आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
चर्चा मंच परिवार में जुड़े हैं नए सदस्य इंजीनियर प्रदीप कुमार सहनी । पेशे से वे भले ही इंजीनियर हों मगर कवि हृदय रखते हैं, इसीलिए कविता से विशेष लगाव है उन्हें । मंच से जुड़ने पर उनका हार्दिक स्वागत है ।
चलते हैं चर्चा की ओर
*********
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
************
वाह गाफिल साहब !वो मज़मून भांप लेंगे लिफाफा देख कर .
जवाब देंहटाएंखर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद ।
जवाब देंहटाएंकौड़ी बनती अशर्फी, देता रविकर दाद ।
देता रविकर दाद, मास केवल दो बीते ।
लेकिन दुश्मन ढेर, लगा प्रज्वलित पलीते ।
कुछ भी नहीं उखाड़, सकोगे कर के चर्चे ।
करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे ।
खर्चे कम बाला नशीं = वीरु भाई व्याख्या कर दें कृपया ।।
सत्ता का सिक्का चलता है ,
सांसद संसद में बिकता है ,
बे -इज्ज़त कुर्सी को पकडे है ,
जीजे की सरकार ,
भजमन हरी हरी .
हाँ भाई साहब कम खर्च बाला नशीं का मतलब वाही है जो हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा का निकलता है ,.कम खर्च बाला नशीं का एक अर्थ और निकलता है जैसे कोई छोटी बहर की बड़ी सुन्दर गजल लिख दे कमसे कम खरचे में .यानी कम खर्च में सुन्दर और टिकाऊ काम .
वाह गाफिल साहब !वो मज़मून भांप लेंगे लिफाफा देख कर .
जवाब देंहटाएंखर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद ।
जवाब देंहटाएंकौड़ी बनती अशर्फी, देता रविकर दाद ।
देता रविकर दाद, मास केवल दो बीते ।
लेकिन दुश्मन ढेर, लगा प्रज्वलित पलीते ।
कुछ भी नहीं उखाड़, सकोगे कर के चर्चे ।
करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे ।
खर्चे कम बाला नशीं = वीरु भाई व्याख्या कर दें कृपया ।।
सत्ता का सिक्का चलता है ,
सांसद संसद में बिकता है ,
बे -इज्ज़त कुर्सी को पकडे है ,
जीजे की सरकार ,
भजमन हरी हरी .
हाँ भाई साहब कम खर्च बाला नशीं का मतलब वाही है जो हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा का निकलता है ,.कम खर्च बाला नशीं का एक अर्थ और निकलता है जैसे कोई छोटी बहर की बड़ी सुन्दर गजल लिख दे कमसे कम खरचे में .यानी कम खर्च में सुन्दर और टिकाऊ काम .
खर्चे कम बाला नशीं, कितना चतुर दमाद ।
जवाब देंहटाएंकौड़ी बनती अशर्फी, देता रविकर दाद ।
देता रविकर दाद, मास केवल दो बीते ।
लेकिन दुश्मन ढेर, लगा प्रज्वलित पलीते ।
कुछ भी नहीं उखाड़, सकोगे कर के चर्चे ।
करवा लूँ सब ठीक, चवन्नी भी बिन खर्चे ।
खर्चे कम बाला नशीं = वीरु भाई व्याख्या कर दें कृपया ।।
सत्ता का सिक्का चलता है ,
सांसद संसद में बिकता है ,
बे -इज्ज़त कुर्सी को पकडे है ,
जीजे की सरकार ,
भजमन हरी हरी .
हाँ भाई साहब कम खर्च बाला नशीं का मतलब वाही है जो हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा का निकलता है ,.कम खर्च बाला नशीं का एक अर्थ और निकलता है जैसे कोई छोटी बहर की बड़ी सुन्दर गजल लिख दे कमसे कम खरचे में .यानी कम खर्च में सुन्दर और टिकाऊ काम .
