1 (अ)“दूध-दही की यह दाता है” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
देखो ये है गाय हमारी।
ये हम सबको है प्यारी।।
जब इसको आवाज लगाओ।
काली कह कर इसे बुलाओ।।।
तब यह झटपट आ जाती है।
अम्मा कह कर रम्भाती है।। 1 (आ)
आज उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमन्त्री
और आंध्रप्रदेश के पूर्व राज्यपाल
पं.नारायण दत्त तिवारी जी
का
88 वाँ जन्मदिन है!
|
2उत्सव
Atul Prakash Trivedi
|
3-Aसाधारण सा ब्लॉग, मिले दो सौ हिट दिन में-रविकर
जानू मैं जानू तुम्हें, बे-इन्तिहा दुलार ।
बिना टिप्पणी ही सही, आते तो हो द्वार ।
आते तो हो द्वार, सदा एहसान तुम्हारा ।
हो जाता है धन्य, हमारा छपना सारा ।
साधारण सा ब्लॉग, मिले दो सौ हिट दिन में ।
रविकर की कुंडली, ख़ास कुछ तो है इनमे ।।
3-Bस्तन-पान संतान, करे जो तेरा बहना -
पसरे सौष्ठव चेतना, अधिक देह पर ध्यान ।
अमृत से महरूम है, वह नन्हीं सी जान ।
वह नन्हीं सी जान, मान ले मेरा कहना ।
स्तन-पान संतान, करे जो तेरा बहना ।
शिशू निरोगी होय, घटे कैंसर के खतरे ।
बाढ़े शाश्वत प्रेम, नहीं बीमारी पसरे ।|
|
4ठूँठ
ई. प्रदीप कुमार साहनी
|
5Untitled
expression
|
6तुम्हारा जिंदा रहना जरूरी है गुल मकई !
रवीन्द्र प्रभात
|
7(171) कुछ शेर
(S.N SHUKLA)
|
8रोज रोज का सड़क छाप बलात्कार
गिरिजेश राव, Girijesh Rao
|
9कोशिश हो रही है --
udaya veer singh
|
10दो महीने का सश्रम कारावास
मनोज कुमार
|
11बुराई पर अच्छाई की विजय
आशा जोगळेकर
|
12असल मुद्दा यह है केजरी वाल साहब !सरकार विपथगामी हो गई है
Virendra Kumar Sharma
|
13भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम....सागर खय्यामी
डा. मेराज अहमद
|
14Arvind Kejriwal and Haryana IAS officer Ashok Khemka Seven Similarites
SM
|
15रामलीला और राजलीला
कमल कुमार सिंह (नारद )
|
18जब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT |
19अधूरे सपनों की कसक (11)रेखा श्रीवास्तव |
20
छिटपुट !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
21विश्व की प्रथम रामलीला
KK Yadav
|
अंत में
पढ़िए
मुँहा -मुँही
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंब्लॉगिस्तान की गतिविधियाँ पाठकों तक पहुँचाने के लिए धन्यवाद!
स्तन-पान संतान, करे जो तेरा बहना ।
जवाब देंहटाएंशिशू निरोगी होय, घटे कैंसर के खतरे ।।।।।।।।।।।शिशु .........कृपया शिशु कर लें ........
बधाई बेहतरीन सजावट की चर्चा मंच छा रहा है .
Virendra Kumar Sharma18 October 2012 18:01
जवाब देंहटाएंपसरे सौष्ठव चेतना, अधिक देह पर ध्यान ।
अमृत से महरूम है, वह नन्हीं सी जान ।
वह नन्हीं सी जान, मान ले मेरा कहना ।
स्तन-पान संतान, करे जो तेरा बहना ।
शिशू निरोगी होय, घटे कैंसर के खतरे ।
बाढ़े शाश्वत प्रेम, नहीं बीमारी पसरे ।|स्तन पान एक फायदे अनेक .
