आज की प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है।
काव्यांश में पढ़तें हैं आदरणीया अमृता तन्मय जी को
जो अपनी लेखनी से सब का मन मोह लेती हैं वे कहतीं हैं -
अक्षर-अक्षर न डोला तो कैसा नशा?
शब्द-शब्द जो न हो बड़बोला तो कैसा नशा?
भाव-भाव गर न खाए हिचकोला तो कैसा नशा?
सब ढंग-बेढंग न हो तो कैसा नशा?
सब रंग-भंग न हुआ तो कैसा नशा?
सब चाल-बेचाल न हुआ तो कैसा नशा?
सब ताल-बेताल न हुआ तो कैसा नशा?
अंगूरी मदिरा भी न होती है ऐसी मादक
मैं कुछ और ही छक कर चकचूर हूँ
कोई रोकना न मुझे
अभी तो नशे में चूर हूँ
आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
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गीत "जय माता की कहने वालो नारी का सम्मान करो"
मत जीवन बरबाद करो,
दुनिया में रहने वालो।
भूतकाल को याद करो,
नवयुग में रहने वालो।।
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फागुनी मदिरा पीकर
अभी तो नशे में चूर हूँ
कोई टोकना न मुझे
गरूर में कुछ ज्यादा ही मगरूर हूँ
अभी तो नशे में चूर हूँ
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सभी संग आत्मीयता भरा जीवन जी लो,
अहंकार को मन से निकाल दूर कर लो,
गलतियाँ दूसरों की नहीं अपनी को देखो,
स्वजनों के संग प्यार से रहना सीख लो।
चखने दो उन्हें पुन्हा
उस नारियल का पानी
जिसकी जड़ को उन्होंने सिंचा था
गुनगुनाते कोई फिल्मी गीत
कुएं के पास
उसके आने के इंतज़ार में
घंटों खड़ी रहती
बरगद की छांव तले बैठकर
मन में उभरती
उसकी आकृति को
छूने की कोशिश करती थी
तालाब में कंकड़ फेंकते समय
यह सोचती थी
कि,वह आकर
मेरा नाम पूछेगा
वह है अनंत !
मन सीमित शून्य अनंत ज्यों,
तन सीमित मन असीम है !
दिल छोटा सा रब अपार है,
रूप लघु अरूप अनंत !
चाहे कितने भी
व्यवधान आए मार्ग में
पर मिठास कम न होगी
रंग में भंग न होगा |
बड़े-बूढ़े कहते हैं कि जल में रह कर मगरमच्छ से बैर नहीं करना चाहिए. इस व्यावहारिक वेद-वाक्य की अगर कोई फ़न्ने खां भी अनदेखी करता है तो उसकी किस्मत निश्चित रूप से फूटती है, उसे भांति-भांति के पापड़ बेलने पड़ते हैं और कभी-कभी जेल की चक्की भी पीसनी पड़ती है.
आज का सफ़र यहीं तक
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत आभार आदरणीया अनीता सैनी 'दीप्ति' जी|
आभार सहित धन्यवाद अनीता जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! परमात्मा रूस और यूक्रेन को सदबुद्धि दे। पठनीय रचनाओं के सूत्रों से सजी सुंदर प्रस्तुति, आभार!
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने के लिए सभी को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसराहनीय अंक, सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा,वाह वाह।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंमदिर और मादक प्रस्तुति ने तो चौंका ही दिया। हार्दिक प्रसन्नता प्रदान करने के लिए आभार। हम सबों का आप यूँ ही मन मोहती रहें और हम कहीं से खींचें चले आए। हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंमुझे सम्मलित करने का आभार
अति सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर! विविध रंगों का शानदार समायोजन लेकर आई हैं प्रिय अनिता जी, बहुत बहुत सुंदर प्रस्तुति, सभी लिंक बेहतरीन, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंमेरे शब्द सृजन को इन पन्नों पर सहेजने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।