जाने किस जद्दोजेहद में मर गया
परिंदा था सियासी ज़द में मर गया
हुआ जो भी ऊँचा इस आसमाँ से
अपने आप ही वो मद में मर गया
मशाल
बहुत खूब कही है दोस्त .
बहुत सुन्दर लिंक संयोजन....विर्क जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुत की है आपने भाई दिलबाग जी!
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पठनीय हैं!
आभार!
तुम साधक बन हर शब्द का
जवाब देंहटाएंआह्वान करती मन के मंदिर में
एहसासों के दीप जलाती
मिटाती हर मन के क्लेश को
अलौकित करती हर भावना को .....आलोकित
सद्भावनाओं के द्वार पर
प्रतीक बनती विनम्रता का
बढ़िया रचना है भाव जगत को आलोकित करती पाठक के .
तुम साधक बन हर शब्द का
जवाब देंहटाएंआह्वान करती मन के मंदिर में
एहसासों के दीप जलाती
मिटाती हर मन के क्लेश को
अलौकित करती हर भावना को .....आलोकित
सद्भावनाओं के द्वार पर
प्रतीक बनती विनम्रता का
बढ़िया रचना है भाव जगत को आलोकित करती पाठक के .
कुर्सी के ख़्वाब हर इक की आँख में मिले
जैसे किसी जुनून का साया पसर गया
उसको ख़ुशी की छाँव में धोखे मिले फ़कत
तपकर दुखो की आंच में कुछ तो निखर गया।।।।।।।।।।।।दुखों ........
आकाश ख्वाहिशों का तभी छूने थी चली
सैंयाद कैंचियों से सभी पर कतर गया।।।।सैयाद
शानदार अलफ़ाज़ और मिजाज़ की गज़ल है .
कुर्सी के ख़्वाब हर इक की आँख में मिले
जवाब देंहटाएंजैसे किसी जुनून का साया पसर गया
उसको ख़ुशी की छाँव में धोखे मिले फ़कत
तपकर दुखो की आंच में कुछ तो निखर गया।।।।।।।।।।।।दुखों ........
आकाश ख्वाहिशों का तभी छूने थी चली
सैंयाद कैंचियों से सभी पर कतर गया।।।।सैयाद
शानदार अलफ़ाज़ और मिजाज़ की गज़ल है .
...जी चाहता है...उड़ जाउं आकाश में...........और समेट लूं हाथों में सारा रंग........और उड़ेल दूं उन पर......जो दिन गुजरने का मातम बनाते हैं......आखिर ढलेगी तब न चांदनी बिखरेगी......
जवाब देंहटाएंरचनाकार रश्मि at 7:12 PM
प्रिय भारत वासियों ,
जवाब देंहटाएंआज ''इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड '' के नाम से एक सामूहिक ब्लॉग का आगाज़ कर रहा हूँ.इसके बारे में मै आपको आज इस पहली पोस्ट के जरिये ही बता रहा हूँ.ये एक सामूहिक ब्लॉग है.जिसमे ब्लोग्स अपडेट्स होती रहेगी।।।।।।।।।।(रहेंगी )...........इसमें कोई भी अपना ब्लॉग शामिल करवा सकता है.इस ब्लॉग के ब्लोग्स अपडेट्स ,और साप्ताहिक ब्लॉग चर्चा में उन्ही ब्लोगर्स के ब्लोग्स को शामिल किया जायेगा ,जो की ''इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड '' के सदस्य होंगे.हर सदस्य ब्लोगर के ब्लॉग का अपडेट यहाँ होता रहेगा.इसमें साप्ताहिक चर्चा भी होगी.जिसमे।।।।।।।।।।(जिसमें )......... अलग अलग ब्लोग्स के लिंक्स भी शामिल किये जायेंगे.और सभी सदस्य ब्लोगर्स में से उनकी ब्लोग्स को यहाँ चर्चा में शामिल किया जायेगा.और साथ ही हम आपको हर हफ्ते एक भारतीय ब्लोगर से मिलवायेंगे.और एक एक कर सभी भारतीय ब्लोगर्स का यहाँ परिचय होगा.सभी उनके बारे में जानेंगे.आप भी अपने बारे में लिख कर यहाँ भेज सकते हैं.आपका भी परिचय करवाया जायेगा.और आपके ब्लॉग का भी प्रमोशन किया जायेगा.
