दोस्तों! मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ फिर हाज़िर हूँ सोमवारीय चर्चामंच पर बहुरंगी चर्चा लेकर। सदी के महान् साहित्कार, व्यंग्यकार और भारतीय सामाजिक परिवेश के वास्तविक तथा सच्चे चितेरा आदरणीय श्रीलाल शुक्ल जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। अब चलते हैं सीधे लिंकों पर-
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नं. 1-
परम् ख़ुशी का विषय है कि पूरी दुनिया में शायद पहली दफ़ा ब्लॉग पर स्थित किसी सामग्री को शोध में शामिल किया गया है और इस पुनीत कार्य को अंजाम दिया है शालिनी पाण्डेय जी ने। उन्होंने हिन्दी के चुनिन्दा यात्रा-वृत्तों को, जो ब्लॉग पर प्रकाशित हैं, अपने शोध में शामिल किया है। इससे न केवल हिन्दी ब्लॉग-लेखन को बढ़ावा मिलेगा अपितु उसकी गुणवत्ता में भी इजाफ़ा होगा। शालिनी जी यक़ीनन बधाई और धन्यवाद की पात्रा हैं। उनके इस साधु प्रयास को देखिए उनके ब्लॉग "हिन्दी भाषा और साहित्य" पर 'ब्लॉगों पर स्थित कुछ प्रमुख यात्रा-वृत्त तथा उनके लेखकों का परिचय और समीक्षण' नामक शीर्षक में
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2-
अरुण कुमार निगम जी का कहना है 'प्यार में हिसाब नहीं जानता' तो भाई निगम जी आप जानेगे ही कैसे जब प्यार में हिसाब होता ही नहीं
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दोहे: तन-मन-धन-जन-अन्न -mahendra verma
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भारतीय काव्यशास्त्र–89 -आचार्य परशुराम राय
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अमृता तन्मय के शून्य दिमाग़ में...
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हमारा तिरंगा -ZEAL
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नवजात में आँख के परदे की समस्याएँ -कुमार राधारमण
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वाह रे, रथयात्री!! -उड़न तश्तरी ....
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11-
पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा- तीसरा दिन (धाकुडी से द्वाली) प्रस्तुतकर्ता नीरज जाट
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आधा सच... अब तो देर हो गई अन्ना... -महेन्द्र श्रीवास्तव
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क्यों लोग दोहरेपन से जीते ? -निरंतर
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इनायत हो गयी... विशाल जी! बधाई
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18-
साधना वैद्य जी का एक और तमाशा
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19-
असफल क्यूं -आशा
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20-
वेरा की लड़ाई---जो न कह सके--- सुनील दीपक जी
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पचरंगी फूल खिलाओगे! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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काँच के रिश्ते? -निवेदिता
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मेरा आईना झूठ बोलता है---च् च् च्
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और अन्त में
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ब्लॉग कमाने में कितना सहायक? अनुभव और उदाहरण
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आज के लिए इतना शायद पर्याप्त होगा, फिर मिलने तक नमस्कार!