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मंगलवार, मार्च 08, 2022

"महिला दिवस-मौखिक जोड़-घटाव" (चर्चा अंक 4363)

सादर अभिवादन 

आज मंगलवार  प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से ) 

आप सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

प्रस्तुत है आज के कुछ खास रचनाऐं 

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दोहे "महिला दिवस-मौखिक जोड़-घटाव"

 (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)



लीक पीटने का कहींछूट न जाय रिवाज।
मना रहा है इसलिएमहिला-दिवस समाज।।
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जग में अब भी हो रहेमौखिक जोड़-घटाव।
कैसे होगा दूर फिरलिंग-भेद का भाव।

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अश्वत्थामा

युद्ध पहले भी होते आए हैं

आगे भी होते रहेंगे,

फर्क इतना है कि

पहले होते थे युद्ध देवों और दानवों में

अथवा मानवों और दानवों में।

मानव - मानव में पहला युद्ध

शायद महाभारत ही रहा हो,

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उपेक्षा के दौर से गुजर रहीं मजदूर नारियां


                 
नारी की छवि एक बार फिर इस प्रश्न को जन्म दे रही है कि,
क्या भारतीय नारी संस्कारों में रची बसी परम्परा का निर्वाह 
करने वाली नारी है,या वह नारी है जो अपने संस्कारों को कंधे 
पर लादे मजदूरी का जीवन व्यतीत कर रही है.
परम्परागत भारतीय नारी और दूसरी तरफ बराबरी के दर्जे का दावा
 करने वाली आधुनिक भारतीय नारियां हैं,पर इनके बीच है, हमारी 
मजबूर मजदूर उपेक्षा की शिकार एक अलग छवि वाली नारी,
इस नारी के विषय में कोई बात नहीं करता है.

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सीख रही हूँ

अपनी ही राख से फिर-फिर उगना
उगाती रही जो फसलें जतन से
उन फसलों को काटना भी खुद
और मोल तोल कर दाम भी लेना
सीख रही हूँ
 

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इतिहास के पन्नों से
एक सितंबर 1939 को जर्मनी की सेनाओं ने अचानक पोलैंड पर आक्रमण कर दिया। हिटलर की सेनाओं ने ये आक्रमण बिना किसी पूर्व चेतावनी के किया था।सवेरा होते ही जर्मन सेना के युद्धक विमानों ने पोलैंड पर हवाई हमले शुरू कर दिए।सुबह नौ बजे राजधानी वॉरसॉ पर हवाई बम बरसने लगे।इसके साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत हो गई।--------मोर का पैर

"सरकारी कार्यालयों में रिक्तियों में बहाली नहीं, चिकित्सा में उन्नति नहीं,
 शिक्षा ठप्प होने के कगार पर, कुछ वर्षों के बाद प्रत्येक घर वृद्धाश्रम बन जायेगा।
  बिन ब्याही माँ बनी चौदह-पन्द्रह साल की बच्चियों का आश्रयस्थल, शेल्टर होम
 की कहानी इसी शहर के किसी कोने में है,शराब बन्दी की खूब कही: 
दस करोड़ की उगाही माफिया-पुलिस-नेताओं के जेब में आज भी जा रही। 
अध्यापक-अध्यापिकाओं को आदेश मिला है शराबियों को पकड़ने का..
 जैसे पिटाये खुले में शौच करने वालों को पकड़ने में, कर लें शिकार बड़े-बड़े मगरमच्छ, 
शार्क ह्वेल, एक बार औचके में राज्याध्यक्ष के घर का..."


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'द ऑरिजिनल फेमिनिस्ट्स'

झाँक रही

क्षितिज से 

अँजोर  में, उषा के।


खोल अर्गला 

इतिहास की,

पंचकन्याएँ!

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दूर है बाज़ार ( महिला दिवस)

विमर्शों का बड़ा जमघट
तालियों की गड़गड़ाहट
चल रही है कहीं कोने
दूर मन में एक आहट
चार मुख और आठ आंखें

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मुझे बना दे कवि कोई

निशिदिन उसका गुणगान करूँ।

भजूँ दिवस में उसे

रैन में कविता का विषपान करूँ।।

रे मुझे बना दे कवि कोई...


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सबसे प्यारा घर



एक था गौरा और एक थी गौरैया । खूब आसमान की सैर करते और 

साथ साथ दाना-दुनका चुगते । कुछ समय बाद पहली बार गौरैया के 

अण्डे देने का अवसर आया .गौरा ने फुदकते हुए कहा 

कि अब हमें अपना घर बना लेना चाहिये ।

"हाँ ,एक खूबसूरत और प्यारा घर ।"---गौरैया भी चहककर बोली---

 "हमारा घर दुनिया का सबसे निराला और प्यारा होगा .


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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे 

आपका दिन मंगलमय हो 

कामिनी सिन्हा 

13 टिप्‍पणियां:

  1. अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अत्यंत सार्थक और सारगर्भित प्रस्तुति! बधाई और आभार!!!!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात !
    नमस्कार कामिनी जी👏
    महिला दिवस पर वैविध्यपूर्ण रचनाओं से सजा सारगर्भित संकलन । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन।
    आपके श्रमसाध्य कार्य को नमन करते हुए सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐🌹🌻🌷🌼🏵️🌸🌺

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सार्थक चर्चा प्रस्तुति|
    सभी पाठकों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ|
    आपका बहुत-बहुत आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी!

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार और
    साधुवाद श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु

    जवाब देंहटाएं
  5. चर्चामंच के सभी परिवारीजनों को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें, सभी लिंक बहुत उम्दा हैं कामिनी जी, बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आ पाई, इस बीच बहुत कुछ लिखा जा चुका है, अभी देख ही रही हूं...बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मैं भी ब्लाग पर बहुत दिनों बाद ही आई हूं अलकनंदा जी 🙏

      हटाएं
  6. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
    आज की प्रस्तुति उत्तम आकर्षक, सभी लिंक बहुत ज्ञानवर्धक
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    आप सभी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ|
    मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर बहुत अच्छी सामयिक चर्चा प्रस्तुति।
    सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  9. अत्यंत सुंदर संतुलित अंक। मेरी रचना को शामिल करने के लिए सस्नेह धन्यवाद प्रिय कामिनी।

    जवाब देंहटाएं
  10. कामिनी जी , चयनित सभी रचनाएं पढ़ी . बहुत ही बढ़िया संकलन है . मेरी रचना को भी यहाँ स्थान दिया है धन्यवाद .

    जवाब देंहटाएं
  11. मंच पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने हेतु आप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर अभिवादन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर सूत्र संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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