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शनिवार, मार्च 19, 2022

'भोर का रंग सुनहरा'(चर्चा अंक-4373)

सादर अभिवादन। 

शनिवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है

शीर्षक व काव्यांश आ.श्वेता सिन्हा जी की रचना 'रंग 'से-

 भोर का रंग सुनहरा,
साँझ का रंग रतनारी,
रात का रंग जामुनी लगता है...।

आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
--
डाली-डाली है गदराई,
बागों में छाई अमराई,
गुलशन में कलियाँ मुस्काई,
रंग-बिरंगी तितली आई,
कानों को अच्छा लगता सुर,
कोयलिया की बोली का।
देख तमाशा होली का।।
कल्पनाओं का रंग नीला,
मन का रंग श्वेत,
उन्माद का रंग नारंगी लगता है..,।
केसरी सी हर दिशा है
फाग खेले हैं हवाएँ
व्योम से पिचकारियाँ भर
कौन रंगीला बहाएँ
श्वेत चुनरी पर ठसकती
इंद्र धनुषी सात मोली।।

इस बार ख़ूब खेली होली मैंने,

पर महसूस कुछ हुआ ही नहीं,

क्या मैं बस एक दर्शक था

खेलने वाला मैं था ही नहीं?

--

होली के रंग (कविता)

वो झोपड़ी जो है गली के मुहाने पर
कोई बेरंग सवाल  है, जमाने पर।
इस होली वहां का सन्त्रास मिटाएं।
होली को इस बार कुछ खास बनायें।
होली आई   
मन ने दग़ा किया   
उसे भगाया। 
--
कितनी अजीब बात है ना !
मैं जिस मिट्टी में पैदा हुआ हूं ,
उसी में पैदा हुए मेरे पिता,
और उनके भी पिता ...
इस मिट्टी को गूंधने ,
अलग अलग दिशाओं से,
अलग अलग घरों से,
 पलास पलास फागुन दहके 
 अधर रसीले प्रीत से छलके
 सत रँगी रंग रँगी चुनरिया 
 अंगिया रँगी लाल चटकारे 
 सखि फागुन आयों रे....
 सखि फागुन आयो रे...
बालकनी में खड़े पड़ोसी देखि देखि मुस्काय
छत से मारी भर पिचकारी सराबोर होय जायं
जोगीरा सरारारा.......
आज हफ़्तों बाद वे रात्रि के भोजन के बाद बाहर टहलने निकले। चौकीदार के अलावा कोई नहीं था, जबकि शाम को इक्का-दुक्का लोग थे। यदि यह महामारी न हुई होती तो आजकल वे गुजरात में होते।इंडिगो ने कहा है कि अगले वर्ष तक वे कभी भी टिकट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-- 

आज का सफ़र यहीं तक 

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

7 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चा के संग होली के रंग|
    बहुत अच्छे लिंक मिले पढ़ने के लिए|
    आपका आभार अनीता सैनी 'दीप्ति' जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. होली की महक लिए सुंदर चर्चा, आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  3. होली के नवल रंगों से सराबोर नवल अंक।
    चर्चा शानदार रही।
    सभी रचनाकारों को बधाई, सभी रंग बहुत सुहाने मनभावन।
    मेरे रंगों को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
    विगत होली की हार्दिक शुभकामनाएं जो पूरा वर्ष सुखद अहसास से भरता रहे।
    सादर, सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  4. अति सुन्दर होलीमयी प्रस्तुति। आप सबों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। ये मंच प्रतिदिन नये रंग में रंगता रहे और पाठकों को भी अपने रंग में डुबाता रहे।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बहुत आभार अनीता जी ।सुंदर रंगों में डूबा अंक प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत अभिनंदन ।

    जवाब देंहटाएं

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