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सोमवार, मार्च 21, 2022

'गौरैया का गाँव में, पड़ने लगा अकाल' (चर्चा अंक 4375 )

 सादर अभिवादन। 

सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

गौरैया दिवस "गौरैया का गाँव में पड़ने लगा अकाल" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

मौसम मेरे देश केहुए आज विकराल।
गौरैया का गाँव मेंपड़ने लगा अकाल।।
--
लगे डालने खेत मेंखाद विषैली लोग।
इसीलिए फैले हुएभाँति-भाँति का रोग।।

*****

TO-LET

एक कथा-वाचक पंडित जी मेरा मकान देखने आए. पंडित जी के छह बच्चे थे. मैंने उन्हें मकान देने से इंकार करते हुए कहा -
'पंडित जी, मुझे तो छोटे परिवार वाला ही किराएदार चाहिए.'
पंडित जी ने कहा -
मान्यवर, हमारा तो छोटा ही परिवार है. छह बच्चे ज़्यादा थोड़ी होते हैं?
अब देखिए, लालू यादव के तो नौ बच्चे हैं.'
मैंने पंडित जी के आगे अपने हाथ जोड़ते हुए कहा -
'कल लालू यादव अपने नौ बच्चों के साथ मेरी इस यूनिट को देखने आए थे. मैंने उन्हें भी इंकार कर दिया था.'
*****

अंत नहीं शुरुआत नहीं | ग़ज़ल | डॉ शरद सिंह | नवभारत


बिना राह से फिसले लेकिन,  होता उल्कापात  नहीं।

शिविर समूहों में खोजा है,  खोजा है  अख़बारों में
मिले हज़ारों लेखन-जीवी,  मिला नहीं हमज़ात कोई।

*****

आजकल वह घर नहीं आती

शायद उसने धीरे धीरे

समझ लिया

आँगन आँगन

जाल बिछे हैं

हर घर में

हथियार रखे हैं

तब से उसने

फुदक फुदक कर

आना छोड़ दिया है---

*****

गौरैया

गौरैया विलुप्त हो रही है

और इसे बचाने के लिए

आप लिख रहे हैं नारे

बना रहे हैं विज्ञापन

जैसे कि आप करते हैं छद्मप्रपंच

जल बचाने के लिए

वृक्ष बचाने के लिए

बेटी बचाने के लिए

*****

नन्ही गौरैया

रक्षा करती

चोट  पहुँचा दें

चील या बाज़


 पाती कुछ

 अपेक्षा ही कोई

दायित्वबोध

*****

कहां गयी तुम  गौरैया

मन के तार झंकृत हो उठते थे,
उनके मधुर-मीठे गानों में।
उनके कोमल,लाल चोंच में,
तुम दानों के कण भरती थी।
निज शिशुओं की भूख मिटाकर,
अंतर की पीड़ा हरती थी।

***

फिर मिलेंगे। 


रवीन्द्र
 सिंह यादव 

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
    मेरी पोस्ट के लिंक को
    आज की चर्चा में
    शीर्षक बनाने के लिए
    आपका बहुत बहुत आभार ,
    आदरणीय रवीन्द्र यादव जी|

    जवाब देंहटाएं
  2. विलुप्त होने के कगार पर टिकी गौरैया पर आधारित सुन्दर सूत्रों का शानदार संकलन आज की चर्चा में ! मेरी रचना को भी सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सूत्र संयोजन

    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति,सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर गौरेया दिवस पर सार्थक संदेश।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर आयोजन।वाह वाह वाह

    जवाब देंहटाएं

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