहुत धन्यवाद और आभार ।