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शनिवार, मार्च 12, 2022

'भरी दोपहरी में नंगे पाँवों तपती रेत...'(चर्चा अंक-4367)

सादर अभिवादन। 

शनिवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है

शीर्षक व काव्यांश आ.मीना भारद्वाज जी के सृजन 'त्रिवेणी'  से-

विचारों के निर्वात की स्थिति में शून्य में डूबा मन

चंचल बच्चे सा अनुशासनहीनता की चादर ओढ़


भरी दोपहरी में नंगे पाँवों तपती रेत में घूमता है ।


आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

--

गीत "फागुन की फागुनिया" 

निर्मल नभ है मन चञ्चल हैसुधरा है परिवेश,
माटी के कण-कण मेंअभिनव उभरा है सन्देश,
गीतों में लावणियाँ लेकरआया मधुमास!
पेड़ों पर कोपलियाँ लेकरआया मधुमास!!

एक जैसी प्रकृति होती हैं

खरपतवार और स्मृतियों की


जितना हटाओ उतनी ही बढ़ती जाती हैं ।

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उससे मिलने का बहाना है ग़ज़ल

कुछ हक़ीकत कुछ फ़साना है ग़ज़ल

धूप में इक शामियाना है ग़ज़ल

प्यास होठों की इबादत इश्क की

दिल के लफ़्ज़ों का खज़ाना है ग़ज़ल

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अस्वस्थ तन गमगीन पल

 अस्वस्थ तन गमगीन पल

करती बेचैन हरपल ये मन

अंतस में भर आता है तम

उदास बहुत होता चिंतन

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६३६. वे दिन

मुझे लगता था,

मैं जैसे कोई राजा हूँ,

सिंहासन पर बैठा हूँ 

और बाक़ी सब मेरी प्रजा हैं. 

--

ऩदारद आदमियत ' 

इन्सानों की भीड जितनी बढी है 
आदमियत उतनी ही ऩदारद है
हाथों में तीर लिये हर शख़्स है
हर नज़र नाख़ून लिये बैठी है

गुरु का हाथ सदा है सिर पर 

ज्ञान प्रकाश मार्ग दिखलाता, 

सदैव चमकता चन्द्रमा सा 

मुख दर्पण में उर दिख जाता !

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क्षणिकाएं

नहीं देखना चाहती तुमको

रूह भी तड़पी है 

तेरी बेवफ़ाई पर

माफ़ कर दिया तुमको

हाँ! इश्क़ किया है तुमसे !

--

गूँगी गुड़िया : सौभाग्य 

वह मुझे अपनी सांसों के 
उठते बवंडर से ढक लेता है 
आँखों की पुतलियों को फेर
पानी की हल्की परत में
 डूबो देता है मुझे 
--

दया का अधिकार (एक संस्मरण)

हमारे शालेय जीवन में हमारे शिक्षक शायद इसी कथन/उक्ति को सार्थक करते हुए, विद्यार्थियों के मन में भय का ऐसा बीज बोते थे कि उस बीज से विद्यार्थियों के जीवन में अनुशासन की, सदाचार की और गुरुजनों के प्रति सम्मानमिश्रित प्रेम की फसल लहलहाती थी ।

-- 

आज का सफ़र यहीं तक 

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर पुष्प गुच्छ सी चर्चा प्रस्तुति अनीता जी ।
    सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ । सुन्दर रचनाओं के सूत्र साझा करने के लिए आपका हृदय से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार @अनीता सैनी 'दीप्ति' जी!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर प्रस्तुति.आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर सारगर्भित चर्चा प्रस्तुति, शुभकामनाएँ अनीता जो ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को शामिल करने हेतु सस्नेह आभार प्रिय अनिता।

    जवाब देंहटाएं
  6. हार्दिक आभार आपका।सुंदर ब्लॉग संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर ब्लॉग्स का संकलन ,सभी प्रस्तुतियां बहुत मोहक सुंदर।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूबसूरत चर्चा संकलन

    जवाब देंहटाएं

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