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शुक्रवार, मई 06, 2011

"कर दो सभी को सावधान" (चर्चा मंच-507)


मित्रों!
आज शुक्रवार है।
देखिए ब्लॉगिस्तान की पिछले 24 घण्टों की खास हलचल!  
 सबसे पहले पढ़िए
मेरे अरमान.. मेरे सपने.. पर यह भावप्रणव रचना!
 झा जी कहिन में अजय कुमार झा कर रहे हैं

रोज़ एक चिट्ठी से ...

लगे हाथों मनसा वाचा कर्मणा में
पर भी एक नजर जरूर डाल लीजिए! 
डॉ.डण्डा लखनवी ने

मानवीय सरोकार पर प्रस्तुत किया है!

 पत्नीजी थी डाटती,पतिजी थे भयभीत 
अस्थि चर्म मम देह मह,तामे इसी प्रीत तामे इसी प्रीत.. ...

संगीता स्वरूप जी बता रहीं है इस रचना के माध्यम से
सिद्धार्थ - 
कौन से ज्ञान की खोज 
में 
किया था तुमने पलायन 
जीवन से ? ... ....

समयचक्र पर महेन्द्र मिश्र बता रहे हैं-
चलते चलते कुछ याद आ जाता है और मन फिर वही लिखने बैठ जाता है...
फाड़ कर लिख दिया है ॥ 
जरा स्वाद लें . जब वे लिखते हैं तो छप्पर फाड़ कर लिखते हैं... ...


Meri Katputliyaan पर लेकर आईं हैं-
होता है ना ऐसा
कोई दिन
बहता हुआ
इकट्ठा होने लगता है
किसी कीचड़ भरे
डबरे की तरह
रुका हुआ
.........

समालोचन पर देखिए!
कहानी संवाद है 
राजेंद यादव राजेद्र यादव अपने लेखन के कारण प्रशंसित, 
संपादन के कारण चर्चित और अपने जीवन के कारण विवादित रहे हैं

वन्दना जी को मुशायरा में देखकर बहुत अच्छा लगा!
मैं इनका मुशायरा में इस्तकबाल करता हूँ!
"काश !"

काश ! दिल न होता
तो यहाँ दर्द न होता

काश ! आँखें न होती
 
तो इनमें आंसू न होते... ...

क्या आपने कभी सोचा है कि हम सारी उम्र २४ घंटे साँस लेते रहते हैं 
और हमें पता भी नहीं चलता ।...

अंतर्मंथन पर डॉ.टी.एस.दराल प्रस्तुत कर रहे हैं!

मनोज पर हरीश प्रकाश गुप्त जी की
एक समीक्षा लगी है!

My Photo
सतीश सक्सेना

युवा दखल पर है!
मार्क्स के जन्मदिवस पर अठारह वर्ष की उम्र में लिखी उनकी कविता 

Coral जी बता रहीं हैं!
हर तरफ गर्मी की छुट्टियों की तैयारियाँ चल रही है। 
मुझे भी अपनी बचपन के वो दिन याद आ गए जब मैं स्कूल जाती थी।....
गुटखा ये पाउच वाला, 
जिसने भी मुंह में डाला 
गुटखा ले लेगा उसकी जान 
कर दो सभी को सावधान....................... 
कितने ही मर गए इससे,
कितने ही मिट गए इससे...
अलबेला खत्री जी कर रहे हैं सावधान!


माँ जुटी हुई हैं संघर्ष में। रसोई की टोटी आज फिर से बहने लगी है शायद। घर चाहे कितना भी बड़ा हो। घर का मालिक भी चाहे जितना बड़ा हो।

कुछ कह नहीं सकता. शायद ही इससे अधिक बर्बर कृत्य कोई और हो. 
ये जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन महसूस तो कर ही लेते हैं. 
कटने वाले किसी पशु-पक्षी को उस समय देखिये...

