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रविवार, मार्च 27, 2022

"घर में फूल की क्यारी रखना.."(चर्चा-अंक 4382)

सादर अभिवादन रविवार की प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है (शीर्षक और भूमिका आदरणीया मीना भरद्वाज जी की रचना से)

महक चाहिए यदि जीवन में ।

घर में फूल की क्यारी रखना ।।

सुखद सफ़र की इच्छा है तो ।

बढ़िया साझेदारी रखना ।।


इस सुंदर पंक्तियों के साथ

चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....


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गीत "हमको दूध-दही अपनाना है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


घर की वाटिकाओं में हमकोसब्जी-शाक उगाना है।
शोषण और कुपोषण सेखुद बचना और बचाना है।।

गैया-भैंसों का हमको लालन-पालन करना होगा
अण्डे-मांस छोड़करहमको दूध-दही अपनाना है। 
शोषण और कुपोषण सेखुद बचना और बचाना है।। 

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घर में फूल की क्यारी रखना..


 

मुझ से मत दोस्ती रखना ।

चालें ना दोधारी रखना ।।


वार न करना पीठ पीछे से ।

इतनी सी होशियारी रखना ।।


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भावों की लहर कविता



रोम-रोम मेरे रमती  

श्वांसें कहती हैं कविता

साज सरगम हृदय सजती 

जैसे बहती है सरिता।।


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सायली छंद



आँसू

बह निकले

खाली कर गए 

आँखों का 

समंदर 


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एक संशोधित नीति-कथा

 गुरु जी - बच्चों तुमको उज्जवल नगर से जुड़ी एक प्राचीन नीति-कथा सुनाता हूँ.

उज्जवल नगर के राजा के दरबार में तीन चोर पेश किये गए.

उन तीनों ने राजा के कोषागार में चोरी की थी पर वहां से भागते समय पकड़े गए थे.

पहला चोर राजा का अपना ही बेटाअर्थात उज्जवल नगर का राजकुमार था.


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बेखुदी



तुमने उसे  भुलाया बेखुदी में

सोचने समझने का अवसर तक न

तुम्हारी बेखुदी उसे रास न आई

अधर में लटकी ना जीने दिया ना ही मरने |

उसने अपना आपा खोया

 सारी दुनिया से नाता तोड़ा

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Surbhi-Untitled




आओ आज वहां चलते हैं |जहां प्यार की गंगा बहती


सब हंस कर मिलते जुलते हैं |-----------------

                                 

ये बढ़ती हुई संख्‍या तो तब है जबकि भारत सरकार द्वारा संदिग्‍ध फंडिंग को लेकर कई एनजीओ को बैन किया जा चुका है, क्‍योंकि ”उनके अपने-अपने थिंकटैंक” ही थे मनीलांड्रिंग का माध्‍यम बने हुए थे। फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्तीय मदद पाने वाली दिल्ली के पॉश इलाके चाणक्यपुरी में स्थित प्रतिष्ठित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च नामक थिंक टैंक तो बाकायदा मीडिया घरानों के ज़रिए एंटीमोदी कैंपेन चलाए हुए था



8 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर सार्थक सूत्रों से सजी सुन्दर प्रस्तुति । सभी रचनाकारों को
    बहुत बहुत बधाई । मेरी रचना को आज की चर्चा का शीर्षक बनाने के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी !

    जवाब देंहटाएं
  2. धन्यवाद कामिनी जी, मेरी ब्लॉगपोस्ट को चर्चामंच पर लाने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुंदर संकलन।

    'भावों की लहर कविता' को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज की चर्चा में ! मेरे द्वारा रचित सायली छंदों को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं नमन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति,सुन्दर रचनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  7. सुंदर लिंक्स को एक जगह एकत्रित कर पढ़वाने का हृदय से आभार कामिनी जी।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    बहुत सुंदर अंक ।
    शीर्षक भूमिका बहुत सुंदर।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं

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