फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, अक्टूबर 13, 2012

“फिर एक नयी शुरुआत” (चर्चा मंच-1031)

मित्रों!
शनिवार की चर्चा की शुरूआत
निम्न गीत से कर रहा हूँ!
"याद दिला देंगे खाला"

अभी दबी है आग राख में, बनने वाली है ज्वाला।
दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।

अपनी तोतली जबान से उआ (बुआ) कहना शुरू करने वाला मेरा भतीजा *अलंकार* 'अंकू' और अपने मित्रों के बीच में 'Alan' के नाम से लोकप्रिय आज 15 अक्‍टूबर को 20 वर्ष पूरे करने जा रहा है, उंगली पकड़कर चलते-चलते दौड़ना सीखा और तोतली ज़बान कब मधुरता के गीत गाने लगी उसका प्रिय शौक गाना है पढ़ाई में अव्‍वल बी.ई. (सिविल) 5वें सेमेस्‍टर में अध्‍ययनरत *अलंकार *फोटो्ग्राफी भी पूरी तन्‍मयता से करता है ... आज के दिन बस यही दुआ है उसकी हर ख्‍वाहिश पूरी हो ...
जिन्‍दगी हर कद़म पर ....
कुछ विचार हैं मेरे मन के तुम्‍हारे मन से उलझे हुए कुछ बिखरे हैं एक-एक कर समेटती जाती हूँ उन्‍हें कई सवाल आंखों में आकर अटक से गए हैं पूछने के लिए सिर्फ पलकों का उठना तुम्‍हें देखना खामोशी से तुम्‍हारा मौन कितनी लड़ाईयां लड़कर पस्‍त हो चुका था बिना कुछ कहे ही बुझा सा मन लिए मेरी सवालिया नज़रों का नज़रों से जवाब देता बस कुछ लम्‍हे खामोशी के मुझसे मांग रहा था ....
खबरगंगा: रंगकर्म : मेरा प्रथम प्रेम

वो दिन भी खूब थे...तब जम कर नाटक किया करते थे ...कई सपने देखा करते..नाटको से ये कर देंगे..वो कर देंगे...क्रांति ला देंगे ...आन्दोलन खड़ा कर देंगे ....जब जीवन का संघर्ष सामने आया..तो सारे जोश की हवा निकल गयी...सच तो यही है कि 'नाटक' कभी हमें दाल-रोटी नहीं दे सकता था....समाज इन्हें बहुत गंभीरता से भी तो नहीं लेता, खासतौर पर हमारे छोटे से शहर में ...फिर सब छूटता गया .... छूटता गया....
दर्शना झावेरी जी के साथ कुछ वक़्त

दर्शना झावेरी जी के साथ कुछ वक़्त मणिपुरी नृत्य का पर्याय बन चुकीं पदमश्री से सम्मानित दर्शना झावेरी जी के नृत्य के साथ-साथ उनके स्वभाव की सौम्यता किसी...
अशोकनामा
तुमसे ही तो........

Kishor se miliye

फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन* * * भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में……….
LADIES SPECIAL.....
ALL LADIES MUST SEE '' ENGLISH VINGLISH ''
आज हिंदी फिल्म ''english vinglish ''देखी.!
देखने में एक आम भारतीय नारी की ज़िन्दगी को दर्शाती हुई ..
म्हारा हरियाणा
मेरा दिल है सनकी
मेरा दिल है पागल, मेरा दिल है सनकी, करता है हरदम ही, ये दिल अपने मन की, खतरा है दिल जैसे, दोस्ती है दुश्मन की, सूरत है तुझ जैसी, इस दिल में दुल्हन की.
दास्ताँने - दिल
 लतामंगेशकर का एक भजन
Film:
EK phool Char Kante Year: लता मंगेशकर की आवाज़ में सुनिये यह भावपूर्ण भजन ! साधना वैद
पार्थ सारथी मंदिर और मरीना बीच

यात्रा
कंप्यूटर वर्ल्ड एक बेस्ट तकनिकी ब्लॉग - डियर रीडर्स ,मैंने आपको पहले भी बताया था की मुझे तकनिकी ब्लोग्स और वेबसाइट्स बहुत ज्यादा पसंद हैं.और मैंने मोहब्बत नामा में भी एक कॉलोम रखा है जिसमे मै…
म्यूजिकलवर्स के लिए एक बेहतरीन वेबसाइट।
दोस्तों अगर आप म्यूजिक के दीवाने है तो आज मैं आपके लिए एक बेहतरीन वेबसाइट का पता लेकर आया हूँ..
गेस्टपोस्ट :फुटकर शैर राधे श्याम शुक्ल - गेस्ट पोस्ट :फुटकर शैर राधे श्याम शुक्ल तेरी सौदागरी ने देश का भूगोल तक बेचा..
कबीरा खडा़ बाज़ार में
सब होड़ में जी रहे हैं - सब होड़ में जी रहे हैं भीड़ में दौड़ रहे हैं ये भी पता नहीं जाना कहाँ है नींद खो रहे हैं चैन खो रहे हैं ऊपर से ढिंढोरा पीट रहे हैं चैन की तलाश में..
भाई फिर तेरी याद आई
My Photo
गधे ने किसी गधे को गधा कह कर आज तक नहीं बुलाया आदमी कौन से सुर्खाब के पर..
उल्लूक टाईम्स
अनचाही वेबसाईट को ब्‍लॉक करे

नेट पर हर प्रकार की बैबसाईट मौजूद है काफी इस प्रकार से वेबसाईट के जिनका प्रयोग आप अपने घर या आफिस मे नही करना चाहत हैं…

माँ !मुझको नहीं मारो


साजिश सुन घरवालों की अजन्मी बिटिया करे गुहार मत मारो मुझे वक्त से पहले सुन लो मेरी पुकार ...... 
अगीत साहित्य दर्पण (क्रमश:) अध्याय-५-भाग एक ..अगीत की भाव संपदा ...ड़ा श्याम गुप्त -*....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
श्याम स्मृति..The world of my thoughts...डा श्याम गुप्त का चिट्ठा..
खाप छाप नुस्खा

सुना है हरियाणा में लड़कियों को बलात्कार से बचाने का एक नुस्खा खाप व चौटाला जी के हाथ लग गया है। यदि लड़कियों की शादी जल्दी जैसे पन्द्रह वर्ष में कर दी जा...

घुघूतीबासूती
अंक शास्त्र

अंक शास्त्र हमारे वेदों*,* उपनिषदों में से निकली हूई एक शाखा है । हमारा धार्मिक जीवन हो या भौतिक जीवन सभी में अंको का स्थान सर्वोपरि है। मालाओं की संख्या*,*नौ ग्रह*,*नक्षत्रों की संख्या*,*मंत्रो की संख्या आदि सभी में अंको की प्रधानता है ।साल*,*सप्ताह*,*महीने*,*वार सभी में अंको की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।यहाँ तक कि हमारे जीवन की साँसों का लेखा*-*जोखा सभी अंको की गिनती पर निर्भर है।तभी तो पुराने समय में ये ऋषि*-*मुनि अपने योग द्धारा अपनी सांसो को नियंत्रित कर कितने*-*कितने वर्षो तक जीवित रहते थे। जब हम जन्म लेते है तो दिन *,*वार*,*महीना*,*साल उसी संख्या से हमारे कर्म और भाग्य का मार...
भारत या इंडिया...?