स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है ...
देश में बुजुर्गों की बढती संख्या और औसत आयु 
इसे प्रमाणित भी करती है ...आज चिकित्सकों के पास...
ज्ञानवाणी पर वाणी शर्मा जानकारी दे रहीं हैं "बूटाटी" की

❀अर्पित ‘सुमन’❀ पर है एक सुन्दर अभिव्यक्ति

AAWAZ पर पढ़ लीजिए इस मोस्ट वाण्टेड
रश्मि प्रभा जी के ब्लॉग


ज्ञान दर्पण में रतन सिंह शेखावत जी लाए हैं

 भारत में महिलाओं का बिंदी लगाना एक बहुत ही आम बात है। 
विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। 
वैसे भी इसे लगाने से ललाट की शोभा बढ जाती है।...
अन्त में राष्ट्रकवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त जी की ये पंक्तियाँ!
"एक समय जो ग्राह्य दूसरे समय त्याज्य होता है!
ऊष्मा में हिम के कम्बल का भार कौन ढोता है?"

34 टिप्‍पणियां:

  1. विस्तृत चर्चा ...
    चर्चा में शामिल किये जाने का बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. अच्छे लिनक्स की चर्चा .....धन्यवाद्

    जवाब देंहटाएं
  3. हम तो बेकरार रहतें हैं की आप हमारे पोस्ट चर्चा मंच मैं शामिल करें /और हमें अच्छे-अच्छे सन्देश पढने को मिले /.इतने बदिया पोस्ट चर्चामंच मैं शामिल करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई /

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छा लगा आज का चर्चामंच।

    आपको बधाई।

    मार्कण्ड दवे।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरती से सजाया है आज का चर्चा मंच !

    मुझे बहुत ख़ुशी हुई जब इस गुलदान में मेरा पहला ही फूल लगा देख कर --धन्यवाद !!!

    जवाब देंहटाएं
  6. बढ़िया चर्चा है भाई जी ! आपके दिए लिंक पढ़ रहा हूँ !
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  7. sidhahast hanthon se sankalit ,sampadit
    manohari srijan bahut achhe lage, aashanuru /
    shukriya ji /

    जवाब देंहटाएं
  8. bahut hi badhiya charcha he,

    Kajal Kumar ji ka cartoon bhi tak hansa raha he!

    जवाब देंहटाएं
  9. dhnyavaad meri post ko shaamil karne ke liye...........

    charcha manch ke sabhi pathakon ko aakhaateej ki badhaai !

    bahut hi achhe link mile.thanks !

    जवाब देंहटाएं
  10. आज तो बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं………सभी लिंक्स शानदार्…………बहुत सुन्दर और सारगर्भित चर्चा…………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सृजनात्मक और सुंदर लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच |कई लिंक्स के लिए आभार
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  12. काफी अच्छे लिंक्स मिले .आभार सुन्दर चर्चा के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  13. bahut badhiya charcha ...meri post ko shamil karne ke liye abhari hun...

    जवाब देंहटाएं
  14. Shashtri ji...meri rachna ko sthan dene ke liye bahut bahut shukriya.....

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुन्दर चर्चा..आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

    श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.

    जवाब देंहटाएं
  17. बढ़िया चर्चा
    बहुत अच्छे लिंक्स मिले ...आभार

    जवाब देंहटाएं
  18. bahut susangathit tareeka se prastut ke gayee charcha.meri kavita ko sthan dene ke liye aapka bahut bahut aabhar.bahut sarthak links ka sanyojan badhai.

    जवाब देंहटाएं
  19. शास्त्री जी आपका बहुत बहुत आभार मेरी पोस्ट 'राम जन्म-आध्यात्मिक चिंतन -३' को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए.मेरा सभी सुधिजनों से विशेष आग्रह है कि वे इस पोस्ट पर आकर अपने सुविचारों की आनंद वृष्टि कर पोस्ट को सार्थकता प्रदान करें.

    आपने एक से एक खूबसूरत लिंक दिए है.इसके लिए भी आपका धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत खूब , मैं ब्लॉग जगत में नया हूँ सो मेरा मार्गदर्सन करे..
    www.anjaan45.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  21. क्या में अपनी पोस्ट चर्चा मंच पर भेज सकता हूँ । अगर हाँ तो कैसें ।

    जवाब देंहटाएं

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