मै इस सामूहिक ब्लॉग के लिए सभी भारतीय ब्लोगर्स से अपील करता हूँ की आप भी इस सामूहिक ब्लॉग का हिस्सा बने.और दूसरों को भी इसका लिंक भेजें.और जल्दी जल्दी इस ब्लॉग के सदस्य बन जाएँ.बहुत जल्द इसका काम शुरू होगा.और जिन जिन ब्लोग्स के लिंक चर्चा में शामिल किये जायेंगे ,उन्हें भी कमेंट्स के जरिये सुचना।।।।।।।।।(सूचना ).............. दे दी जाएगी.
आपका ''आमिर दुबई.''
बधाई आमिर भाई .
"किसका सपना किस चीज़ से जुडा हो कह नहीं सकते ".जुडा शब्द ठीक कर लें .असल शब्द जुडा नहीं जुड़ा है ........जुड़ा .....
जवाब देंहटाएंएक बहुत बड़ा सच अनु ने जो बोला है उसके लिए एक बहुत बड़ा आत्म बल चाहिए .दूसरी मर्तबा किसी का इतना हौसला देख रहा हूँ .पहली मर्तबा एक ब्रह्माकुमारी का इंटर व्यू लिया था -पूछा था आप इस जीवन
में कैसे चली आईं .पहला वाक्य था हम बाँझ थीं ,पति रोज़ मारता था .....
सपने की महत्ता देखे जाने में है पूरा हो न हो .....सशक्त लेखन .
नेता ‘‘निर्लज बयानवीर’’ या ‘‘जनता बेशर्म’’?........निर्लज्ज ........
जवाब देंहटाएंभाईसाहब यहाँ इन बयानों का निहितार्थ एक दो का हम समझाते हैं -सनिया जी कहतीं हैं -गैंग रैप सारे भारत में हो रहें हैं(मतलब साफ़ है , हरियाणा क्यों पीछे रहे ?).
प्रधान मन्त्री कहतें हैं -.विकास के साथ भ्रष्टाचार भी बढ़ता है -पूछा जा सकता है क्या भ्रष्टाचार विकास का फल है .क्या विकास का मतलब होता है फंड लाते जाओ खाते जाओ .
मंद बुद्धि बालक (इसके बारे में क्या कहना ,यह तो उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे आने के बाद भी बाजू चढ़ा के कहते थे ,मैं उत्तर प्रदेश के खेतों में फिर भी आऊँगा ......और इनके गुरु दिग्विजय सिंह जी खुद को
कांग्रेस का चाणक्य समझे बैठे हैं .इन्हें लगता है कांग्रेस का भाग्य इनकी जेब में हैं लेकिन इनकी जेब फटी हुई है .
"ओसामा जी "संबोधन वाले ये वक्र मुखी मूढ़ धन्य इनका बस चले तो भोपाल में ओसामा का मकबरा बनवा दें .
स्थान और महत्त्व - हिंदी निबंध-साहित्य के इतिहास में निबंध लेखकों की पंक्ति में बाबु।।।।।।।( बाबू )........... श्यामसुंदर दास आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के बाद आते हैं। द्विवेदी युगीन निबंधकारों में आपका महत्वपूर्ण स्थान है। द्विवेदी युगीन विचारात्मक निबंधकारों में महत्वपूर्ण होते हुए भी हिंदी निबंध साहित्य में आचार्य रामचंद्र शुक्ल के पश्चात ही आपका स्थान है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर समीक्षा व्यक्तित्व और कृतित्व से पारिचय करवाया आपने .
नित्य नियम से ये हैं न्हाते।।।।।।।।।नहाते ........
जवाब देंहटाएंखुश होकर साबुन मलवाते।।
"होम इज व्हेअर माई डॉग इज "
इन्हें फिरंगी -टॉम कहके आप इनका अपमान कर रहें हैं .नव ईस्ट इंडिया के फिरंगी
तो आजकल कहीं और हैं कहाँ है यह सब जानते हैं .
