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Thursday, December 23, 2021

'नहीं रहा अब समय सलोना' (चर्चा अंक 4287)

 सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 

आइए पढ़ते हैं कुछ पसंदीदा रचनाएँ-

गीत "दबा सुरीला कोकिल का सुर, अब कागा की काँव में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


नहीं रहा अब समय सलोना,

बिखर गया ताना-बाना,
आगत का स्वागत-अभिनन्दन,
आज हो गया बेगाना,
कंकड़-काँटे चुभते अब तो,
पनिहारी के पाँव में।
दम घुटता है आज महल की,
 ठण्डी-ठण्डी छाँव में।।
*****

सर्वश्रेष्ठ शासक
इस प्रकार सभी शासकों ने अपनी-अपनी उपलब्धियों को बताते हुए अधिकाधिक सहयोग का आश्वासन दिया । सिर्फ एक शासक ने हाथ जोड़कर विनम्र शब्दों में  कहा-महराज मैं आपको कोई भी सहयोग  दे सकने में असमर्थ हूं। क्योंकि मैंने न तो सेना का विस्तार किया ना ही राजकोष में अपार संपदा इकट्ठा किया , ना ही मेरे पास कुशल दरवारी हैं ।ना ही हीरे जवाहरात हैं ।ना ही अन्न का विस्तृत भण्डार है,इसलिए मुझे क्षमा करें।
सभी उपस्थित सम्राट सीना ऊंचा कर उस सम्राट को हेय दृष्टि से निहार रहे थे।
जब सम्मान प्रदान करने का समय आया तब सभी सम्राट स्वयं को सर्वश्रेष्ठ घोषित किये जाने का इन्तजार कर उचक-उचक कर देख रहे थे।
*****
लुइस मुनोज की कविता ओह ! का अनुवाद

सुबह सवेरे पकौड़ों की दुकान की आवाज

जिसका फर्श  साफ किया गया है

अभी अभी और

चमक उठी हैं इसकी दीवारें

ग्राहकों की आवाजाही से पहले। 

*****

थाना प्रभारी ने छात्र व छात्राओ को पढ़ाया साइबर क्राइम का पाठ
उन्होंने छात्राओ को फेसबुक में एकाउंट बनाने में कई तरह की सावधानी बरतने की बात बतायी। उन्होंने छात्राओ को बताया कि फेसबुक में अपना एकाउंट प्रोफाइल लॉक रखे। ताकि साइबर क्राइम वाले आपके एकाउंट को हैक नही कर सके। वही उन्होंने सभी शिक्षकों को भी साइबर क्राइम से बचने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई ऐसा फ़ोन कॉल आपके फ़ोन पर आता है तो उसकी जानकारी तुरन्त 100 नंबर पर दे। *****नवगीत : नव यौवन की तरूणाई : संजय कौशिक 'विज्ञात'
ढोल थिरकते उर के भीतर और गूँजती शहनाई हाथों में जयमाल सुगंधितस्वप्नों ने ली अँगड़ाई।।

*****

उड़ने का आज मन है

तूने दिया सहारा ।
तब स्वयं को सँवारा ।।
ये बंधनों का खेला ।

तुझसे ही मेरा मेला ।।
*****

9 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति।

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  2. सुप्रभात !
    वैविध्य रचनाओं से परिपूर्ण सुंदर पठनीय अंक । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर । सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  3. बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
    आभारी हूँ सर आपने आज की प्रस्तुति संभाली।
    सादर नमस्कार।

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  4. बहुत अच्‍छी चर्चा प्रस्‍तुति

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  5. सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक 👌
    शानदार चर्चा 💐💐💐

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  6. शानदार चर्चा संकलन

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  7. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति|
    आपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी!

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