आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
शायद ही किसी को इस दिवस की याद आई हो । वैसे देशवासी तो इस समय व्यस्त हैं । आजकल राबर्ट वाड्रा के चर्चे खूब हैं । वैसे यह नया मामला नहीं । यह तो हमारे राजनेताओं की परम्परा रही है । अपनों का घर भरना । सरकारी पैसे से बादशाहों-सा जीवन जीना और जब बिल भरने की बारी आती है तो इन्हें हर चीज उस कीमत से भी कम पर मिलती है जिस कीमत पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को मिलती है । सचमुच हमारा देश राम भरोसे चल रहा है ।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
शायद ही किसी को इस दिवस की याद आई हो । वैसे देशवासी तो इस समय व्यस्त हैं । आजकल राबर्ट वाड्रा के चर्चे खूब हैं । वैसे यह नया मामला नहीं । यह तो हमारे राजनेताओं की परम्परा रही है । अपनों का घर भरना । सरकारी पैसे से बादशाहों-सा जीवन जीना और जब बिल भरने की बारी आती है तो इन्हें हर चीज उस कीमत से भी कम पर मिलती है जिस कीमत पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को मिलती है । सचमुच हमारा देश राम भरोसे चल रहा है ।
चलते हैं चर्चा की ओर
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आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
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हड्डियां ......बढ़िया भावानुवाद .
जवाब देंहटाएंमैं आउंगी जल्द ही
जवाब देंहटाएंबढ़िया साक्षी चाँद की गूंगा है तो क्या ,
गवाह तो फिर गवाह है .
चाँद भी तो गूंगा निकला
ऊसर में कांस फूलने को वे व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत करते हैं । गरीब कन्या की दशा पर वे कहते हैं -
जवाब देंहटाएंवो बेबस चिड़िया / फडफड़ाती हुई /
दबंगों के हाथों में झूल रही थी / उस घड़ी गाँव में
ऊसर में / कांस फूल रही थी । ( पृ - 22 )
प्रजातंत्र की भी यही हालत है वाड्रागेट के दौर में .बढ़िया संग्रह कृति और कृतिकार परिचय और सटीक समीक्षा .
ऊसर में कांस फूलने को वे व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत करते हैं । गरीब कन्या की दशा पर वे कहते हैं -
जवाब देंहटाएंवो बेबस चिड़िया / फडफड़ाती हुई /
दबंगों के हाथों में झूल रही थी / उस घड़ी गाँव में
ऊसर में / कांस फूल रही थी । ( पृ - 22 )
प्रजातंत्र की भी यही हालत है वाड्रागेट के दौर में .बढ़िया संग्रह कृति और कृतिकार परिचय और सटीक समीक्षा .
युवा कवि सुधीर मौर्य का प्रेम काव्य
बढ़िया एहसास , बढ़िया सिलसिले हैं
जवाब देंहटाएंयूं आओ तो कारोबार चले .बढ़िया प्रस्तुति है .
बढ़िया एहसास , बढ़िया सिलसिले हैं
जवाब देंहटाएंयूं आओ तो कारोबार चले .बढ़िया प्रस्तुति है .
सिलसिले
सुंदर लिंक्स,बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंदेखते हैं फिलवक्त तो शिक्षा और सेहत वरीयता के हाशिये पर हैं .उम्मीद पे दुनिया कायम है .इस देश में हर सम्पादकीय उम्मीद बंधाता है .देश इन उम्मीदों पे ही ज़िंदा है वरना कोयलाखोर इसे भी स्विस बैंक में
जवाब देंहटाएंगिरवीं रख देते .
ईलाज की कीमत ..........इलाज़ ......
इनका हरमिंदर साहब किधर है जग ज़ाहिर है .लो कल लो बात बिल्ला हरमिंदर साहब चला ........इनकी इस प्रति -बढता ने ही भारत को भारत से भ्रष्ट बना
जवाब देंहटाएंदिया है .अब और प्रति -बढता नहीं चाहिए ...सर !