कबीरा खडा़ बाज़ार में
वीरू भाई कवि -हृदय
इटली का दामाद, बना भारत का जीजा ।
पासपोर्ट पे फ्री, लगा इटली का वीजा ।
चाँदी कूटे सिंह सियार सलमान डिसूजा
भाई भतीजावाद, पार्टी पास्ता पीजा ।।
होंठ भींच कर रखो जोर से तेरी बारी -
नमक डाल जख्मों को उसने खु
रचा मींजा ।।
भाई साहब उलटी सीधी चंद पंक्तियाँ लिखकर भेजी ,रविकर जी ने ताल ठोक दी .आशु कवि हैं आप ब्लॉग जगत के .वीरुभाई .
WEDNESDAY, 17 OCTOBER 2012
साधारण सा ब्लॉग, मिले दो सौ हिट दिन में-रविकर
http://dineshkidillagi.blogspot.com/
ये हैं ब्लॉग जगत के आशु कवि रविकर (दिनकर जी ),ब्लॉग चक्रधर .बधाई इस अप्रतिम रचना के लिए .
ReplyDelete
लिंक लिख्खाड से भी टिप्पणियाँ गायब हो रहीं हैं यहाँ से भी ,ऐसे में टिपण्णी कार का हौसला टूटता है .
जवाब देंहटाएंलिंक लिख्खाड से भी टिप्पणियाँ गायब हो रहीं हैं यहाँ से भी ,ऐसे में टिपण्णी कार का हौसला टूटता है .
जवाब देंहटाएंअरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
दहेज – दुर्मिल सवैया
लछमी घर की अति नाज पली , मुख-माथ मनोहर तेज रहे
कल की कलिका ससुराल चली,नम नैनन से सब भेज रहे
मनुहार करें मनमोहन से , सँवरी सजती सुख-सेज रहे
बिटिया भगिनी भयभीत भई, पितु भ्रात दहेज सहेज रहे ||
तन मानव का मति दानव की,धन-लोलुप निर्मम दुष्ट बड़े
उजले कपड़े नकली मुखड़े, मुँह फाड़ खड़े अकड़े-अकड़े
बन हाट बजार बियाह गये, विधि नीति कुछेक गये पकड़े
कुछ युक्ति करो भय मुक्त करो,यह रीत बुरी जड़ से उखड़े ||
टिप्पणियाँ देखें
रविकरOctober 16, 2012 10:44 AM
अरुण निगम के ब्लॉग पर, होता वाद विवाद ।
विगत पोस्टों पर हुआ, पाठक मन क्या याद ?
पाठक मन क्या याद, सशक्तिकरण नारी का ।
बाल श्रमिक पर काव्य, करो अब दाहिज टीका ।
रचे सवैया खूब, लीजिये हिस्सा जम के ।
रहें तीन दिन डूब, पोस्ट पर अरुण निगम के ।।
अजी कौन न मर जाए इस "दिगज्ज चेम्प " कुंडली मार सवैया फैंक प्रतियोगिता पर सवैया और सोरठों पे
पाई - पाई जोड़ता , बाबुल टूटो जाय
ये दहेज दानव भया,बिटिया-मन अकुलाय
बिटिया-मन अकुलाय,बनी क्यों ऐसी रीतें
लालच की बुनियाद ,खड़ी घर में ही भीतें
माँ शंकित चुपचाप , परेशानी में भाई
बाबुल टूटो जाय , जोड़ता पाई - पाई ||
रविकरOctober 17, 2012 7:47 PM
एक पक्ष यह भी --
दाहिज दुल्हन माँग रही, अपनी जननी ढिग माँग सुनावे |
माँग भरी जब जाय रही, वह माँग रही तब जो मन भावे |
जो मइके कम मान मिले, भइया जियरा कसके तड़पावे |
दाहिज का यह रोग बुरा, पहिले ज़र बाँट जमीन बटावे | |
सारंगी और तबले में जब ठन जाती है तब संगत में ऐसा ही होता है .शानदार मुकाबला पक्ष विपक्ष का .दोनों पक्ष के दहेज़ के पोसें ये श्रीमान .......अपनी
अपनी कह गए ,पूरी ढपली तान .