बढ़िया स्वान गीत .
बहुत सुंदर चर्चा बेहतरीन सूत्र !
जवाब देंहटाएंधोखा मुझको हज़ार बक्शा(बख्शा )...बख्शीश
जवाब देंहटाएंदिल का जिसको दामोमदार बक्शा,........दारोमदार ...........
दिल को उसने मेरे मजार बक्शा,........मज़ार बख्शा ..............
दिल से ऐसे है दुश्मनी निभाई,
जख्मी गम का मुझको करार बक्शा,
अपनी जिसको की जिंदगी हवाले,
काँटों को मेरा सब उधार बक्शा,
साँसों का जिसको था खुदा बनाया,
धोखा उसने मुझको हज़ार बक्शा....
Posted by "अनंत" अरुन शर्मा at Tuesday, October 16, 2012बहुत बढ़िया गजल है दोस्त ये चूक वर्तनी की किसी से भी हो जाती है .हमें भाषा आती है व्याकरण नहीं .
आदरणीय वीरेंद्र सर आपको नमन आपसे इसी तरह के स्नेह की जरुरत है, अगर आप जैसे महान कलाकार हमे संभालेंगे तो एक दिन जरुर संभल जायेंगे. आपके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर लिया है सर.
हटाएंश्री दिलबाग जी को सुन्दर चर्चा प्रस्तुत करने
जवाब देंहटाएंके लिये ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ। चर्चा-मंच के
सभी लिंक पठनीय हैं! भागीरथ-कार्य के
लिये समय निकालने के लिये
शत्-शत् नमन।
आनन्द विश्वास
बहुत सुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंबधाई दिलबाग भाई ||
पठनीय और रोचक लिंक्स से सजा चर्चा मंच बहुत बहुत बधाई दिलबाग जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिलबाग जी बेहद सुन्दर चर्चा है, मेरी रचना को स्थान दिया आपका तहे दिल से शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअंत्यंत रोचक एवं पठनीय चर्चा प्रस्तुत करने के लिए बधाई | हर प्रकार के लिंक्स का खूबसूरत समन्वय | मेरे ब्लॉग का लिंक साझा करने के लिए बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स से सजा रंगारंग चर्चामंच है आज का ! मुझे भी इसमें सम्मिलित करने के लिये आपका धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
जवाब देंहटाएंवाह .. .बेहतरीन लिंक्स लिये हुये उत्कृष्ट प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंshukriya virk ji rajbhasha blog se shyamsunder das ji wali post lene ka.
जवाब देंहटाएंany links bhi bahut upyogi lage.
aabhar.
बहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ....आभार
जवाब देंहटाएंइंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड की पहली ही पोस्ट का चर्चा मंच पर होना मेरे लिए सम्मान है.और चर्चा मंच के सदस्यों का इस सामूहिक ब्लॉग से जुड़ना इससे भी बड़ा सम्मान है.ये यक़ीनन चर्चा मंच का स्नेह ही है जो एक के बाद एक ब्लोग्स मैदान में आ रहे हैं.और उनका प्रमोशन हो रहा है.आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ.और अर्ज़ करता हूँ की आप हमेशां इसी तरह स्नेह बनाये रखीये.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
जवाब देंहटाएंनेताओं को सभी वस्तुएं या तो निशुल्क या फिर सस्ते में
मिलती हैं
महँगा-महँगा घर नेता को सस्ते में
महँगी-महँगी भूमि नेता को सस्ते में
महंगे-महंगे कपडे नेता को सस्ते में
महँगी-महँगी गाड़ियां नेता को सस्ते में
भोग-भोजन-भोज नेता को सस्ते में
यहाँ तक 'न्याय भी नेता को ही मिलता है
हमें कुछ नहीं मिलता.....हम मूर्खाधिपति जो हैं
अपना 'मत' भी इन्हीं नेताओं को दे देते हैं.....
बहुत सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएं