दो चर्चाकरों की आवश्यकता है चर्चा-मंच को -
कृपया स्वयं को प्रस्तुत करें
इस नेक कार्य हेतु-
बढ़िया चर्चा!
अच्छे लिंक्स!!
आपका श्रम सराहनीय है!
जो चर्चा मंच को समर्पित भाव से सजा सकें,
ऐसे कुछ और भी योगदानकर्ता भी तलाश कीजिए न!
रविकर जी!
आभार आपका!!
बाल-श्रम पर विवाद : निगम-धीर-उमा / संगीता दी और रश्मिप्रभा जी भी
रविकर
हालत अति चिंताजनक,दिशा दिखाए कौन
प्रश्न बड़ा खुलकर खड़ा,दसों दिशायें मौन दसों दिशायें मौन , यही वो नौनिहाल हैं जिसके काँधे रखा,सुनहरा कल विशाल है व्यर्थ बिखर ना जाय,कीमती है यह दौलत मिलजुल करें विचार ,सुधारें कैसे हालत ||
भूख कराती काम है ,कैसे जाएँ स्कूल
सबसे पहले उदर है , कैसे जाएँ भूल ?
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1हाइकू
रेखा श्रीवास्तव
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2सौ संस्कारों के ऊपर भारी मजबूरी एक .... (कुँवर जी)
kunwarji's
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3थका हुआ सा एक ख्वाब.....
expression
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4अक्टूबर माह की महानता !
मुकेश पाण्डेय चन्दन
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5एक उल्टी प्रेम-कहानी
मन्टू कुमार
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6बेचारे बगदी लाल जी
Asha Saxena
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7सबके कंधे झुक जाते हैं
"अनंत" अरुन शर्मा
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8तप रे !
निवेदिता श्रीवास्तव
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9गनीमत है ...!!!
सदा
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10एक इकलौते वोट से बना गया प्रधानमन्त्री
ZEAL
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11ओ कलम !!
ई. प्रदीप कुमार साहनी
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12भारतीय राजनीति के आदर्श पुरुष: नाना जी देशमुख (nana ji deshmukh)
अवधेश पाण्डेय
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13आंच-121 : माँ और भादो
मनोज कुमार
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14दोहा छंद वाली समस्या पूर्ति - शंका समाधान
NAVIN C. CHATURVEDI
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15बच्चे तो बस हो जाते हैं ...............
वन्दना
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16वाड्रा गीत
Virendra Kumar Sharma
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18सोलह में शादी की आजादी
Arunesh c dave
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उपभोग या कुछ और?????
रणधीर सिंह सुमन
हरियाणा के कुछ क्षेत्रो में 'फैमिली वाइफ' का प्रचलन सामने आयाहै। फेमिली वाइफ मतलब उसका उपभोग परिवार से सभी पुरुष सदस्य करते है।हरियाणा के लोग फैमिली वाइफ खरीदने केरल जाते है और उन बदकिस्मत महिलाओंके साथ लौटते है, जो न तो किसी को समझ सकती हैं और न ही किसी से बाते कर सकती है। कुछ ऐसी ही स्थिति उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी देखने को मिल जाएगी। जहाँ एक तरफ महिलाओं की स्थिति तो काफी बेहतर मानी जाती है, कुछ सामज तो महिला प्रधान भी है.....। मगर इनके बावजूद कुछ आदिवासी समाज में इनकी दर्दनाक तस्वीर मौजूद है। उत्तर-पूर्व के एक आदिवासी समाज में घर पर किसी मेहमान के आने पर उनका स्वागत घर की बेटियों को उनके सामने परोस कर किया जाता है। जी हाँ, उन मासूमों को मेहमाननवाजी के नाम पर मेहमानों के हमबिस्तर होने पर मजबूर किया जाता है। |
20सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन जी का आज 70 जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं...
Sawai Singh Rajpurohit
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21मुक्तक
Madan Mohan Saxena
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22श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (३६वीं कड़ी)
Kailash Sharma
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23श्री कृष्ण अर्जुन संवाद : "महंगाई"
tarun_kt
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24माँ,,,
Dheerendra singh Bhadauriya
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25"लिखो रक्त की स्याही से..." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
त्रस्त हुआ है लोकतन्त्र अब.
बढ़ती तानाशाही से।
खून सनी है क़ल़म सुख़नवर,
लिखो रक्त की स्याही से।।
गद्दारी के मानदण्ड सब,
मक्कारों ने तोड़ किये।
भोली-भाली जनता के,
सख़्ती से कान मरोड़ दिये।
गन्ध दासता की आती है,
सरकारी मनचाही से।
खून सनी है क़ल़म सुख़नवर,
लिखो रक्त की स्याही से।। |
बापू-दारुबाज को, दारु लेती लील ।
दारु लेती लील, नोचते माँ को बच्चे ।
समझदार यह एक, शेष तो बेहद कच्चे ।
छोड़ मदरसा भाग, प्लेट धोवे इक होटल ।
जान बचा ले आज, सँवारे तब ना वह कल ।
अपराध नहीं बाल श्रम है ये शिक्षा भाई
संवेदनशीलता किसने जतलाई है|
राजनितिक आह ने विपदा में डाल दिया
घर के चिराग यहाँ रौशनी जलाई है||
राम जी के श्रम बल ताड़का का बध हुआ
संघर्ष की शुरुवात हमें दिखलाई है|
श्रम एक बल है अनुभव से भरने का
बालपन के श्रम ने महानता पाई है||