लो जी कल्लो बात .हाथ की हाथ टिपण्णी गायब होमें हैं .(हो रहीं हैं आप क्या भैंसे चरा रहें हैं निकालों इन्हें खान्ग्रेसी स्पैम बोक्स से )
भारत धर्मी समाज की यही है आवाज़
जवाब देंहटाएंमलाला जिंदाबाद
इंडिया अगेंस्ट करप्शन आबाद रहे ........
सेकुलरों में व्याप्त भ्रष्टाचार को देख कर कविवर बिहारी का यह दोहा सहज ही याद आ गया है -
कहलाने एकत बसें ,अहि ,मयूर ,मृग ,बाघ
जगत तपोवन सा हुआ ,दीरघ दाघ ,निदाघ
जेठ की तपती दुपहरिया ने समस्त तपोवन को कायनात को झुलसा दिया है सबको अपनी जान बचाने की पड़ी है .ऐसे में कुदरत ने सांप ,मोर ,हिरन
और बाघ को एक ही घाट पे ला खड़ा किया है .सारा जगत गर्मी से झुलस रहा है ऐसे में पशु अपना परस्पर
हिंसक व्यबहार भूल कर एका दिखा रहें हैं .
राजनीति के चुनिन्दा सेकुलर खेमे की भी आज यही नियति है .कांग्रेसी भ्रष्टों के साथ ,आय ,से ज्यादा संपत्ति में फंसे मुलायम खड़े दिखलाई देते हैं
.भ्रष्टाचार के जोहड़ में फंसी
कांग्रेसी भैंस की पूछ पकड़े आप नासिका स्वर में कह रहें हैं - अरे वो ! केजरीवाल तो सबको ही भ्रष्ट बतला रहें हैं ,बोलने दो उन्हें अपने आप बोलते
बोलते थक जायेंगें .
चैनल कई कांग्रेसी भ्रष्टाचार का वजन कम दिखलाने के लिए कह रहें हैं सभी राजनीतिक दलों को निशाने पे ले रहें हैं केजरी ऐसे में उनकी अपनी
विश्वसनीयता भी कम हो रही है ..
जनार्दन द्विवेदी जी ,कांग्रेस प्रवक्ता साहब , जिस बी जे पी को सांप्रदायिक कह कहके कोसते रहें हैं उसे भड़का रहें हैं यह कहके -सभी बड़े दलों को
सोचना चाहिए .एक जुट हो जाना
चाहिए . पूछा जा सकता है इन वक्र मुखी सेकुलरों की खुद की आज विश्वसनीयता क्या है जबकि मनमोहन जी भी टेलीकोम घोटाले के केंद्र में आगएं हैं .
राजा तो गए सो गए महाराजा अभी बाहर हैं .
और वह पटरानी कह रहीं हैं बी जे पी कांग्रेस को बदनाम कर रही है .मोहतरमा कांग्रेस अपनी करनी से बदनाम हो रही है .किसी के किये नहीं .
बी जे पी के गडकरी और पवार साहब हालाकि वह भी सेकुलर समझे जाते हैं कमसे कम जांच को तो तैयार हैं बाकी भ्रष्ट मोड आफ डिनायल में हैं .नकार
की मुद्रा में हैं .
ऐसे में हैरानी होती है तीन शेर जिनमें एक बब्बर शेर है निर्भय घूम रहें हैं ये हैं क्रमश :सर्व मान्य अशोक खेमका जी ,माननीय केजरी -वार साहब ,और पूर्व
आई पी एस वाई पी सिंह साहब .
रोशन तुम्हीं से दुनिया ,
रौनक तुम्हीं जहां की ,सलामत रहो .
18
जब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा ''कमलेश
18
जवाब देंहटाएंजब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा ''कमलेश
18
जवाब देंहटाएंजब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा ''कमलेश
18
जवाब देंहटाएंजब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा ''कमलेश
भारत धर्मी समाज की यही है आवाज़
जवाब देंहटाएंमलाला जिंदाबाद
इंडिया अगेंस्ट करप्शन आबाद रहे ........
सेकुलरों में व्याप्त भ्रष्टाचार को देख कर कविवर बिहारी का यह दोहा सहज ही याद आ गया है -
कहलाने एकत बसें ,अहि ,मयूर ,मृग ,बाघ
जगत तपोवन सा हुआ ,दीरघ दाघ ,निदाघ
जेठ की तपती दुपहरिया ने समस्त तपोवन को कायनात को झुलसा दिया है सबको अपनी जान बचाने की पड़ी है .ऐसे में कुदरत ने सांप ,मोर ,हिरन
और बाघ को एक ही घाट पे ला खड़ा किया है .सारा जगत गर्मी से झुलस रहा है ऐसे में पशु अपना परस्पर
हिंसक व्यबहार भूल कर एका दिखा रहें हैं .
राजनीति के चुनिन्दा सेकुलर खेमे की भी आज यही नियति है .कांग्रेसी भ्रष्टों के साथ ,आय ,से ज्यादा संपत्ति में फंसे मुलायम खड़े दिखलाई देते हैं
.भ्रष्टाचार के जोहड़ में फंसी
कांग्रेसी भैंस की पूछ पकड़े आप नासिका स्वर में कह रहें हैं - अरे वो ! केजरीवाल तो सबको ही भ्रष्ट बतला रहें हैं ,बोलने दो उन्हें अपने आप बोलते
बोलते थक जायेंगें .
चैनल कई कांग्रेसी भ्रष्टाचार का वजन कम दिखलाने के लिए कह रहें हैं सभी राजनीतिक दलों को निशाने पे ले रहें हैं केजरी ऐसे में उनकी अपनी
विश्वसनीयता भी कम हो रही है ..
जनार्दन द्विवेदी जी ,कांग्रेस प्रवक्ता साहब , जिस बी जे पी को सांप्रदायिक कह कहके कोसते रहें हैं उसे भड़का रहें हैं यह कहके -सभी बड़े दलों को
सोचना चाहिए .एक जुट हो जाना
चाहिए . पूछा जा सकता है इन वक्र मुखी सेकुलरों की खुद की आज विश्वसनीयता क्या है जबकि मनमोहन जी भी टेलीकोम घोटाले के केंद्र में आगएं हैं .
राजा तो गए सो गए महाराजा अभी बाहर हैं .
और वह पटरानी कह रहीं हैं बी जे पी कांग्रेस को बदनाम कर रही है .मोहतरमा कांग्रेस अपनी करनी से बदनाम हो रही है .किसी के किये नहीं .
बी जे पी के गडकरी और पवार साहब हालाकि वह भी सेकुलर समझे जाते हैं कमसे कम जांच को तो तैयार हैं बाकी भ्रष्ट मोड आफ डिनायल में हैं .नकार
की मुद्रा में हैं .
ऐसे में हैरानी होती है तीन शेर जिनमें एक बब्बर शेर है निर्भय घूम रहें हैं ये हैं क्रमश :सर्व मान्य अशोक खेमका जी ,माननीय केजरी -वार साहब ,और पूर्व
आई पी एस वाई पी सिंह साहब .
रोशन तुम्हीं से दुनिया ,
रौनक तुम्हीं जहां की ,सलामत रहो .
बेहतरीन गज़ल है -वातावरण की मानसिक कुन्हासे की सृष्टि करती है यह गजल एक वाहियात बदलाव की तरफ इशारा भी .
जवाब देंहटाएंदरो दीवार पे दिखतीं हैं अब पूडल की तस्वीरें ,
बने भारत के जीजा इटली के दामाद की हीरें .
16
तस्वीरें
Kunwar Kusumesh
Kunwar Kusumesh
शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012
कहलाने एकत बसें ,अहि ,मयूर ,मृग ,बाघ जगत तपोवन सा हुआ ,दीरघ दाघ ,निदाघ
http://veerubhai1947.blogspot.com/
कमल कुमार जी नारद सावन के अंधे को हरा ही हरा नजर आता है एक परिवर्तन को एक बदलाव को वह नकारने की मुद्रा बनाए रहता है .अब इससे ज्यादा इस नारद लीला के बारे में क्या कहा जाए .अपने नाम के
जवाब देंहटाएंअनुरूप तो अभिनय न सही अभिनीत ही हो आजो ,बड़ी मेहरबानी होगी .भारत धर्मी समाज को पनपने से अब कोई कीड़ा रोक नहीं सकेगा दिमागी या भौतिक कैसा भी .
रामलीला और राजलीला
कमल कुमार सिंह (नारद )
नारद
सुन्दर चर्चा .
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ,रविकर जी .
जवाब देंहटाएंएक शेर है तो दूसरा बब्बर शेर है .नारद दियो बताय भैया नारद दियो बताय .
14
Arvind Kejriwal and Haryana IAS officer Ashok Khemka Seven Similarites
SM
Politics To Fashion
सश्रम कारावास के नियम बहुत कठिन थे। सत्याग्रहियों के जोश को कुचलने के लिए जेलवासियों पर तरह-तरह के जुल्म ढाए जाते। उनसे पत्थर तुड़वाया जाता था, पाखाने साफ़ करवाए जाते थे, तालाब खुदवाए जाते थे। गाड़ियों में भर कर क़ैदियों को उन जगहों पर ले जाया जाता जहां सड़क बन रही होती थी। जेल के वार्डर अपशब्द का इस्तेमाल करते थे। बात-बात पर क़ैदियों की पिटाई कर देते थे। सत्याग्रहियों की मुसीबतों का ठिकाना नहीं था। दिन-भर कुदाली से पथरीली ज़मीन की खुदाई करते-करते गांधी जी के हाथों में छाले पड़ चुके थे। झीना भाई तो बेहोश होकर गिर पड़े थे, पर गांधी जी डटे रहे और साथियों को बराबर हिम्मत बंधाते रहे। नागप्पा नाम का अट्ठारह वर्ष का एक नौजवान तो सर्दियों में बड़े सवेरे काम पर लगाए जाने के कारण निमोनिया का शिकार हो गया और जेल में ही मर गया। किंतु सरकार के दमनचक्र से सत्याग्रही पीछे नहीं हटे।
जवाब देंहटाएंनिग्रो......नीग्रो ,हबशी ........ की दास प्रथा से उन्हें नफ़रत थी। अपने हाथों से उन्होंने कॉन्कॉर्ड, के बाहरी इलाके में वाल्डेन पौंड में एक झोंपड़ी बनाई थी, और उसी में अकेले रहते थे। प्रकृति के सान्निध्य में रहकर वे अपने जीवन यापन का सारा काम ख़ुद किया करते थे। दो वर्षों के इस जीवन से उन्हें काफ़ी संतुष्टि मिली और उन्होंने पाया कि वे अनीति का प्रतिकार कर सकते हैं। उन्होंने कर देने से मना कर दिया। इसके लिए उन्हें जेल की सज़ा हुई। किसी मित्र द्वारा कर अदा कर देने के कारण चौबीस घंटों में ही उनकी रिहाई हो गई, लेकिन इस अनुभव ने उनको सबसे महत्वपूर्ण लेख लिखने की प्रेरणा दे गई – ‘Civil Disobedience’। इसमें उन्होंने लिखा था जो मैं सही और उचित समझता हूं उसे करने का मुझे अधिकार है।
नीग्रो ,हबशी
बहुत उत्प्रेरक प्रसंग .आभार
10
दो महीने का सश्रम कारावास
मनोज कुमार
विचार
"खुदा "हमारे वक्त को आईना दिखलाते शैर .हमारे दौर का तमाम दम्भ ,छल छद्म इस शायरी में मुखर हुआ है पूरे आवेगा के साथ .
जवाब देंहटाएंकौन करता है इबादत सब तिजारत कर रहे ,
हर इबादत गाह में हैं ख्वाहिशें पसरी हुईं .
"खुदा "हमारे वक्त को आईना दिखलाते शैर .हमारे दौर का तमाम दम्भ ,छल छद्म इस शायरी में मुखर हुआ है पूरे आवेगा के साथ .
जवाब देंहटाएंकौन करता है इबादत सब तिजारत कर रहे ,
हर इबादत गाह में हैं ख्वाहिशें पसरी हुईं .
7
(171) कुछ शेर
(S.N SHUKLA)
MERI KAVITAYEN
सुन्दर सरल मनभावन .
जवाब देंहटाएंगाय हमारी गौमाता है।
दूध-दही की यह दाता है।।
देखो ये है गाय हमारी।
ये हम सबको है प्यारी।।
जब इसको आवाज लगाओ।
काली कह कर इसे बुलाओ।।।
तब यह झटपट आ जाती है।
अम्मा कह कर रम्भाती है।।
पं.नारायण दत्त तिवारी जी के 88 वें जन्मदिन पर शुभकामनाऎं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा बेहतरीन लिंक्स !
बढ़िया लिंक्स !
जवाब देंहटाएंइस विस्तृत और बढ़िया चर्चा के लिए आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत से कुछ चुनिन्दा लिंकों की साझेदारी अच्छी रही, बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंरविकर सर चुन-चुन कर लिंक्स इकठ्ठे किये हैं सुन्दर चर्चा , जय माता दी
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर सुबह सुबह, आकर लागे ठीक |
जवाब देंहटाएंदिन सुन्दर हो जात है, सूत्र नीक से नीक ||
सुन्दर लिंक संयोजन | मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार |
सुन्दर लिंक्स से सजी चर्चा....
जवाब देंहटाएंहमारी रचना को शामिल करने के लिए आपकी आभारी हूँ रविकर जी.
सादर
अनु
आना जाना लगा रहे,
जवाब देंहटाएंमन को लुभाना लगा रहे।
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंआभार
बढिया लिंक्स सुंदर च्रर्चा । बहुत आभार हमें भी इस लायक समझा ।
जवाब देंहटाएंपरेशानी तो होती है टिप्पणी ना आने से पर जो खंबे को छू जाते हैं उनसे भी खंबे को एक स्नेहिल स्पर्श तो मिलता ही है ।
बहुत अच्छे लिंक्स...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मंच ...
बहुत बढ़िया चर्चा बधाई आपको
जवाब देंहटाएंएक-से-एक बेहतरीन लिंक्स से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंगुल मकई !विचार दहकता रहता है अंगारों सा कोई फतवा कोई दहशत गर्दी गोली उसे मार नहीं सकती वह और भी पुख्ता हो आजाता है .शिक्षा और
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति तुम्हारा मलाला जन्म सिद्ध अधिकार है .फतवाखोरी करने वाले उसपे डाका नहीं डाल सकते .
प्रदीप जी निस्संग रूह को किसी का ज़वाब यहाँ मिलता कहाँ है ?बढ़िया गुजारिश है उच्छ्वास है .बधाई
जवाब देंहटाएंAAPKI UDARTA HAI JO CHARCHA MANCH PAR RCHNA KO JAGAH MILI ..DHANYWAD
जवाब देंहटाएं