सवाल बड़ा महत्वपूर्ण है। बरसों से लोगों के जेहन में यह सवाल कौंधता जरूर रहा होगा, लेकिन किसी ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश नहीं की और अब जब एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ऐसी कोशिश की है, सरकार के माथे पर पसीने निकल आए हैं। किसी भी शब्द का हिंदी और अंग्रेजी उच्चारण अलग अलग होता है, लेकिन देश के मामले में ऐसा नहीं होता (भारत को छोड़कर), और जब सूचना के अधिकार के तहत इस तरह का सवाल पूछा गया है तो जवाब देते नहीं बन रहा है। भारत कहें या हिंदूस्तान, इस पर बहस हो सकती है पर भारत और इंडिया, हिंदी और अंग्रेजी में इस तरह का नामकरण प्रचलन में है….
और मैं रिश्ते बोती रही

मैं तो रिश्ते बोती रही पर ये कंटक कहाँ से उगते गए.. मेरे मन स्थिति से विपरीत ये मेरे फूल से अहसासों को छलनी करते रहे और मैं रिश्ते बोती रही स्नेह का खाद डाल प्यार से सिंचित करती रही
और ज़िन्दगी रूकती नहीं !!!

क्यूँ नहीं होता वह सब- जो हम खुली आँखों सपनाते हैं क्यूँ होता है वह -जो हम नहीं चाहते हैं ... कठिन प्रश्न-पत्र की तरह होनी हमेशा आगे खड़ी होती है सोच से परे ज़िन्दगी के हिसाब देती है वह भी ऐसे हिसाब जो कभी एक और एक मिलकर दो होते है कभी एक रह जाते हैं तो कभी शून्य…
दुर्घटना से देर भली... प्रधानमंत्रीजी
manmohan singh cartoon, congress cartoon, corruption cartoon, corruption in india, economic reform cartoon, indian political cartoon
मगर अरबपति बने, फटाफट टुंडे-मुंडे- 
गेस्ट पोस्ट :फुटकर शैर राधे श्याम शुक्ल Virendra Kumar Sharmaat ram ram bhai टुंडे - मुंडे खे रहे, भरी भारती नाव | सात समंदर पार कर, पहुँचेगी उस गाँव ...
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी
ये तुम कौन
इस संध्या की बेला में, जब निपट अकेला बैठा मैं पर भगदड़ के बीचों इस मौन में अठ्ठहासी ये तुम कौन?..
मधुर गुंजन
कूँची नहीं कटारी है : गजल कहने की कोशिश -रूह बदन पर भारी है । ये कैसी बीमारी है ।। दुराचार का एक आरोपी भैया का व्यवहारी है ।। माया ने सबको लूटा- अब तो अपनी बारी है ।…
अनसुलझी पहेली (लघु कथा )
रोज की तरह मंदिर के सामने वाले पीपल के पेड़ की छाँव में स्कूल से आते हुए कई बच्चे सुस्ताने से ज्यादा उस बूढ़े की कहानी सुनने के लिए उत्सुक आज भी उस बूढ़े...
HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR
मलाला यूसुफ़ज़ई.
राख का ढेर समझा तुमने जहाँ दबे पड़े थे शोले ! लो ,उड़ी एक चिंगारी , मलाला यूसुफ़ज़ई ! * हवा चलेगी ,अंगारे दहकेंगे , एक नहीं अनगिनत. मटमैला पट हटा कर,...
शिप्रा की लहरें
फिर एक नयी शुरुआत - डॉ नूतन गैरोला

एक बेडी तोड़ने का प्रयास .. बेहद कस दिया था जिसने जीवन .. बैल की नाक नकेल ..कोल्हू में फिर फिर पेरा गया बैल .. पिंजरे का दरवाजा .. बंद हुआ था ... एक बंद कमरा ... नक्कारखाने में आवाजों का घन सर पर चलता रहा ..
पुरुषों में 'विशेष' होने का अहम्

अगर हम बचपन से बेटों को विशेष होने और लड़कियों को कमतर होने का अहसास कराना बंद कर दें तो स्थिति काफी हद तक सुधर सकती है... क्योंकि इसी अहसास के साथ जब वह बाहर निकलते हैं तो लड़कियों को मसल देने में मर्दानगी समझते हैं... उनकी नज़रों में लड़कियां 'वस्तु' भर होती हैं। यह सब इसलिए होता है कि हम बचपन से बेटों और बेटियों में फर्क करते हैं....
Gmail से पूरे भारत में भेजिए फ्री SMS
उड़ चला पंछी