चुटकी
इनका हरमिंदर साहब किधर है जग ज़ाहिर है .लो कल लो बात बिल्ला हरमिंदर साहब चला ........इनकी इस प्रति -बढता ने ही भारत को भारत से भ्रष्ट बना
जवाब देंहटाएंदिया है .अब और प्रति -बढता नहीं चाहिए ...सर !
एक साथ चालीस टिप्पणिया हड़प गया स्पैम बोक्स .खुदा खैर करे .
मनमोहन जी का ज़िक्र चला और बिल्ले ने अपनी औकात बतला दी .
अरे मूर्ख , राष्ट्रीय दामाद से क्यों लिया तूने पंगा ,
जवाब देंहटाएंलगता है बनाना रिपब्लिक अनादी से है नंगा .
अशुद्ध रूप तुने हटायें ..............
सच होगा ,शायद साबित हो गया ,
शौहर बहुत लफंगा .
बढ़िया रचना शानदार जानदार तंज आज के इंतजामिया पर .
क्यों लिया पंगा
जवाब देंहटाएंकल के लोह पुरुष आज के मोम पुरुष क्यों...........लौह .......?
कल की की तेज तरार नेत्री आज की गूंगी गुडिया क्यों.....गुड़िया ..?
किसी समय इस देश के लोगो।।।।।(लोगों )..... को गर्व होता था की देश में भाजपा जैसा विपक्ष है, आज भी मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा है फिर क्यों विपक्ष देश से नदारद है..................?
२०१४ में भाजपा नहीं हरेगी।।।।(हारेगी )......., हारेगा देश, हारेगा हिंदुत्व, भाजपा की हार इस देश के लिए वो षती(क्षति )..... होगी जिसकी भरपाई ये देश सदियों तक नहीं कर पायेगा.....
लोकतंत्र में विपक्ष देश और आम आदमी की अवाज होता है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में बेठे इन लोगो।।।।।(लोगों ).....ने आम आदमी की अवाज।।।।।।।(आवाज़ ),,,,, का गला क्यों घोटा...घोंटा ........
भाजपा को बचाने के लिए भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व का परिवर्तन आज समय की मांग है और भाजपा के कार्यकर्ताओ।।।।।।।(कार्यकर्ताओं )..... से अपील है इस और अवश्य सोचे........सोचें ........
क्या विपक्ष की भूमिका सुब्रमनियम स्वमी।।।।।।।।(सुब्रामनियम स्वामी )..... और बाबा राम देव ही निभाए।।।।।(निभाएं ),,,,, भाजपा का कोई फ़र्ज़ नहीं......?
काफी बिन्दुओं पर आपसे सहमती .
नायक बने खलनायक
जवाब देंहटाएंजनहित के नाम पर नंगा नाच करने वाले ऐसे ही दंपत्ति सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुइश खुर्शीद को बेनकाब किया आज तक ने अपने खास कार्यक्रम आपरेशन दृटराष्ट में। .......धृतराष्ट्र .......
धृतराष्ट्र
आपको हैरानी होगी कि गोरखधंधे में लिप्त जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद सलमान खुर्शीद हैं और इसकी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद है। ....हैं .....
देश से भ्रष्टाचार हटाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं ........मनमोहन सिंह .एक एक करके सब अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन यूं ही करते रहेंगे जैसे सलमान जी खुर्शीद जी कर रहें हैं .बढ़िया रिपोर्ट महेंद्र जी .
खुर्शीद दम्पति
जवाब देंहटाएंजिसके पास जो है वह वही बांटता है .ख़ुशी है तो ख़ुशी खीझ है तो खीझ .हमारी उपस्थिति से ही माहौल बनता है दरो -दीवार से नहीं .अन्दर का तनाव बहार के माहौल को भी तनाव ग्रस्त बनाता है .बढ़िया पोस्ट .
क्या दे रहे हैं आप