उड़ चला पंछी.. उड़ चला पंछी… कटी पतंग सा… अपनी यादें छोड ** समस्त बंधनों से हो मुक्त…. उस अनंत आकाश में…
अन्त में देखिए!
ये कार्टून!
कार्टून कुछ बोलता है- गलत आविष्कार के दुष्परिणाम !
कार्टून :- फ़ैशन शो
काजल कुमार के कार्टून

33 टिप्‍पणियां:

  1. सतरंगी चर्चा रंग पर रंग
    बिखेरती फिर आ गई है
    बेहतरीन सूत्रों को साथ
    लिये पटल पर छा गई है
    एक से एक बेहतरीन फूल
    गुच्छे मे बाँध ला गई है
    चर्चा आज मन को भा गई है ।

    जवाब देंहटाएं
  2. जड़-जंगल, उर्वराधरा को, और नहीं बिकने देंगे,
    किसी विदेशी साहूकार को, यहाँ नहीं टिकने देंगे,
    बख़्सेंगे अब नहीं किसी को, जीजा हो या हो साला।
    दीवाली की जोत बना देगी, जन-जन को मतवाला।।

    ललकार भरी है इन स्वरों में ,हुंकारा है आपने ,बिगुल बजाया है जन चेतना का .बधाई


    निर्धन फिर धनवान बनेंगे, वापिस काला धन आयेगा,
    सोनचिड़ैय्या को उसका, खोया आभूषण मिल जायेगा,

    (चिड़िया ,भैया /भैय्या ,भैय्या अशुद्ध रूप है ऐसे ही चिड़िया में ,चिरैय्या गलत हो जाएगा ,चिरैया काफी है .)

    बहुत ओजपूर्ण रचना आ रहीं हैं खटीमा से .

    जवाब देंहटाएं
  3. कार्टून :- फ़ैशन शो


    काजल कुमार के कार्टून

    अजी अब तो इंतज़ार स्लिप ड्रेस का रहता है कैट वाक पर .ड्रेस भी धोखा नहीं देती .

    जवाब देंहटाएं
  4. अपनी तोतली जबान से उआ (बुआ) कहना शुरू करने वाला मेरा भतीजा *अलंकार* 'अंकू' और अपने मित्रों के बीच में 'Alan' के नाम से लोकप्रिय आज 15 अक्‍टूबर को 20 वर्ष पूरे करने जा रहा है, उंगली पकड़कर चलते-चलते दौड़ना सीखा और तोतली ज़बान कब मधुरता के गीत गाने लगी उसका प्रिय शौक गाना है पढ़ाई में अव्‍वल बी.ई. (सिविल) 5वें सेमेस्‍टर में अध्‍ययनरत *अलंकार *फोटो्ग्राफी भी पूरी तन्‍मयता से करता है ... आज के दिन बस यही दुआ है उसकी हर ख्‍वाहिश पूरी हो ...
    जिन्‍दगी हर कद़म पर ....

    कुछ विचार हैं मेरे मन के तुम्‍हारे मन से उलझे हुए कुछ बिखरे हैं एक-एक कर समेटती जाती हूँ उन्‍हें कई सवाल आंखों में आकर अटक से गए हैं पूछने के लिए सिर्फ पलकों का उठना तुम्‍हें देखना खामोशी से तुम्‍हारा मौन कितनी लड़ाईयां।।।।।।।।।(लडाइयां .......) लड़कर पस्‍त हो चुका था बिना कुछ कहे ही बुझा सा मन लिए मेरी सवालिया नज़रों का नज़रों से जवाब देता बस कुछ लम्‍हे खामोशी के मुझसे मांग रहा था ....

    स्वगत कथन सी रचना आताम्लोचन भी करती है बोध भी देती चलती है बीती ताहि बिसार दे ,आगे की सुधि लेई ......

    जवाब देंहटाएं
  5. विचार कणिकाओं में एक ललकार है दहशद गर्दी

    इन्तहा पसंदगी केखिलाफ़ .यकीन मानों तुम मलाला

    केवल तुम नहीं पूरा एक महाद्वीप हो .इससे भी आगे भू

    -मंडल हो .

    मलाला यूसुफ़ज़ई.
    राख का ढेर समझा तुमने जहाँ दबे पड़े थे शोले ! लो ,उड़ी एक चिंगारी , मलाला यूसुफ़ज़ई ! * हवा चलेगी ,अंगारे दहकेंगे , एक नहीं अनगिनत. मटमैला पट हटा कर,...
    शिप्रा की लहरें

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मलाला यूसुफ़ज़ई.
      शिप्रा की लहरें

      उगती जब नागफनी दिल में, मरुभूमि बबूल समूल सँभाला ।

      बरसों बरसात नहीं पहुँची, धरती जलती अति दाहक ज्वाला ।

      उठती जब गर्म हवा तल से, दस मंजिल हो भरमात कराला ।


      पढ़ती तलिबान प्रशासन में, डरती लड़की नहीं वीर मलाला ।।

      हटाएं
  6. रोचक पठनीय सूत्र बढ़िया चर्चा मेरी लघु कथा को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बच्चों ने , जो अभी तक कौवों को हीदेख रहे थे यह सुनते ही अचानक जो पलट कर देखा वो बूढादादा जी गायब था और बच्चे अनसुलझी पहेली को सुलझानेमें लगे थे |

    में बड़ा तंज व्यंग्य व्यंजना के बहु रंग .बधाई इस सशक्त लघु कथा के लिए .

    बृहस्पतिवार, 11 अक्तूबर 2012
    अनसुलझी पहेली (लघु कथा )

    अनसुलझी पहेली (लघु कथा )
    रोज की तरह मंदिर के सामने वाले पीपल के पेड़ की छाँव में स्कूल से आते हुए कई बच्चे सुस्ताने से ज्यादा उस बूढ़े की कहानी सुनने के लिए उत्सुक आज भी उस बूढ़े...
    HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR

    जवाब देंहटाएं


  8. 11 OCTOBER, 2012
    कूँची नहीं कटारी है : गजल कहने की कोशिश
    रूह बदन पर भारी है ।
    ये कैसी बीमारी है ।।

    दुराचार का एक आरोपी
    भैया का व्यवहारी है ।।


    गली चौराहे हर नुक्कड़ पर ,

    पहने खड़ा सफारी है ,

    सबसे बड़ा खिलाड़ी है .

    वो बैठी एक पटवारि है ,

    सबकी मत उसने मारी है .

    वो इटली की महामारी है ,

    हिन्दुस्तान पे भारी है .

    जवाब देंहटाएं


  9. 11 OCTOBER, 2012
    कूँची नहीं कटारी है : गजल कहने की कोशिश
    रूह बदन पर भारी है ।
    ये कैसी बीमारी है ।।

    दुराचार का एक आरोपी
    भैया का व्यवहारी है ।।


    गली चौराहे हर नुक्कड़ पर ,

    पहने खड़ा सफारी है ,

    सबसे बड़ा खिलाड़ी है .

    वो बैठी एक पटवारि है ,

    सबकी मत उसने मारी है .

    वो इटली की महामारी है ,

    हिन्दुस्तान पे ग्रह एक भारी है ,

    जिसको देखो बलिहारी है .

    वो बनी हुई त्रिपुराई है .

    जवाब देंहटाएं
  10. तेज़ सुधारों से भ्रष्टाचार बढ़ा ,ये मुहावरे छोड़ों सरकार भ्रष्ट है पूरी की पूरी इसलिए भ्रष्टा चार बढ़ा .जिसे हाथ न लगा वह ईमानदार है जिसे लगा वह सलमान खुर्शीद है .कोई चारा खा रहा है कोई कोयला और कोई

    विकलांग की कुर्सी ये विकास हो रहा है प्रधानमन्त्री जी देश का .अर्थ शास्त्र के मुहावरे न पढ़ाओ अब मान लो हम भ्रष्टों के भ्रष्ट हमारे ,भ्रष्ट हमें प्राणों से

    प्यारे ,शासन के हैं राजदुलारे ,पटरानी को हैं अति -प्यारे .

    दुर्घटना से देर भली... प्रधानमंत्रीजी

    जवाब देंहटाएं
  11. गेस्ट पोस्ट :फुटकर शैर राधे श्याम शुक्ल
    Virendra Kumar Sharmaat
    ram ram bhai

    टुंडे - मुंडे खे रहे, भरी भारती नाव |
    सात समंदर पार कर, पहुँचेगी उस गाँव |
    पहुँचेगी उस गाँव, जहाँ बचुवा का नाना |
    बचिया का हसबैंड, बताये देश "बनाना" |
    टाटा को सौ साल, चले अब हुंडी-हुंडे |
    किन्तु अरबपति बने, फटाफट टुंडे-मुंडे ||

    जवाब देंहटाएं
  12. आदरणीय शास्त्री सर आपको और सभी को मेरा विनम्र प्रणाम, अच्छे सूत्र संजोये हैं आपने, मेरी रचना को स्थान दिया तहे दिल से शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  13. शस्‍त्री जी का हार्दिक दिल से धन्‍यवाद जो युनिक बलाग पर लिखी गई सामन्‍य पोस्‍ट को यहा स्‍थान दिया इसके लिये मै इस ब्‍लाग का और शास्‍त्री जी का आभार व्‍यक्ति करता हॅ और इस ब्‍लाग ने एक ब्‍लागर को एक ब्‍लागर से जोडने के रूप मे एक कडी का काम किया जो जो काबिलेतारीफ है

    जवाब देंहटाएं
  14. आभार इस व्यंगो से भरपूर चर्चा के लिए शास्त्रीजी !

    जवाब देंहटाएं
  15. मोहब्बत नामा की इस पोस्ट को चर्चा मंच पर शामिल किये जाने पर दिल से शुक्रिया.क्यों की ये पोस्ट किसी नए ब्लॉग के लिए थी.इससे उम्मीद है की उस ब्लॉग को काफी फायदा होगा.मेरे दिल की ये ख्वाहिश भी थी की ये पोस्ट चर्चा में आये.बिन बोले ही ये तमन्ना पूरी हो गई.इस पोस्ट का चर्चा मंच पर शामिल किया जाना यक़ीनन उस नयी ब्लॉग के लिए वरदान साबित होगा.शुक्रिया चर्चा मंच.आप सभी इसी तरह स्नेह बनाये रखियेगा.


    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बढ़िया लिंक्स...सार्थक चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार !

    जवाब देंहटाएं
  17. अच्छे लिंक्स...मेरी पोस्ट को आप ने यहाँ स्थान दिया । उस के लिए आप का मै दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ । आभार..

    जवाब देंहटाएं
  18. रोचक पठनीय सूत्र बढ़िया चर्चा
    मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए हार्दिक आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत बढ़िया लिंक्स...सार्थक चर्चा ..मे्री पोस्ट को स्थान देने के लिए आभा्र..

    जवाब देंहटाएं
  20. shastriji ,aapki lagan aur mehnat ko naman ,nirantar sundar manch pradaan karnaa bahut duruh kaary hai jo aap asaanee se kar lete hein

    जवाब देंहटाएं
  21. बेहद सुन्दर चर्चा शास्त्री जी ... धन्यवाद मेरी रचना ..फिर एक नयी शुरुआत को इसमें सम्मिल्लित कर ... सादर शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  22. धन्यवाद शास्त्री जी आपने 'तराने सुहाने' से मेरी पसंद के गीत को आज के चर्चामंच में शामिल किया ! आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
  23. धन्यवाद शास्त्रीजी ---सुंदर संकलन,आभार....

    जवाब देंहटाएं
  24. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |अच्छी रही चर्चा |मेरा स्ववास्थ्य ठीक न होने के कारण समय पर चर्चा मंच पर ना आ सकी मुझे अफसोस है |
    आशा

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।